राजनीतिक

मोदी की पवित्रता और सोनिया-राहुल पर भ्रष्टाचार के आरोप: गौरव भाटिया की प्रतिक्रिया

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात मॉडल को ‘वोट चोरी’ का मॉडल करार दिया है। इस पर भाजपा ने तीखा प्रतिवाद करते हुए गांधी परिवार को भ्रष्ट और धोखेबाज बताया है। भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने सोनिया गांधी, रॉबर्ट वाड्रा और राहुल गांधी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी गंगाजल की तरह पवित्र हैं।

राहुल गांधी ने बिहार में एक जनसभा के दौरान मोदी के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान के गुजरात मॉडल की आलोचना करते हुए उसे विकास का नहीं, बल्कि वोट चोरी का नमूना बताया। उनके इस बयान का भाजपा ने सख्त विरोध किया है, जिसमें भाटिया ने कहा कि यदि कोई परिवार भ्रष्ट है, तो वह गांधी परिवार है।

भाटिया ने यह भी कहा कि राहुल गांधी को यह याद रखना चाहिए कि उनके द्वारा उठाए गए ‘चौकीदार चोर है’ नारे का क्या परिणाम हुआ था। उन्होंने यह आरोप लगाया कि गांधी परिवार के सदस्य विभिन्न मामलों में जमानत पर हैं, और इस प्रकार खुद को भ्रष्टाचार से दूर नहीं रख सकते।

भाटिया ने मोदी को गंगाजल की तुलना में पवित्र बताते हुए कहा कि वह हमेशा जनता की सेवा करने के लिए समर्पित रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी पर यह भी आरोप लगाया कि वह अपनी सभाओं में निराधार आरोप लगाते हैं और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हैं।

2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान राहुल ने पीएम मोदी के खिलाफ अपनी बातें की थीं, लेकिन जनता ने उन्हें एकतरफा करारी शिकस्त दी, और इस वजह से उन्होंने उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी का गलत संदर्भ देने के लिए माफी भी मांगी थी। इसी संदर्भ में भाजपा नेता ने कहा कि गांधी परिवार झूठा और भ्रष्ट है।

भाटिया ने आगे कहा कि राहुल गांधी ने संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों के खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है। उन्होंने बिहार में वोट चोरी के खिलाफ अभियान चलाने में उन नेताओं को शामिल किया है, जिन्होंने पहले बिहार के लोगों पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं।

भाटिया ने इस बात का उल्लेख किया कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और पूर्व पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी जैसे लोग, जिन्होंने बिहार के लोगों का अपमान किया है, राहुल गांधी के कार्यक्रमों में शामिल किए गए हैं।

इस तर्क पर उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस तरह के नेताओं को अपने कार्यक्रम में स्थान देना उचित नहीं है, क्योंकि इससे दलगत राजनीति में दरार पड़ती है और राजनीति की गरिमा को ठेस पहुंचती है।

हालाँकि, राहुल गांधी ने अपने बयान में प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों और उनके द्वारा किए गए कार्यों की आलोचना की है, लेकिन भाजपा ने उनसे यह पूछने का प्रयास किया है कि क्या वह अपने परिवार के भ्रष्टाचार के मामलों को अनदेखा कर सकते हैं।

भाजपा ने यह भी कहा कि राहुल गांधी का यह बयान सिर्फ खुद को राजनीतिक पिच पर बने रहने के लिए है। उनकी राजनीतिक ज़मीन चारों ओर से खिसकती जा रही है, और इसी वजह से वह इस तरह के बयान दे रहे हैं।

भाकपा के प्रवक्ता ने अंत में कहा कि जनता को राहुल गांधी जैसे नेताओं की दुविधाओं और उनके बोल पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा हमेशा पारदर्शिता और ईमानदारी के सिद्धांतो पर कार्य करती है, जबकि गांधी परिवार अपने राजनैतिक अस्तित्व को बचाने के लिए निराधार आरोप लगाता है।

ये सभी बातें बेशक राजनीति के गर्म माहौल को दर्शाती हैं। सभी पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का यह सिलसिला चलता रहेगा, लेकिन अंत में यह जनता के हाथ में होता है कि वह किस पर विश्वास करे और किसका साथ दे।

राजनीतिक माहौल में इस तरह के बयान और आलोचनाएँ हमेशा से चलती आई हैं, एवं यह साफ है कि आने वाले चुनावों में राजनीतिक दल अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते रहेंगे।

इन सभी चीजों के बीच, यह जरूरी है कि मतदाता समझदारी से सोचें और सही निर्णय लें। यह उनके न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य से भी संबंधित निर्णय होगा। यदि वे समझदारी से सोचेंगे, तो वे न केवल अपनी आवाज को उठा सकते हैं, बल्कि अपने अधिकारों की रक्षा भी कर सकते हैं।

इसलिए, राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप से ज्यादा महत्वपूर्ण है, वास्तविकता को जानना और सही निर्णय लेना। जनता की आवाज ही असली शक्ति होती है, और यह देखने वाली बात रहेगी कि आगामी चुनावों में यह जनता की शक्ति किस दिशा में काम करती है।

राजनीति में हमेशा संघर्ष और गर्मागर्मी रहती है, लेकिन यह भी सत्य है कि अच्छे काम और सही नीतियों को अपनाकर ही एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है।

इसलिए, हमें चाहिए कि हम इन राजनीतिक मुद्दों को गंभीरता से लें और जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपनी भूमिका निभाएं। हमारा वोट ही हमारी पहचान है, और इसे हमें समझदारी से इस्तेमाल करना चाहिए।

आगे आने वाले दिनों में, जब मतदान की प्रक्रिया शुरू होगी, तब हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम सही निर्णय लें और उन नेताओं को चुनें जो हमारी आवश्यकताओं को समझते हैं और हमें आगे बढ़ाने की क्षमता रखते हैं।

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