भारत-पाकिस्तान: 10 में से 7 ने कहा – भारत को पाकिस्तान के साथ खेलना नहीं चाहिए, एशिया कप में मुकाबला।

भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच हमेशा से एक जीवंत चर्चा का विषय रहे हैं। हाल ही में एक सर्वेक्षण में कई दिलचस्प तथ्य सामने आए हैं, जो इस मुद्दे पर लोगों की राय को दर्शाते हैं।
सर्वेक्षण के नतीजों के अनुसार, अधिकांश लोग वर्तमान में पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने के पक्ष में नहीं हैं। कुल मिलाकर, 10 में से 7 लोगों ने कहा कि भारत को पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना नहीं चाहिए। इसमें से 69% ने साफ तौर पर अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि भारत को पाकिस्तान के साथ क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए। केवल 25% लोगों ने इससे विपरीत विचार रखा और कहा कि दोनों देशों को क्रिकेट खेलना चाहिए। शेष लोगों ने इस पर कोई राय नहीं रखी।
यह सर्वेक्षण ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय श्रृंखला लंबे समय से स्थगित है। हाल के बड़े टूर्नामेंटों जैसे टी20 विश्व कप और एशिया कप में दोनों टीमें आमने-सामने नहीं आई हैं। इस स्थिति के कारण, भारत-पाकिस्तान क्रिकेट के प्रति जनता की धारणा में एक बड़ा अंतर देखा जा रहा है।
### भारत सरकार का निर्णय
ऑपरेशन सिंदोर के बाद, भारत सरकार ने स्पष्ट रूप से घोषणा की थी कि वह पाकिस्तान के साथ खेलों में शामिल नहीं होगी। भारतीय टीम पाकिस्तान यात्रा नहीं करेगी और पाकिस्तान की टीम को भारत आने की अनुमति नहीं होगी।
हालांकि, बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट जैसे एशिया कप और आईसीसी टूर्नामेंट में भारत भाग ले सकता है, यदि वे तटस्थ स्थान पर आयोजित किए जाएं। हाल में यह कहा गया था कि एशिया कप एक बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट है, इसलिए भारतीय टीम इसे खेलने के लिए आएगी।
### एशिया कप में भारत-पाकिस्तान का मैच
भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप का मैच 14 सितंबर को होगा, जबकि अंतिम मैच 29 सितंबर को आयोजित किया जाएगा। यह टूर्नामेंट टी20 अंतर्राष्ट्रीय प्रारूप में खेला जाएगा और यह 9 सितंबर से शुरू होगा। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद, दोनों देशों की टीमें पहली बार आमने-सामने होंगी।
भारत और पाकिस्तान इस टूर्नामेंट में एक-दूसरे से तीन बार टकरा सकते हैं। समूह चरण के बाद, दोनों के बीच सुपर-4 और फाइनल में टकराव की संभावना है।
### द्विपक्षीय श्रृंखला का अभाव
भारत और पाकिस्तान के बीच 2012-13 सीज़न के बाद से कोई द्विपक्षीय क्रिकेट श्रृंखला नहीं खेली गई है। तब से, इन दोनों देशों की पुरुष और महिला टीमों ने केवल बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट और विभिन्न खेलों के आयोजनों में खेला है।
सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए, भारत ने 2023 में पाकिस्तान में होने वाले एशिया कप में भाग लेने से साफ इनकार कर दिया है। इसके अलावा, 2025 में चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन भी एक तटस्थ स्थान पर किया जाएगा।
वर्तमान में, पाकिस्तान की हॉकी टीम ने भी भारत की यात्रा से इनकार किया है, जबकि एशिया कप हॉकी को 28 सितंबर से राजगीर में शुरू किया जाना है।
भारत-पाकिस्तान क्रिकेट का इतिहास काफी रोमांचक रहा है, लेकिन वर्तमान स्थिति में द्वipक्षीय श्रृंखलाओं का न होना एक बड़ा विचारणीय विषय है।
सामान्य रूप से, भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट केवल खेल नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के राजनीतिक और सामाजिक संबंधों का भी एक प्रतीक है। जब क्रिकेट का सवाल आता है, तो यह केवल बॉल और बैट की बात नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच की गहरी भावनाओं, जुड़ाव और संघर्ष का भी प्रतीक बन जाता है।
देश के नागरिकों की राय में यह सर्वेक्षण दर्शाता है कि लोग खेल के माध्यम से शांति और सुलह की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन वर्तमान राजनीतिक स्थिति और सुरक्षा चिंताओं के कारण दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय खेल की संभावना कम प्रतीत होती है।
इस स्थिति में संतुलन बनाने के लिए, आवश्यक है कि दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग बढ़ाया जाए। खेल हमेशा से एक ऐसा प्लेटफार्म रहा है जहाँ दो विरोधी विचारों के लोग एक साथ आ सकते हैं और संघर्श के बावजूद एक-दूसरे का सम्मान कर सकते हैं।
### निष्कर्ष
अंततः, भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट के संदर्भ में जनता की राय यह दर्शाती है कि भले ही क्रिकेट को एक खेल माना जाता है, लेकिन इसके पीछे की राजनीति और भावनाएं इस खेल को और भी महत्वपूर्ण बना देती हैं।
किसी भी तरह की द्विपक्षीय श्रृंखला की वापसी के लिए, दोनों देशों को आपसी विश्वास और सुरक्षा चिंताओं को हल करना होगा। यही इस खेल की असली भावना है, जो अंततः दोनों देशों को एकजुट कर सकती है।
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट खेल का नया अध्याय कब शुरू होगा, यह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन इस समय जो भी स्थिति है, वह निश्चित रूप से दोनों देशों के लिए चुनौतीपूर्ण है। उम्मीद है कि दोनों पक्ष जल्द ही एक ऐसा रास्ता निकलेंगे जिससे क्रिकेट का खेल फिर से शुरू हो सके।
तो, देखते हैं कि क्या क्रिकेट फिर से दोनों देशों के बीच दोस्ती का पुल बनने का कार्य कर सकेगा।