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जितू पटवारी और मोहन यादव के बीच विवाद; सीएम ने महिलाओं के शराब बारे में की टिप्पणी – उज्जैन समाचार

सीएम ने कहा- जीतू पटवारी को माफी मांगनी चाहिए।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इशारों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को शराबी कह दिया। वे महिलाओं के शराब पीने वाले जीतू पटवारी के बयान पर बोल रहे थे। सीएम ने कहा कि पता नहीं कहां के आंकड़े ले आए। खुद की उतरी नहीं होगी रात की। सीएम के बयान पर पटवारी ने उत्तर दिया है।

सीएम डॉ. मोहन यादव बुधवार को उज्जैन के गोपाल मंदिर के सामने रीगल टॉकीज की जगह बनने वाले कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स और पार्किंग का भूमिपूजन करने पहुंचे थे। यहां उन्होंने जीतू पटवारी के बयान पर कहा- कोई कहता है कि बहनें पैसा मिल गया तो दारू पीती हैं। शर्म आनी चाहिए, डूब मरना चाहिए।

सीएम ने कहा- तुम ऐसी बात करते हो। माफी मांगनी चाहिए। प्रदेश की जनता माफ नहीं करेगी। बहन बेटी का अपमान ये प्रदेश सहन करने वाला नहीं है। किसी भी हालत में इस बात को बर्दाश्त नहीं कर सकते।

सीएम ने आगे कहा- पता नहीं कहां के आंकड़े ले आए। खुद की उतरी नहीं होगी रात में, पता नहीं क्या हुआ। किसके लिए कह रहे हैं, भगवान जाने। क्या मालूम क्या चक्कर है। जैसी बुद्धि वैसी बात। अच्छा हुआ कि इस बयान का संज्ञान लिया गया है। मैं गारंटी से कह रहा हूं हमारी बहनों का अपमान करने का अधिकार हमारी सरकार और हमारी पार्टी बिल्कुल देने को तैयार नहीं है।

बुधवार को सीएम डॉ. मोहन यादव उज्जैन में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। पटवारी ने सीएम के बयान को विनम्रता से अस्वीकार करने का निर्णय लिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी की मेरे प्रति की गई टिप्पणी उनकी निजी समझ के सरोकारों एवं बौद्धिक स्तर के आकलन से जुड़ी हुई है। मैं पूरी विनम्रता से इसे अस्वीकार करता हूं। आदर्श राजनीति की पहचान है, बहस, संवाद और जनता के मुद्दे सामने लाने की ईमानदारी। न कि बिना प्रमाण के व्यक्तिगत आरोप और अपशब्दों में उलझने की नासमझी।

पटवारी ने कहा कि शराब का ‘सरकारी व्यापार’ प्रदेश का भविष्य बर्बाद कर रहा है। मेरे बयान में प्रदेश की सामाजिक और आर्थिक बेहतरी के लिए आगाह करने वाली आवाज है। बीजेपी सत्ता के समर्थन से फल-फूल-फैल रहे नशे के कारोबार पर लगाम लगाने की है।

दरअसल, जीतू पटवारी ने सोमवार को भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था, ‘मध्य प्रदेश को तमगा मिला है कि महिलाएं सबसे ज्यादा शराब अगर पूरे देश में कहीं पीती हैं तो यहां की पीती हैं। यह समृद्ध मध्य प्रदेश का सपना देखने वाली बीजेपी ने मप्र के हालात कर दिए हैं। देश में शराब की सबसे ज्यादा खपत कहीं है तो मध्य प्रदेश में है।’

पटवारी का यह बयान सामने आने के बाद देशभर में राजनीति बयानबाजी शुरू हो गई। बीजेपी ने इसे लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस की मानसिकता बताते हुए पटवारी से माफी की मांग की। वहीं बीजेपी महिला मोर्चा ने जगह-जगह प्रदर्शन किए।

बयान पर जब ज्यादा बवाल मचा तो जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (NFHS) और सरकारी रिपोर्ट्स के हवाले से यह बात कही है।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव बुधवार को उज्जैन में रीगल टॉकीज के स्थान पर बनने वाले कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स और पार्किंग के भूमि पूजन में शामिल होने पहुंचे थे। यहां उन्होंने करोड़ों के विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया। इसके बाद सीएम यादव द्वितीय वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन सम्मेलन में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उज्जैन दौरे के दौरान ढाबा रोड़ स्थित उज्जैन के सुप्रसिद्ध श्री सांवरिया कचौरी भंडार पर कचौरी खाई और संबंधित व्यापारी से चर्चा की।

द्वितीय वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन सम्मेलन में सीएम के साथ शामिल होने आए केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने कहा कि दुनियाभर से हज करने जाने वाले कुल लोग 1 करोड़ 80 लाख हैं। उमरा करने के नाम पर जो लोग जाते हैं वो 10 मिलियन हैं। इन आंकड़ों की तुलना उज्जैन से करते हुए उन्होंने कहा कि कितने लोग हमारे साथ हैं।

