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एशिया कप में हैट्रिक: 34 वर्षों से कायम एकमात्र अनुभवी खिलाड़ी कौन है?

एशिया कप में हैट्रिक:

एशिया कप 2025 की उलटी गिनती शुरू हो गई है। 9 सितंबर से 8 टीमों के बीच खेला जाने वाला यह टूर्नामेंट 28 सितंबर को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में सम्पन्न होगा। पहला एशिया कप 1984 में आयोजित किया गया था, तब से कई गेंदबाज आए और गए, लेकिन एक ऐसे गेंदबाज हैं जिन्होंने एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया और एशिया कप के इतिहास में अपने नाम को हमेशा के लिए पंजीकृत किया।

यह गेंदबाज और कोई नहीं, बल्कि कपिल देव हैं। कपिल देव ने 1983 में भारत को पहला विश्व कप दिलाया, और एशिया कप के इतिहास में एकमात्र हैट्रिक लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं। इसका मतलब है कि कपिल देव पहले ऐसे गेंदबाज थे जिन्होंने एशिया कप में हैट्रिक ली, और इसके बाद से अब तक किसी भी गेंदबाज ने इस उपलब्धि को नहीं दोहराया है।

अब सवाल यह है कि कपिल देव ने यह हैट्रिक कब ली और किसके खिलाफ। यह बात 1990-91 के सत्र की है। उस समय श्रीलंका और भारत की टीमें फाइनल में आमने-सामने थीं। यह मैच ईडन गार्डन के मैदान पर खेला गया, जहां टीम इंडिया ने 7 विकेट से जीत दर्ज की। इस मैच में, कपिल देव ने 9 ओवर में 31 रन देकर 4 विकेट लिए, जिसमें उनकी हैट्रिक भी शामिल थी।

जब कपिल देव ने गेंद के साथ कहर बरपाया:

इस फाइनल मैच में, श्रीलंका की टीम पहले बल्लेबाजी कर रही थी। उन्होंने इस 45-ओवर के मैच में कुल 204 रन बनाए। कपिल देव ने इस मजबूत श्रीलंकाई टीम को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने हर गेंद के साथ दबाव बनाया, जिससे विपक्षी बल्लेबाजों को हालात से निपटने का कोई मौका नहीं मिला।

इन 3 बल्लेबाजों का शिकार किया गया:

कपिल देव ने अपने करियर में पहली बार रोशन महानामा को अपना पहला शिकार बनाया, जिन्होंने सिर्फ 5 रन बनाए। इसके बाद, उन्होंने अगले ओवर में श्रीलंका की बल्लेबाजी की रीढ़ को तोड़ दिया। उन्होंने दो लगातार गेंदों पर रमेश रत्नायके (0) और सनथ जयसूरिया (5) को आउट कर दिया। इसी के साथ, कपिल देव एशिया कप के इतिहास में हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज बन गए।

टीम इंडिया ने 7 विकेट से मैच जीता:

कपिल देव की शानदार गेंदबाजी के कारण, श्रीलंकाई टीम 45 ओवर में 205 रन बना सकी, जबकि भारत ने 42.1 ओवर में सिर्फ 3 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। इस मैच में संजय मांजरेकर ने 75 रन बनाए, वहीं सचिन तेंदुलकर ने 53 और कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 54 रन का योगदान दिया। कपिल देव की उस हैट्रिक ने भारत के लिए इस फाइनल को यादगार बना दिया और इसे एशिया कप के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज कर दिया गया।

कपिल देव का यह रिकॉर्ड 34 वर्षों के लिए अमर है:

इस बार एशिया कप का 17वां संस्करण शुरू होने जा रहा है, जो 20-20 ओवर के प्रारूप में होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि टी 20 विश्व कप अगले साल 2026 में है। कपिल देव ने 1991 में यह हैट्रिक ली थी, तब से यह 34 साल हो चुके हैं, लेकिन कपिल देव का यह अद्वितीय रिकॉर्ड अभी भी कायम है। कई दिग्गज इस खेल में आए और गए, लेकिन कपिल देव का नाम अकेले एशिया कप की हैट्रिक की सूची में चमकता है। ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार कोई गेंदबाज इस रिकॉर्ड को तोड़ने में सक्षम होगा।

यह एशिया कप ना सिर्फ खिलाड़ियों के लिए बल्कि विश्व कप के लिए भी एक महत्वपूर्ण मंच है। यह टूर्नामेंट न केवल क्रिकेट प्रेमियों का ध्यान खींचता है, बल्कि युवा खिलाड़ियों को भी नई ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करता है।

क्रिकेट के इस महाकुंभ में आठ टीमों के बीच मुकाबले होंगे, जिसमें भारत और पाकिस्तान जैसे क्रिकेट के दो दिग्गज एक-दूसरे के खिलाफ खेलते हुए दिखेंगे। खिलाड़ियों की तैयारी, उनकी तकनीक और उनके कौशल को देखना इस टूर्नामेंट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।

इस एशिया कप में कई युवा खिलाड़ी अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार होंगे, और सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि कौन सा खिलाड़ी कपिल देव की हैट्रिक की धरोहर को आगे बढ़ा सकेगा। उम्मीद की जाती है कि यह टूर्नामेंट क्रिकेट प्रेमियों के लिए रोमांचक और मैचों के अंत तक अद्भुत होगा।

जिस तरह क्रिकेट में पिछले कुछ वर्षों में बदलाव आया है, उसी तरह एशिया कप भी नए रूप और रंग में आ रहा है। युवा खिलाड़ियों का ज़बरदस्त प्रदर्शन, अनुभवियों की दक्षता और टी-20 क्रिकेट का प्रभाव सबकुछ मिलकर इस टूर्नामेंट को और भी खास बना देगा।

कपिल देव की विरासत और उनकी हैट्रिक न केवल भारत की क्रिकेट कहानी का हिस्सा है, बल्कि यह पूरी क्रिकेट दुनिया के लिए प्रेरणा है। ऐसे में, सभी की कामना होगी कि कोई नया सितारा इस रिकॉर्ड को तोड़ सके और नया इतिहास रच सके।

आगामी एशिया कप में ये देखना विशेष होगा कि कौन सा गेंदबाज अपनी काबिलियत से कपिल देव के रिकॉर्ड को चुनौती देने में सफल होता है, और कौन सी टीम चैंपियन की ट्रॉफी अपने नाम करती है।

कुल मिलाकर, यह एशिया कप क्रिकेट के मायनों में एक बड़ी घटना होने वाली है। इसके साथ ही, उम्मीद की जा रही है कि दर्शकों और प्रेमियों का मेला इसे और भी खास बना देगा। इसमें भाग लेने वाली टीमें, खिलाड़ी और प्रशंसक सभी मिलकर इस समारोह को एक यादगार अनुभव बनाएंगे।

कपिल देव की क्रिकेट यात्रा आज भी नए खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत है। उनकी मेहनत, लगन और प्रतिबद्धता ने उन्हें और उनके देश को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक अलग स्थान दिलाया है। एशिया कप का यह संस्करण निश्चित रूप से क्रिकेट के इतिहास में एक नई कहानी लिखेगा।

खेल के प्रति प्रेम और उत्साह, हर खिलाड़ी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। अब देखना होगा कि इस बार एशिया कप में क्या नया देखने को मिलता है।

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