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मोहम्मद शमी ने सेवानिवृत्ति के बारे में की बड़ी बातें, विश्व कप से पहले की थी योजना

मोहम्मद शमी:

टीम इंडिया के प्रमुख गेंदबाज मोहम्मद शमी इन दिनों क्रिकेट से दूर हैं। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के बाद, उन्हें एशिया कप 2025 के लिए भी टीम से बाहर कर दिया गया है। इस बीच, उनकी सेवानिवृत्ति के बारे में एक बड़ा खुलासा हुआ है। बॉलिंग कोच भरत अरुण ने उनके फैसले को लेकर रौशनी डाली है। उनके अनुसार, विश्व कप 2019 से पहले, मोहम्मद शमी ने क्रिकेट से अलविदा लेने का निर्णय लिया था।

विश्व कप में शानदार प्रदर्शन

विश्व कप में मोहम्मद शमी की गेंदबाजी अद्वितीय थी। उन्होंने 2019 विश्व कप में अपने गेंदबाजी कौशल से विरोधी टीमों को काफी परेशानी में डाल दिया था। उसके बाद, 2023 विश्व कप में भी, शमी ने रिकॉर्ड-ब्रेकिंग प्रदर्शन किया और अपनी काबिलियत को साबित किया। हालांकि, वर्ष 2018 में, मोहम्मद शमी खुद को परेशान महसूस कर रहे थे और क्रिकेट को छोड़ने का मन बना रहे थे। उन्होंने अपने कोच को भी अपनी भावनाओं के बारे में बताया था।

क्या आपने पूर्व गेंदबाजी कोच से बातचीत की थी?

भारत के पूर्व गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने एक इंटरव्यू में कहा, “जब शमी अपने व्यक्तिगत जीवन में तनाव से गुजर रहे थे, तो रवि शास्त्री ने उनसे बात की और कहा, ‘अगर आपको किसी मदद की जरूरत है, तो बेझिझक कहें।'”

शमी का फिटनेस टेस्ट में असफल होना

उन्होंने बताया, “2018 में, इंग्लैंड दौरे से पहले हम अफगानिस्तान के खिलाफ एक मैच खेल रहे थे। जब शमी फिटनेस टेस्ट में असफल रहे, तो वह मेरे पास आए और कहा, ‘पाजी, मैं क्रिकेट छोड़ दूंगा।’ मैंने उनसे पूछा, ‘आप क्रिकेट छोड़ने के बाद क्या करेंगे?’ उन्होंने बस कहा कि वह परेशान थे।”

उन्होंने आगे कहा, “हमने उन्हें एनसीए भेजा और केवल यह कहा कि उन्हें शारीरिक रूप से फिट होना है, गेंदबाजी नहीं करनी है। एनसीए में भेजने के तीन सप्ताह बाद, उन्होंने मुझे फोन किया और कहा, ‘पाजी, मैं अब एक घोड़े की तरह दौड़ रहा हूं।’ इस तरह, मोहम्मद शमी ने अपना आत्मविश्वास वापस पाया और इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैच खेले। आखिरी दिन के बाद, उन्होंने 140 किमी प्रति घंटे की गति से गेंदबाजी की।”

शमी की यात्रा और संघर्ष

मोहम्मद शमी की यह यात्रा वास्तव में प्रेरणादायक है। उन्होंने कई बार व्यक्तिगत और पेशेवर चुनौतियों का सामना किया। उनके लिए यह सिर्फ क्रिकेट नहीं था, बल्कि उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। जब वह अपने करियर के एक कठिन दौर से गुजर रहे थे, तब उनके समर्पण और मेहनत ने उन्हें फिर से उठने में मदद की।

टीम की आवश्यकता

शमी की गेंदबाजी टीम इंडिया के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उनके अनुभव और कौशल ने हमेशा टीम को मजबूती दी है। जब शमी ने खुद से क्रिकेट छोड़ने का फैसला किया था, तब टीम को उनके योगदान के महत्व का पता चल गया था। टीम की जरूरत पर, शमी ने फिर से अपनी फिटनेस को दिशा दी और वापसी की। उनका संघर्ष यह दिखाता है कि कभी-कभी आपको अपने लक्ष्य के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, चाहे मुश्किलें कितनी भी क्यों न हों।

भविष्य की योजनाएँ

आगे बढ़ते हुए, शमी की योजनाएं स्पष्ट हैं। वह अपनी फिटनेस और खेल के प्रति समर्पण को बनाए रखना चाहते हैं। उनका लक्ष्य अपनी क्रिकेट यात्रा को आगे बढ़ाना और अपनी टीम के लिए सफलताएं हासिल करना है। जब उन्होंने पिछली कठिनाइयों का सामना किया है, तो निश्चित ही वह भविष्य में भी चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

निष्कर्ष

मोहम्मद शमी का क्रिकेट करियर अब तक कई उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। उनके संघर्ष, समर्पण और मेहनत ने उन्हें भारतीय क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। जब उन्होंने क्रिकेट को छोड़ने का फैसला किया था, तब उनकी वापसी ने यह साबित कर दिया कि असली विजेता वे होते हैं जो मुश्किल समय में भी हार नहीं मानते। शमी का चलन हमें यह सिखाता है कि प्रत्येक कठिनाई में एक अवसर छिपा होता है, जिसे हमें पहचानना चाहिए। उनका क्रिकेट का सफर आगे भी प्रेरित करता रहेगा।

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