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सॉफ्ट पावर हमारी ताकत बनेगी। चुनौतियां हैं लेकिन ये सिर्फ हमारे सामने नहीं हैं बल्कि पूरे विश्व के सामने हैं। हम एक तरफ आर्थिक, सामाजिक और सामरिक नजरिए से भी प्रगति कर रहे हैं। इसके साथ ही कल्चरल गुड्स को रिवाइव करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तीर्थाटन और संत परंपरा ने भारत को एक बनाने का काम किया है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज का काल भारत का है। दुनिया देख रही है भारत की तरफ। जिस प्रकार से पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण हर तरफ से सुखद समाचार आ रहा है। जो हमसे अपने-आपको प्रतियोगी मान रहे हैं वो असुरक्षा में जी रहे हैं। उन्होंने अपने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने का काम कर रही है।

आध्यात्मिक गुरु गौरांग दास ने कहा कि स्पिरिचुअल टूरिज्म के लिए विश्व में 10 शहर लोकप्रिय हैं। इनमें भारत के चार शहर हैं। इनमें से तीन नॉर्थ इंडिया के हैं। प्रयागराज, अयोध्या और वाराणसी में हर साल 5 करोड़ लोग आते हैं। अभी तक मध्य प्रदेश का कोई शहर इनमें नहीं है। हमारी हार्दिक इच्छा है कि मुख्यमंत्री की पहल से जल्द ही उज्जैन का नाम इन शहरों में शामिल होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि आज से 20 साल पहले जब उज्जैन में इस्कॉन मंदिर आने वाला था तब हमारे यहां 500 करोड़ का एक प्रकल्प प्लानिंग में था, लेकिन कुछ कारणवश वो प्रकल्प नहीं हो पाया। उस समय हमारे गुरु महाराज ने निर्णय लिया कि मध्य प्रदेश नहीं तो कहीं और लेकर आएंगे। तब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उज्जैन डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन थे। उन्होंने हमारे महाराज जी से व्यक्तिगत रूप से संपर्क किया और अनुरोध किया कि मध्य प्रदेश के लिए यह बहुत जरूरी है कि यह संस्था आए।

गौरांग दास ने कहा कि विश्व में कई सारे शहर हैं जो कुछ विशेष योजनाओं के लिए विकसित किए गए हैं जैसे लॉस वेगास। यह इंटरटेनमेंट और नाइट लाइफ के लिए जाना जाता है। पाप कर्मों के लिए विशेष शहर बनाया गया है, आप कल्पना कीजिए। मुंबई फिल्म मेकिंग का हब माना जाता है। सूरत टेक्सटाइल हब माना जाता है, लेकिन एक अत्याधुनिक शहर जो पूरा आध्यात्मिक प्रकल्पों के साथ आध्यात्मिक चेतना को विकसित करने के लिए अभी भी देखना बाकी है। हमें यह खुशी है कि उसकी पहल हमारे मुख्यमंत्री उज्जैन से कर रहे हैं।

श्रीकृष्ण पाथेय यानि जहां-जहां श्रीकृष्ण आए हैं उन्हें विकसित करने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लिया है। महाकाल कॉरिडोर आने के बाद उज्जैन का काफी विकास हुआ है। भारत की जीडीपी का 2.5 प्रतिशत स्पिरिचुअल टूरिज्म से आता है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के एक बयान पर मध्यप्रदेश की सियासत गर्माई हुई है। पटवारी ने सोमवार को भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था, ‘मध्यप्रदेश को तमगा मिला है कि महिलाएं सबसे ज्यादा शराब अगर पूरे देश में कहीं पीती हैं तो यहां की पीती हैं। यह समृद्ध मप्र का सपना देखने वाली बीजेपी ने मप्र के हालात कर दिए हैं। देश में शराब की सबसे ज्यादा खपत कहीं है तो मध्यप्रदेश में है।’

महिलाओं के शराब पीने वाले बयान को लेकर जीतू पटवारी ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि मैंने ऐसी कोई बात नहीं कही। मेरी माताएं और बहनें मेरे लिए पूजनीय हैं। उनके पैरों पर सिर रखकर प्रमाण करता हूं। मैं हमेशा उनके हक और अधिकार की लड़ाई लड़ता आया हूं और बिना डरे लड़ता रहूंगा।

इस बार की राजनीतिक बहस ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि नेताओं के बयान केवल राजनीतिक प्रतिस्पर्धा का हिस्सा नहीं होते, बल्कि ये समाज के संवेदनशील मुद्दों पर गंभीर विचार-विमर्श की आवश्यकता को भी उजागर करते हैं। विशेष रूप से तब जब समाज में शराब की समस्या और उसके सामाजिक-आर्थिक परिणामों पर चर्चा होती है।

इस प्रकार, मध्य प्रदेश की राजनीति में बयानबाजी का दौर एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है, जहां हर पक्ष अपनी आवाज उठाकर मुद्दों को उजागर कर रहा है। ऐसे में यह आवश्यक है कि नेताओं को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास हो और वे समाज के मुद्दों को गंभीरता से लें। यही वह आधार है, जो एक स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान बनाता है।

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