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सेवानिवृत्ति के बाद पुजारा कोचिंग में जाना चाहते हैं, लेकिन कमेंट्री का भी आनंद ले रहे हैं।

चेतेश्वर पुजारा का भविष्य: कोचिंग और टिप्पणी का विकल्प

सेवानिवृत्त होने के बाद, भारतीय टेस्ट टीम के प्रमुख बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने बताया है कि वह अपने भविष्य में किस दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं। पुजारा ने अपने करियर के अगले चरण के लिए दो मुख्य विकल्प चुने हैं: पहला, क्रिकेट कॉमेंट्री और दूसरा, कोचिंग।

क्रिकेट से जुड़ी रहने की इच्छा

चेतेश्वर पुजारा का मानना है कि क्रिकेट के साथ जुड़े रहना उनके लिए महत्वपूर्ण है, खासकर जब उन्होंने खेल के प्रति अपनी लगन और प्रेम को कभी कम नहीं होने दिया। उन्होंने कहा, “मैंने क्रिकेट से जुड़े कई पहलुओं का आनंद लिया है और मैं उन्हें फिर से अपनाने के लिए तैयार हूं।” वह एक साक्षात्कार में उल्लेख करते हैं कि उन्होंने प्रसारण का काम किया है और इसे बहुत पसंद किया है।

####### चेतेश्वर पुजारा का भविष्य: कोचिंग और टिप्पणी का विकल्प

सेवानिवृत्त होने के बाद, भारतीय टेस्ट टीम के प्रमुख बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने बताया है कि वह अपने भविष्य में किस दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं। पुजारा ने अपने करियर के अगले चरण के लिए दो मुख्य विकल्प चुने हैं: पहला, क्रिकेट कॉमेंट्री और दूसरा, कोचिंग।

क्रिकेट से जुड़ी रहने की इच्छा

चेतेश्वर पुजारा का मानना है कि क्रिकेट के साथ जुड़े रहना उनके लिए महत्वपूर्ण है, खासकर जब उन्होंने खेल के प्रति अपनी लगन और प्रेम को कभी कम नहीं होने दिया। उन्होंने कहा, “मैंने क्रिकेट से जुड़े कई पहलुओं का आनंद लिया है और मैं उन्हें फिर से अपनाने के लिए तैयार हूं।” वह एक साक्षात्कार में उल्लेख करते हैं कि उन्होंने प्रसारण का काम किया है और इसे बहुत पसंद किया है।

कोचिंग का विकल्प

पुजारा ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस, जिसे पहले राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) कहा जाता था, में कोचिंग के विकल्प पर विचार किया है। उन्होंने कहा, “जब भी कोई मौका मिलेगा, मैं कोचिंग की भूमिका में आने के लिए तैयार हूं।” उनका यह उत्साह दिखाता है कि वह अगले पीढ़ी के खिलाड़ियों को अपने अनुभव और ज्ञान से संवारना चाहते हैं।

टेस्ट क्रिकेट का’évolution

पुजारा ने यह भी स्वीकार किया है कि टेस्ट क्रिकेट अब पहले की तरह नहीं खेला जा रहा। वह मानते हैं कि आज के दौर में खेल के सभी तीन प्रारूपों में खेलने की आवश्यकता है। उन्होंने यह सलाह दी है कि युवा खिलाड़ियों को सफेद गेंद क्रिकेट के लिए भी तैयार रहना चाहिए, क्योंकि अब अधिकतर क्रिकेट सफेद गेंदों के साथ खेला जा रहा है।

खुद की स्थिति पर चर्चा

पुजारा ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अपने क्रिकेट करियर के अंत से दुखी नहीं हैं। उन्होंने कहा, “आज के युग में भी एक शास्त्रीय टेस्ट खिलाड़ी के लिए गुंजाइश है, लेकिन समय तेजी से बदल रहा है।” यह उनके व्यक्तित्व को दर्शाता है कि वे सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं और बदलाव को अपनाने के लिए तत्पर हैं।

युवा खिलाड़ियों के लिए संदेश

पुजारा का मानना है कि युवा खिलाड़ियों को भी खेल के सभी प्रारूपों में खेलना चाहिए। उनका यह आदर्श और दृष्टिकोण निश्चित रूप से नई पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

अपने अनुभव साझा करना

एक अनुभवी खिलाड़ी होने के नाते, पुजारा ने यह तय किया कि वह अपने अनुभवों को साझा करना चाहते हैं। वे जानते हैं कि युवा खिलाड़ियों के लिए सही मार्गदर्शन कितना महत्वपूर्ण है, और उन्हें इस दिशा में काम करने की इच्छा है।

अंतिम विचार

चेतेश्वर पुजारा का भविष्य में क्रिकेट से जुड़ना और कोचिंग या कॉमेंट्री में आगे बढ़ना निश्चित रूप से भारतीय क्रिकेट के लिए एक लाभकारी कदम होगा। उनके जैसे अनुभवी खिलाड़ी की मौजूदगी नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक होगी। पुजारा का यह कदम क्रिकेट में उनके योगदान को और भी मजबूती देगा।

उनका सफर यहीं खत्म नहीं होता; इसमें कई नई संभावनाएँ हैं। अब यह देखना है कि पुजारा अपने अगले चरण में कितनी सफलता प्राप्त करते हैं। इस तरह, उनका प्रयास न केवल उनके लिए बल्कि आने वाले खिलाड़ियों के लिए भी एक मिसाल बनेगा। उनकी प्रतिभा और ज्ञान निश्चित रूप से भारतीय क्रिकेट में नई दिशा देती रहेगी।

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