आगरा

पड़ोसी के बीच कुत्ते के काटने को लेकर अदालत में विवाद का मामला

आगरा समाचार: कुत्ते के काटने का मामला अदालत में

आगरा में एक कुत्ते के काटने का विवाद अदालत तक पहुंच गया है। स्थानीय निवासी वडिया ने आरोप लगाया है कि उनके पड़ोसी के कुत्ते ने बार-बार उन पर और उनके परिवार पर हमले किए हैं, जिसमें उनके बेटे को भी गंभीर चोटें आई हैं। उन्होंने पुलिस द्वारा उचित कार्रवाई नहीं करने के बाद न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

मामला क्या है?

वडिया का कहना है कि सदर क्षेत्र के जगदीशपुरा में रहने वाली उनकी पड़ोसी ने एक कुत्ता अपने घर में रखा है जो कई बार उनके परिवार पर हमला कर चुका है। उन्होंने इस संदर्भ में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। वडिया का कहना है कि इस कुत्ते ने न केवल उसे, बल्कि उसके बेटे को भी काटा है। इस कुत्ते ने पहले उनकी भैंस पर भी हमला किया था जो संक्रमित होने के कारण मर गई।

वे कहते हैं कि ऐसा लगता है कि उनकी पड़ोसी कुत्ते के लिए कोई कार्रवाई नहीं करने दे रही है, जिसके कारण उन्हें बार-बार खतरे का सामना करना पड़ रहा है। 27 जून को, जब वे अपने बेटे के साथ बाजार से लौट रहे थे, तब अचानक पड़ोसी का कुत्ता उन पर हमला कर दिया। इससे पहले की घटना में, उनके बेटे को 30 जून को उसी कुत्ते ने काट लिया।

पुलिस की भूमिका

वडिया ने कहा कि जब उन्होंने पुलिस को इस मामले की जानकारी दी, तो पुलिस ने कार्रवाई करने से मना कर दिया। इसके बाद, उन्होंने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से अदालत में आवेदन दायर किया। उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि पुलिस को इस मामले में उचित कार्रवाई करने के आदेश दिए जाएं ताकि उनके और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

वडिया ने कहा कि यह मामला केवल उनके लिए नहीं, बल्कि पूरे मोहल्ले के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। अन्य पड़ोसी भी इस समस्या से प्रभावित हैं और वे भी पुलिस की निष्क्रियता से नाराज हैं।

अदालत में दायर मामला

अदालत में दायर किए गए आवेदन में वडिया के अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि कुत्ते के हमलों के कारण उनके परिवार का जीवन जीना दूभर हो गया है। वडिया ने यह भी कहा कि उन्हें कई बार कुत्ते के हमले का सामना करना पड़ा है, जिसके कारण उनकी मानसिक स्थिति पर भी प्रभाव पड़ा है।

उन्हें डर है कि अगर ऐसा जारी रहा, तो उनकी जान को भी खतरा हो सकता है। वडिया का कहना है कि उनके बच्चे मानसिक दबाव में हैं और उन्हें लगातार इस चिंता में रहना पड़ता है कि कब कुत्ता फिर से हमला करेगा।

निष्कर्ष

इस पूरे मामले का प्रभाव केवल वडिया के परिवार तक सीमित नहीं है; बल्कि, यह पूरे मोहल्ले के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है। न्यायालय की भूमिका इस प्रकार के विवादों में महत्वपूर्ण होती है, ताकि वे सही तरीके से निपटाए जा सकें और प्रभावित परिवारों को न्याय मिल सके।

हालांकि, इस मामले ने हमें यह सोचने पर मजबूर किया है कि क्या विधायिका और स्थानीय प्रशासन इस प्रकार के मुद्दों के प्रति उचित कदम उठा रही हैं या नहीं। कानून का उल्लंघन करने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि अन्य लोग इस प्रकार के खतरनाक व्यवहार से सुरक्षित रहें।

विहार में बढ़ते हुए इस प्रकार के मामलों ने जमीनी स्तर पर जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता को उजागर किया है। हमें चाहिए कि हम ऐसे मुद्दों पर ध्यान दें और उन्हें सुलझाने के लिए सुसंगत तरीके से उपाय करें। यह सभी के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने का एक तरीका हो सकता है।

कुल मिलाकर, यह घटना न केवल वडिया के लिए, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी के रूप में भी काम कर सकती है। हमें उम्मीद है कि न्यायालय द्वारा उचित कार्रवाई की जाएगी और प्रभावित परिवारों को न्याय मिलेगा।

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