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पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति की बैठक की तिथि तय, ट्रंप के टैरिफ संघर्ष के साए में कब होगी?

पीएम मोदी और शी चिनफिंग की मुलाकात

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच महत्वपूर्ण मुलाकात की तारीख तय हो गई है। यह बैठक शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान तियानजिन में आयोजित की जाएगी। पीएम मोदी अपनी जापान यात्रा के बाद राष्ट्रपति शी के आमंत्रण पर चीन जाएंगे और एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।

मुलाकात की महत्ता

जापान से वापस आने के बाद पीएम मोदी एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन जाएंगे। इस द्विपक्षीय वार्ता में चर्चा की संभावना है, जिसमें अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ के मुद्दे पर बात की जा सकती है। यह वार्ता ऐसे समय हो रही है जब दुनिया के कई देश इन टैरिफ के प्रभावों का सामना कर रहे हैं।

31 अगस्त को होने वाली मुलाकात

पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच मुलाकात 31 अगस्त को होगी। यह भारत के प्रधानमंत्री की पिछले सात वर्षों में पहली चीन यात्रा होगी और जून 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हुई घटनाओं के बाद पहली बार राजधानी में होने वाला द्विपक्षीय संवाद है। इस संदर्भ में यह मुलाकात खास महत्व रखती है।

बीते समय में हुई अंतिम मुलाकात

भारत और चीन के नेताओं के बीच आखिरी बार बैठक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हुई थी, जो 2024 में रूस के कजान में होने जा रहा है। दोनों देशों के बीच सीमा टकराव को समाप्त करने के प्रयासों के तहत, करीब 3500 किलोमीटर लंबी एलएसी पर गश्त करने के समझौते ने द्विपक्षीय संवाद में सफलता की संभावनाओं को बढ़ाया है।

चीन के राजदूत की टिप्पणी

भारत में चीन के राजदूत जू फीहोंग ने बताया कि एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए पीएम मोदी की तियानजिन यात्रा, दोनों देशों के संबंधों में सुधार और विकास की नई दिशा देगी। उन्होंने इस यात्रा की सफलता को महत्वपूर्ण बताया है और कहा कि इसे सफल बनाने के लिए कई प्रयास किए जाएंगे।

मान सरोवर यात्रा का स्वागत

प्रधानमंत्री कार्यालय ने जारी किए गए बयान में कहा गया है कि पीएम मोदी ने पिछले साल कजान में राष्ट्रपति शी से हुई बैठक के बाद से भारत-चीन संबंधों में स्थिरता और सकारात्मक प्रगति का स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि इस प्रगति में कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं।

एससीओ शिखर सम्मेलन का महत्व

प्रधानमंत्री मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन के निमंत्रण के लिए राष्ट्रपति शी को धन्यवाद दिया और इस सम्मेलन के लिए अपनी पूरी समर्थन व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वह शी चिनफिंग से मिलने की उम्मीद कर रहे हैं और इस बैठक को दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के एक अवसर के रूप में देख रहे हैं।

इस तरह, पीएम मोदी और शी चिनफिंग की यह मुलाकात न केवल द्विपक्षीय संबंधों के सुधार प्रक्रिया को मजबूत करेगी, बल्कि वैश्विक मुद्दों पर भी संवाद का एक मंच प्रदान करेगी। दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

निष्कर्ष

इस संदर्भ में, यह महत्त्वपूर्ण है कि भारत और चीन के बीच संबंधों को सुधारने के लिए और व्यावहारिक सहमति बनाने के लिए इस बैठक का उचित उपयोग किया जाए। वैश्विक राजनीति में बढ़ते तनावों और आर्थिक परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए, यह मुलाकात विभिन्न जटिल मुद्दों को सुलझाने का एक बेहतर अवसर साबित हो सकती है।

एक अच्छे संवाद के माध्यम से, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग एक नए युग की शुरुआत कर सकते हैं, जहां दोनों देश एक-दूसरे के साथ मिलकर चलने की दिशा में काम कर सकते हैं। यह न केवल उनके अपने देशों के लिए बल्कि समग्र अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी लाभकारी होगा।

अगर दोनों नेता विभिन्न मुद्दों पर सार्थक वार्ता करने में सफल होते हैं, तो यह न केवल उनकी व्यक्तिगत आस्थाओं को बढ़ावा देगा, बल्कि दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग की भावना को भी सुदृढ़ करेगा। उम्मीद है कि यह मुलाकात दोनों देशों के लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगी।

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