Anurag Kashyap reveals Sushant Singh Rajput stopped responding after his success in major films.

अनुराग कश्यप की सुशांत सिंह राजपूत से नाराजगी
अनुराग कश्यप ने हाल ही में सुशांत सिंह राजपूत के साथ अपने संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सुशांत ने जब बड़े बैनर की फिल्में हासिल कीं, तो उन्होंने उनका फोन उठाना बंद कर दिया। यह स्थिति काफी तनावपूर्ण थी और उन्होंने अपने काम के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं पर भी चर्चा की।
कश्यप ने बताया कि वह सुशांत के साथ अपनी फिल्म “निश्चय” बनाना चाहते थे। इस फिल्म का विचार उनके मन में लंबे समय से था और उन्होंने कई कलाकारों को इसकी स्क्रिप्ट भी साझा की थी। कई अभिनेताओं ने इसमें रुचि दिखाई, लेकिन कश्यप को किसी एक अभिनेता के साथ मन नहीं भरा। उन्होंने कहा, “मैं चाहता था कि इस फिल्म को अच्छे तरीके से बनाऊं।”
जब सुशांत को “दिल बेचारा” और “ड्राइव” जैसी बड़ी फिल्में मिलीं, तब उन्होंने अनुराग कश्यप से संपर्क करना बंद कर दिया। कश्यप ने बताया कि इस दौरान उनकी फिल्म ठंडे बस्ते में चली गई थी। यह स्थिति उनके लिए काफी निराशाजनक थी, क्योंकि वह सुशांत के साथ काम करने के लिए बहुत उत्सुक थे।
2016 में फिल्म का ऐलान
अनुराग कश्यप ने अपने एक साक्षात्कार में बताया कि साल 2016 में वह “निश्चय” फिल्म का ऐलान कर चुके थे। उन्होंने कहा, “यह एक ऐसा प्रोजेक्ट था जिसे मैं सुशांत के साथ करना चाहता था। जब वह बड़े प्रोजेक्ट्स में व्यस्त हो गए, तो मुझे लगने लगा कि शायद ये संभव नहीं है। मेरी फिल्म उस वक्त होल्ड पर चली गई और मैंने भी आगे बढ़ना शुरू किया।”
कश्यप ने बताया कि एक अभिनेता को अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए कई बार समझौते करने पड़ते हैं, लेकिन इस मामले में वह सुशांत के साथ काम करने का मौका नहीं छोड़ना चाहते थे।
सुशांत की समस्या
अनुराग ने एक पुराने इंटरव्यू में बताया था कि सुशांत हमेशा काम की तलाश में रहते थे। उन्होंने कहा, “जब सुशांत ने मुझसे संपर्क करना बंद किया तो मुझे बहुत दुख हुआ। मैंने यह महसूस किया कि शायद मैंने उन्हें सही समय पर जवाब नहीं दिया।”
उनका यह भी मानना था कि अभिनेताओं को उनके करियर में सफलता प्राप्त होने पर भी अपने पुराने रिश्तों को बनाए रखना चाहिए। लेकिन इस स्थिति में कुछ और ही हुआ।
अभय देओल से माफी
अनुराग ने सुशांत और अभय देओल के बीच तनाव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “जब मुझे पता चला कि सुशांत की मृत्यु हो गई है, तो मुझे बहुत पछतावा हुआ। मुझे एहसास हुआ कि मैंने अभय के बारे में कुछ गलत बातें कही थीं, जिसके कारण वह मुझसे नाराज हो गए थे। मैंने उन्हें फोन कर माफी मांगी।”
कश्यप ने बताया कि यह उनकी आत्मा के लिए अपरिहार्य था कि वह अपने दोस्तों और सहकर्मियों के साथ अपने संबंध सुधारें। उन्होंने राष्ट्रपति के जैसे अलंकरण वाले अनुभव को साझा किया, जिसमें वह अपने मोह से मुक्ति पाने में सफल रहे।
निष्कर्ष
अनुराग कश्यप और सुशांत सिंह राजपूत के बीच की यह कहानी एक महत्वपूर्ण पहलू को उजागर करती है कि किसी भी व्यक्ति के साथ काम करने से पहले हमें उनके साथ व्यक्तिगत संबंध बनाना कितना जरूरी है। कई बार सफलता के पीछे दौड़ने के चक्कर में हम उन लोगों को भूल जाते हैं जो हमारे साथ खड़े होते हैं।
यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि हमें अपने भावनात्मक संबंधों को बनाए रखना चाहिए, चाहे परेशानी कितनी भी बड़ी क्यों न हो। फिल्म उद्योग में प्रतिस्पर्धा महत्वपूर्ण है, लेकिन कभी-कभी हमें अपनी जड़ों को नहीं भूलना चाहिए और अपने पुरानों का सम्मान करना चाहिए।
अनुराग कश्यप का अनुभव न केवल उन्हें बल्कि सभी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि अपने काम के बीच में व्यक्तिगत संबंधों का ध्यान रखना कितना जरूरी है। यह कहानी हमें यह भी याद दिलाती है कि जीवन में कभी-कभी हम कुछ खास संबंधों को खो देते हैं, और यह एक गहरी खामी की तरह होता है जो हमें जीवन भर परेशान करता है।