Anurag Kashyap: Sushant Singh Rajput was Nishaanchi’s top choice but stopped communicating with me.

अनुराग कश्यप अपनी नई फिल्म ‘निशानची’ के प्रमोशन्स में व्यस्त हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि इस फिल्म के लिए उन्होंने दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को पहली बार ऑफर किया था। हालांकि, उस समय परिस्थितियाँ ऐसी थीं कि बात आगे नहीं बढ़ पाई। फिल्म के प्रोजेक्ट को लेकर अनुराग थोड़े कश्मकश में भी थे।
अनुराग का चौंकाने वाला खुलासा
अनुराग ने साझा किया, “मैं सुशांत के साथ ‘निशानची’ बनाना चाहता था। लेकिन उस वक्त उन्हें धर्मा प्रोडक्शन्स की दो बड़ी फिल्में ‘दिल बेचारा’ और ‘ड्राइव’ मिल गईं। जब सुशांत को ये फिल्में मिल गईं, तो मेरी फिल्म के लिए थोड़ा रास्ता मुश्किल हो गया।”
उन्होंने यह भी बताया कि सुशांत ने उनके संदेशों का जवाब देना बंद कर दिया था। जब उन्होंने बातचीत करने की कोशिश की, तो सुशांत ने अपने करियर को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। सुशांत सिंह राजपूत की मौत 2020 में हुई थी, और उनका निधन उनके प्रशंसकों और इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा सदमा था।
फिल्म ‘निशानची’ का सारांश
अनुराग कश्यप ने इस फिल्म को अपने देसी अंदाज में पेश किया है। कहानी दो भाइयों की है, जो एक-दूसरे के समान दिखते हैं, लेकिन उनके जीने का तरीका पूरी तरह से अलग है। फिल्म में मुख्य भूमिका में ऐश्वर्य ठाकरे, मोनिका पंवार, वेदिका पिंटो और जीशान आय्यूब हैं।
कहानी में भाइयों के रिश्ते को दर्शाने का प्रयास किया गया है, जिसमें उनके बीच की सीधी-सादी बातें और पेचीदगियाँ हैं। दोनों भाई अपने-अपने तरीकों से जीवन के निर्णय लेते हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे वे अपनी जिंदगी को बदलते हैं।
ऐश्वर्य ठाकरे इस फिल्म के माध्यम से एक्टिंग की दुनिया में कदम रख रहे हैं। वे फिल्म में बबलू का किरदार निभाने वाले हैं, जो कहानी की मुख्य धारा में है। वेदिका पिंटो, जिन्हें रिंकू के नाम से जाना जाता है, पर बबलू को आकर्षित होते हुए देखा जाएगा। कहानी में एक दिलचस्प मोड़ तब आएगा, जब बबलू का जुड़वां भाई डबलू इस सीन में एंट्री करेगा। परिवार के सभी सदस्य उस विचित्रता को देखकर चौंक जाएंगे।
इस फिल्म का ट्रेलर और प्रमोशन देखने में अनूठा है, जिसमें परिवार के रिश्तों, भाईचारे और जीवन के उतार-चढ़ाव को दर्शाया गया है। फिल्म को लेकर दर्शकों में उत्सुकता बनी हुई है और इसमें समाहित भावनात्मक टकराव दर्शकों को जोड़ने में सफल हो सकता है।
फिल्म ‘निशानची’ का कथानक और पात्रों का विकास यह दर्शाता है कि अनुराग कश्यप एक बार फिर से अपने विशेष रूप में कहानी कहने में माहिर हैं। फिल्म का टोन गहरा और दिल को छू ले जाने वाला है, जिसमें परिवार की जटिलताएँ और भाई-भाई के बीच बुनियादी भिन्नताएँ देखने को मिलेंगी।
इस प्रकार, ‘निशानची’ केवल एक फिल्म नहीं है, बल्कि यह एक भावनात्मक यात्रा है, जिसमें दर्शक खुद को जोड़ पाएंगे। अनुराग कश्यप ने इस फिल्म के माध्यम से जिस तरह से अभिनय की दुनिया में नए चेहरों को मौका दिया है, वह निश्चित रूप से सराहनीय है।
इस फिल्म की कहानी, जिसमें न केवल मनोरंजन है बल्कि कई गहरे अर्थ भी हैं, दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देगी। कैसे एक ही घर में रहने वाले दो भाई अपनी-अपनी राहें चुनते हैं और उनके बीच की प्रतिस्पर्धा कैसे उनके रिश्ते को प्रभावित करती है, यह सभी के लिए एक बड़ा सवाल बनेगा।
भविष्य की उम्मीदें
अनुराग कश्यप की ‘निशानची’ ने कई आलोचकों और दर्शकों की सोच में हलचल पैदा कर दी है। फिल्म का ढंग, इसकी कहानी और पात्रों का चयन सही समय पर कर पाना एक कला है, जिसे अनुराग ने बखूबी निभाया है।
आगे की कहानी में क्या होगा, यह देखने के लिए दर्शक बेताब हैं। क्या बबलू और डबलू के बीच की गहमागहमी रिश्तों में दरार डालेगी या इससे उनके बंधन को मजबूती मिलेगी, यह सब फिल्म के प्रदर्शन के बाद ही स्पष्ट होगा।
इस तरह की कहानियाँ न केवल मनोरंजन करती हैं बल्कि जीवन के उन पहलुओं को भी उजागर करती हैं, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज किया जाता है। अंततः, ‘निशानची’ एक ऐसी फिल्म हो सकती है जो अपनी गहराई और स्पष्टता के लिए जानी जाएगी।
फिल्म के एडवांस बुकिंग के आंकड़े देखकर लगता है कि दर्शक इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। अनुराग कश्यप की पिछली फिल्मों ने भले ही कुछ विवाद पैदा किए हों, लेकिन उन्होंने अपने आप को एक काबिल फिल्ममेकर के रूप में स्थापित किया है।
‘निशानची’ भारतीय सिनेमा की कहानी कहने की शैली में एक नई राह खोलने का मौका दे सकती है। इसलिए, यह जरूरी होगा कि दर्शक इसे देखे और इसके संदेश को आत्मसात करें। फिल्म के प्रदर्शन के बाद की समीक्षाएँ और प्रतिक्रिया इस बात का संकेत देंगी कि क्या ये फिल्म वास्तव में दर्शकों को प्रभावित करने में सफल होती है या नहीं।
दर्शकों को एक नई फिल्म देखने को मिलेगी जिसमें जीवन के रंग, रिश्तों की पेचीदगी और एक अच्छे कहानीकार की कला समाहित है। ‘निशानची’ निश्चित रूप से एक ऐसी फिल्म होगी जो सबकी जुबान पर होगी।