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किम जोंग-un बीजिंग सैन्य परेड में भाग लेने के लिए आ रहे हैं, जहां वे किम जिंग जिनपिंग से दोस्ताना मुलाकात करेंगे; अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समाचार में यह शामिल होगा।

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन बीजिंग में एक सैन्य परेड में शामिल होने के लिए चीन की यात्रा करेंगे, जैसा कि उत्तर कोरिया की सरकारी एजेंसी ने बताया है। हालांकि, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है कि किम जोंग उन चीन में कितने दिन रहेंगे।

किम जोंग की यात्रा; बीजिंग में सैन्य परेड

उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन अगले सप्ताह बीजिंग में आयोजित होने वाले सैन्य परेड में भाग लेने के लिए चीन पहुंचेंगे। यह परेड द्वितीय विश्व युद्ध की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है। इस अवसर पर कई मित्र देशों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे। गौरतलब है कि किम जोंग उन ने इससे पहले 2019 में चीन का दौरा किया था। जानकारी के अनुसार, इस परेड में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित 26 विदेशी मेहमान भी शामिल होंगे। हालांकि, यह संभावना नहीं है कि संयुक्त राज्य अमेरिका या अन्य पश्चिमी देशों का कोई प्रतिनिधि इस परेड में भाग लेगा, क्योंकि यूक्रेन युद्ध के चलते पुतिन के साथ उनके मतभेद हैं।

किम जोंग उन की चीन यात्रा के संदर्भ में उत्तर कोरियाई सरकारी एजेंसी ने कहा है कि किम युद्ध के अंत के कार्यक्रम के तहत आयोजित इस परेड में भाग लेने जा रहे हैं। उन्हें यह निमंत्रण चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिला है। हालांकि, एजेंसी ने यह नहीं बताया कि किम कब उत्तर कोरिया से चीन के लिए प्रस्थान करेंगे या वह कितने दिन चीन में रुकेंगे।

यह उल्लेखनीय है कि अगर किम जोंग उन इस परेड में भाग लेने के लिए चीन यात्रा करते हैं, तो यह 2019 के बाद से उनका चीन की ओर पहला दौरा होगा। इस दौरान, चीन और उत्तर कोरिया के बीच सामरिक रिश्ते में स्पष्ट सुधार आया है। चीन लंबे समय से उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा है। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के कारण, चीन ने उत्तर कोरिया के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को मजबूत किया है।

इस वर्ष, उत्तर कोरिया ने यूक्रेन युद्ध के कारण रूस के साथ अपने संबंधों को काफी मजबूत किया है। इसने अपने सैनिकों और गोला-बारूद के भंडार को यूक्रेन में सहायता के लिए भेजा था, जिसके बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन उत्तर कोरिया का दौरा कर चुके हैं। यह भी स्पष्ट है कि चीन, उत्तर कोरिया के लिए एक महत्वपूर्ण समर्थन है, खासकर जब अन्य देशों ने उस पर प्रतिबंध लगा रखे हैं। ऐसे में किम की आने वाली यात्रा को एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि वह अपने देश की विदेश नीति में सुधार की कोशिश कर रहे हैं।

### विस्तृत विश्लेषण

किम जोंग उन की यात्रा और यह पेराड शीत युद्ध और उसके बाद की भू-राजनीति के संदर्भ में महत्वपूर्ण घटनाओं का प्रतीक है। द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित होने वाली इस परेड में भाग लेकर किम जोंग उन केवल अपने देश ही नहीं, बल्कि अपने सहयोगियों को भी एक स्पष्ट संदेश भेजने का प्रयास कर रहे हैं।

### चीन-उत्तर कोरिया संबंध

चीन और उत्तर कोरिया के बीच लिंक हमेशा से एक महत्वपूर्ण विषय रहा है। उत्तर कोरिया के लिए चीन का समर्थन न केवल राजनीतिक है, बल्कि यह उसकी आर्थिक जरूरतों को भी पूरा करता है। जब से उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु कार्यक्रम को विकसित किया है, तब से उसे पश्चिमी देशों की ओर से व्यापक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में चीन ने हमेशा उत्तर कोरिया का एक मजबूत साथी बनकर समर्थन प्रदान किया है।

यदि किम जोंग उन की यह यात्रा सफल होती है, तो यह द्विपक्षीय संबंधों की बहाली का संकेत भी हो सकता है। यह भी देखा जाएगा कि इसकी प्रतिक्रिया अमेरिका और अन्य देशों द्वारा कैसे की जाती है, जो लगातार उत्तर कोरिया की सैन्य गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं।

### किम जोंग उन का रणनीतिक उद्देश्य

किम जोंग उन की इस यात्रा का एक अन्य उद्देश्य यह भी हो सकता है कि वह क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। अपने संयुक्त सहयोगियों के साथ मिलकर, वह यह संदेश देना चाहते हैं कि उत्तर कोरिया सिर्फ एक असाधारण देश नहीं है, बल्कि एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक खिलाड़ी भी है। ऐसा प्रतीत होता है कि किम जोंग उन ने अपने देश की सैन्य शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ अपनी कूटनीतिक पहचान को भी स्थापित करने का निर्णय लिया है।

### यूक्रेन युद्ध का प्रभाव

यूक्रेन में चल रहे युद्ध का असर केवल यूरोप पर नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी देखा जा रहा है। उत्तर कोरिया ने इस युद्ध से सबक लिया है और यह समझा है कि केवल सैन्यवाद एवं ताकत के माध्यम से ही राजनैतिक संबंधों में मजबूती लाई जा सकती है। यही वजह है कि उसने अपने पुराने सहयोगी रूस के साथ संबंधों को और मजबूत करने की कोशिश की है।

### निष्कर्ष

किम जोंग उन की चीन यात्रा की प्रतीक्षा के साथ-साथ यह भी विचार किया जाना चाहिए कि वैश्विक राजनीति की दिशा क्या हो रही है। किम जोंग उन की यह यात्रा न केवल उसके अपने देश के लिए अनिवार्य है, बल्कि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई मुद्दे उठ सकते हैं। यह एक ताजा कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा हो सकता है जो पूरी क्षेत्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में, किम जोंग उन की चीन यात्रा पर नजर जरूर रखनी चाहिए।

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