राजस्थान SI भर्ती 2021: हाईकोर्ट के आदेश से परीक्षा रद्द, विदेशी उम्मीदवार भी पुनः परीक्षा देंगे।

राजस्थान SI परीक्षा 2021 की रद्दीकरण की पूरी कहानी
राजस्थान उच्च न्यायालय ने उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द कर दिया है। इस परीक्षा के लिए उम्मीदवारों ने न्याय की मांग की थी, और इस मांग को लेकर विभिन्न स्थानों पर आंदोलनों का एक बड़ा सिलसिला देखा गया। छात्र-संगठनों ने सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक अपना विरोध प्रदर्शन किया। आज इस परीक्षा से संबंधित एक महत्वपूर्ण और अंतिम निर्णय सुनाया गया है।
2021 परीक्षा के 859 पदों का नया भर्ती में समावेश
18 नवंबर 2024 को, अदालत ने उन सब-इंस्पेक्टरों की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी जो प्रशिक्षण ले रहे थे। इस निर्णय के साथ ही उच्च न्यायालय ने कहा कि इस भर्ती परीक्षा में कई गंभीर अनियमितताएँ पाई गई हैं। आगामी SI की नई भर्ती में 2021 परीक्षा के 859 पदों को जोड़ा जाएगा, जिसका मतलब है कि इन पदों के लिए नए आवेदकों को भी अवसर दिया जाएगा।
विदेशी उम्मीदवारों के लिए नया अवसर
हाल ही में अदालत के आदेश के अनुसार, ऐसे विदेशी उम्मीदवार जो अब आयु सीमा पार कर चुके हैं, उन्हें भी 2025 SI भर्ती में आवेदन देने की अनुमति प्राप्त होगी। यह निर्णय उन विद्यार्थियों के लिए राहत की बात है जो किसी कारणवश निर्धारित आयु सीमा के अंदर आवेदन नहीं कर सके थे।
परीक्षा का संक्षिप्त विवरण
वर्ष 2021 में, 859 उप निरीक्षक पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में कई डमी उम्मीदवारों की संलिप्तता की खबरें आई थीं। इसके अतिरिक्त, यह भी सामने आया कि परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र लीक हो गए थे। इन अनियमितताओं के चलते राज्य सरकार ने विशेष जांच दल (एसओजी) को मामले की जांच सौंपी थी।
जांच का घटनाक्रम
राजस्थान पुलिस स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के द्वारा की गई जांच में यह तथ्य सामने आया कि परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र दलालों के हाथों तक पहुँच चुके थे। जांच प्रक्रिया में 50 से अधिक “डमी” उम्मीदवारों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें प्रमुख चयनित एसआई भी शामिल थे। उन सभी को निलंबित कर दिया गया, जिसमें एक भर्ती टॉपर भी शामिल था।
याचिका का इतिहास
इस भर्ती परीक्षा के बारे में पहली याचिका 13 अगस्त को दायर की गई थी। उस समय पर्याप्त प्रमाण नहीं होने के कारण पूरी परीक्षा को रद्द करने का निर्णय नहीं लिया गया। हालांकि, बाद में हुई जांच में 68 उम्मीदवारों की धोखाधड़ी पकड़ी गई। तब भी सरकार ने परीक्षा रद्द नहीं की क्योंकि कई उम्मीदवारों ने परीक्षा को ईमानदारी से दिया था।
उम्मीदवारों ने उच्च न्यायालय में दायर इस याचिका का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने परीक्षा को ईमानदारी से पास किया, और कई ने दूसरों सरकारी नौकरियों से इस्तीफा भी दिया था। इस आधार पर, पूरी भर्ती को रद्द करना अन्याय होगा, क्योंकि इस परीक्षा में तीन लाख से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया था।
नई जांच की शुरुआत
2023 में, इस भर्ती परीक्षा के लिए विशेष अन्वेषण टीम (एसआईटी) का गठन किया गया था और एक नई जांच प्रारंभ की गई। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, डमी उम्मीदवार उजागर हुए और उन्हें गिरफ्तार किया गया। इस जांच से यह भी प्रमाणित हुआ कि एक स्कूल के प्रधानाचार्य और परीक्षा केंद्र के अधीक्षक में भी मिलीभगत थी। इन सभी को गिरफ्तार किया गया।
सरकार की ओर से कोई निर्णय नहीं
एसओजी, पुलिस मुख्यालय और कैबिनेट समिति ने इस भर्ती को रद्द करने की सिफारिश की थी, परंतु राज्य सरकार ने इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया। परिणामस्वरूप, राजस्थान उच्च न्यायालय ने सरकार से 26 मई 2025 तक अंतिम निर्णय लेने के लिए कहा है। अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार समय सीमा के भीतर निर्णय नहीं लेती है, तो यह स्वयं इस मामले में निर्णय लेगी।
निष्कर्ष
राजस्थान SI परीक्षा 2021 का मामला केवल परीक्षा में हुई अनियमितताओं का नहीं है, बल्कि यह छात्रों के अधिकारों और न्याय की लंबी लड़ाई का प्रतीक है। कानून और न्याय के प्रति लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि सरकार और न्यायालय सभी अनियमितताओं की जांच करें और उम्मीदवारों को न्याय प्रदान करें। अदालती आदेश और सरकार के निर्णय का तात्कालिक असर कई छात्रों पर पड़ेगा, और इसी के आधार पर भविष्य की भर्ती प्रक्रियाओं को भी प्रभावित करेगा।
यह परीक्षा अब एक महत्वपूर्ण सबक है कि उचित एवं पारदर्शी व्यवस्था बनाए रखने के लिए विस्तार से कदम उठाने की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित करना कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएँ न हों, सरकार और संबंधित एजेंसियों की जिम्मेदारी है, ताकि छात्रों को सच्चे मूल्यांकन का अवसर मिल सके।