बांग्लादेश चीन से जे-10 सी फाइटर जेट्स खरीदने की योजना बना रहा है; अमेरिका के प्रति चुनौती – अब ट्रंप की प्रतिक्रिया क्या होगी?

बांग्लादेश ने चीन से J-10C फाइटर जेट खरीदने के लिए की बातचीत
बांग्लादेश, जो भारत का एक पड़ोसी देश है, वर्तमान में चीन से जे-10 सी फाइटर जेट खरीदने पर विचार कर रहा है। इस देश की सरकार, जो मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में है, 12 जे-10 सी फाइटर जेट खरीदने की योजना बना रही है। बांग्लादेश की यह कोशिश उसकी वायु सेना के आधुनिकीकरण के उद्देश्य से की जा रही है। मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में चीन की अपने दौरे के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से इस मामले को उठाया।
बांग्लादेश का आधुनिकीकरण
बांग्लादेश अपने तीनों सेनाओं के आधुनिकीकरण पर विचार कर रहा है ताकि वह भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सके। इस संदर्भ में, बांग्लादेश ने चीनी लड़ाकू जेट खरीदने का निर्णय लिया है। बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, आधिकारिक संवाद के जरिए जे-10 सी की खरीद के लिए चर्चा पहले ही शुरू हो चुकी है। यूनुस की टीम के दो सदस्यों ने बातचीत की पुष्टि की है, जिसमें यह बताया गया है कि शी जिनपिंग ने भी जे-10 सी को लेकर यूनुस पर अपनी रुचि व्यक्त की थी।
अमेरिका की चेतावनी
अमेरिका ने बांग्लादेश को चेतावनी दी है कि वह चीन के साथ सैन्य संबंध और सहयोग न बढ़ाए। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि बांग्लादेश का चीन से निकटता बढ़ना क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है। इसलिए, ढाका और वाशिंगटन के बीच बातचीत में चीन का मुद्दा बार-बार उठाया गया है।
जे-10C लड़ाकू जेट का महत्व
चीन का जे-10C एक चौथी पीढ़ी का फाइटर जेट है, जो बहुत सारी आधुनिक तकनीकों से लैस है। यह फाइटर जेट पाकिस्तान द्वारा भी खरीदा गया है, जिसने इसे भारत के राफेल फाइटर जेट के खिलाफ इस्तेमाल किया है। जे-10C दुश्मनों पर लगभग 200 किमी की दूरी से हमला करने की क्षमता रखता है। बांग्लादेशी सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बांग्लादेश इस लड़ाकू जेट को खरीदता है तो इससे भारत के साथ उसके संबंधों में तनाव का जोखिम हो सकता है।
भारत और बांग्लादेश के रिश्ते
भारत-बांग्लादेश संबंधों का इतिहास काफी पुराना है, जो अक्सर जटिल रहा है। बांग्लादेश की चीन के प्रति बढ़ती झुकाव से भारत निश्चित रूप से चिंतित है। दोनों देशों के बीच एक आपसी समझ और भरोसा स्थापित करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में किसी भी खतरे का सामना किया जा सके।
बांग्लादेश का सैन्य दृष्टिकोण
मोहम्मद यूनुस की सरकार ने अमेरिका और चीन के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने का प्रयास किया है। बांग्लादेश के सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका दक्षिण एशिया की भू-राजनीति को देखते हुए बांग्लादेश में चीन की बढ़ती मौजूदगी पर गहरी नजर रख रहा है। भारत के साथ अपने संबंधों को बचाने के लिए बांग्लादेश को विवेकपूर्ण निर्णय लेने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
बांग्लादेश की जे-10 सी फाइटर जेट खरीदने की योजना ने ना केवल चीन-भारत-बांग्लादेश त्रिकोण में नई जटिलताएँ उत्पन्न की हैं, बल्कि यह दक्षिण एशिया में भू-राजनीतिक संतुलन को भी प्रभावित कर सकती है। भारत को अपनी रणनीतियों को नए सिरे से परखने की आवश्यकता है ताकि वह बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को सकारात्मक बनाए रख सके।
िन्हें सभी परिणामों का विचार करना होगा, जिनमें न केवल सैन्य स्थितियाँ बल्कि राजनीतिक और आर्थिक परिणाम भी शामिल हैं। हालाँकि, बांग्लादेश की विद्यमान स्थिति और इसके भविष्य के विकल्प इस पर निर्भर करते हैं कि वह किन स्थिरता और विकास की आदानों में विश्वास रखता है।