अंतरराष्ट्रीय

BLF की चेतावनी: यूएस-पाकिस्तान डील का चीन पर असर, बलूच विद्रोही बोले – पाकिस्तान के चक्कर में मत आना

द्वारा क्यूरेट किया हुआ: रिज़वान|

पाकिस्तान की सरकार बलूचिस्तान प्रांत के खनिज धन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इस मामले में, चीन और अमेरिका भी सक्रिय रूप से शामिल हैं, जिससे क्षेत्र में विद्रोही समूहों के बीच गुस्सा बढ़ता जा रहा है।

पाकिस्तान बलूचिस्तान
बलूच विद्रोहियों ने लगातार पाकिस्तान की सेना पर हमले किए हैं।
इस्लामाबाद: बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (BLF) ने अपने क्षेत्र की खनिज संपत्तियों पर एक सख्त रुख अपनाया है। इस विद्रोही समूह ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि यदि पाकिस्तान या कोई अन्य विदेशी शक्ति इसके संसाधनों पर नजर रखती है, तो उन्हें इसका गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा। बीएलएफ ने अपने ‘नेशनल लिबरेशन संग्राम’ अभियान को तेज करने की धमकी दी है, और इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन की अपील की है। इस संगठन का उद्देश्य अपने लिए आत्म-प्राधिकार प्राप्त करना है।

एक बयान में, बीएलएफ के प्रवक्ता मेजर गव्ह्रम बलूच ने कहा है कि बलूच स्वतंत्रता संघर्ष 75 वर्षों से चल रहा है और यह एक ऐतिहासिक तथा निरंतर आंदोलन है। उन्होंने कहा कि बलूच लोग आतंकवादी नहीं हैं, बल्कि वे अपनी मातृभूमि, संसाधनों, और राष्ट्रीय पहचान के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

हमारे खनिज धन पर नजर

BLF ने बलूचिस्तान के खनिजों के खनन के संबंध में पाकिस्तान के साथ अमेरिका की हालिया समझौते की निंदा की। गव्ह्रम बलूच ने कहा कि यह निर्णय वाशिंगटन के मानवाधिकारों और लोकतंत्र के प्रति दावों के विपरीत है। अमेरिका ने ग्वादर बंदरगाह और चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के बीच संबंधों को निपटाने में अपना हाथ बढ़ाया है, और वह बलूचिस्तान की खनिज संपत्तियों पर गहरी नजरें गड़ाए हुए है।
BLF ने आक्रोशित होकर कहा कि चीन अपने औपनिवेशिक कार्यों को छिपाने के लिए बलूच स्वतंत्रता आंदोलन को आतंकवाद के रूप में प्रदर्शित कर रहा है। बलूचिस्तान उन सभी के लिए खतरे का क्षेत्र बन जाएगा जो पाकिस्तान के साथ मिलकर उनके संसाधनों की लूट में भागीदार बनते हैं। चीन पहले से ही इस प्रकार का असफल उदाहरण प्रस्तुत कर चुका है, और अब अमेरिका भी इसे दोहराने के लिए तैयार है। इसके अलावा, BLF ने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को भी चेतावनी दी है कि वे इस क्षेत्र में निवेश करने से बचें।

हम ठहरेंगें नहीं

गव्ह्रम बलूच ने सीधे तौर पर खाड़ी देशों, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और चीन को चेतावनी दी है कि जो भी विदेशी शक्ति पाकिस्तान के साथ गठबंधन करेगी, उसे बलूचिस्तान के संसाधनों के शोषण का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान एक आसान लक्ष्य नहीं है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां विरोधियों को बलूच लोगों के प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा।

Related Articles

Back to top button