श्रुति हासन ने अपने पिता का एक राज़ खोला है। उन्होंने बताया कि कमल हासन ने फिल्म “हे राम” की शूटिंग के दौरान अभिनेत्री अपर्णा सेन के लिए बंगाली भाषा सीखी थी।

कमल हासन कई भाषाओं के जानकार हैं और इनमें बांग्ला भी एक महत्वपूर्ण भाषा है। उनकी बेटी श्रुति हासन ने हाल ही में अपने पिता के बांग्ला प्रेम को लेकर एक दिलचस्प किस्सा साझा किया। यह कहानी बताती है कि कमल हासन ने इस भाषा को एक प्रसिद्ध अभिनेत्री के प्यार में सीखा था।
कमल हासन के पास तमिल, मलयालम, कन्नड़, हिंदी, तेलुगु, अंग्रेजी और बांग्ला भाषाओं का ज्ञान है। श्रुति हासन ने अपने पिता की बांग्ला भाषा सीखने की यात्रा का एक मजेदार किस्सा सुनााया। उन्होंने बताया कि अपने पिता के साथ एक प्रमोशनल इवेंट के दौरान सत्यराज के साथ वह बातचीत कर रही थीं। इस बातचीत में सत्यराज ने कमल हासन की बहुभाषा निपुणता की तारीफ की और बताया कि कमल हासन ने बांग्ला भाषा का ज्ञान एक बंगाली अभिनेत्री अपर्णा सेन के लिए प्राप्त किया था।
श्रुति ने बताया कि कमल हासन की पहली बांग्ला फिल्म अपर्णा सेन के साथ थी। जब वे उनके प्यार में पड़े, तब उन्होंने बांग्ला सीखने का फैसला किया। श्रुति ने बताया कि यह भाषा उन्होंने फिल्मों के लिए नहीं, बल्कि अपने व्यक्तिगत अनुभव के लिए सीखी थी। यह सुनकर सत्यराज भी हैरान रह गए और उनकी इस बहुभाषाई क्षमता की सराहना की।
श्रुति ने यह भी साझा किया कि कमल हासन ने जिन फिल्मों का निर्देशन किया, उनमें से एक “हे राम” थी। इसमें रानी मुखर्जी का नाम भी अपर्णा रखा गया था, जो कि अपर्णा सेन के प्रति उनके प्यार का प्रतीक था। यह कहानी न केवल कमल हासन के साथ उनकी पारिवारिक जमीन को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे एक व्यक्ति का प्यार उसे नई भाषाएं सीखने के लिए प्रेरित कर सकता है।
इस बीच, श्रुति हासन ने रजनीकांत के साथ अपनी नई फिल्म “कुली” की भी चर्चा की। फिल्म में उन्होंने प्रीति राजशेखर का किरदार निभाया है। “कुली” ने अपने पहले 13 दिनों में भारतीय बॉक्स ऑफिस पर 263.85 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है। इस फिल्म में आमिर खान का खास कैमियो भी है, जो दर्शकों के लिए एक और आकर्षक पहलू है।
कुल मिलाकर, कमल हासन और उनकी बेटी श्रुति हासन की यह कहानी न केवल उनके परिवार की सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि प्यार और कला किस तरह से जीवन को समृद्ध बना सकते हैं। यह प्रेम का एक अनूठा उदाहरण है, जो दिखाता है कि एक व्यक्ति के व्यक्तिगत अनुभव और जज्बात से कैसे उनके करियर और भाषा की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
कमल हासन का बांग्ला सीखना एक दिलचस्प कड़ी है, जो न केवल उनकी बहुभाषाई योग्यता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि जीवन के छोटे-छोटे प्यार के किस्से कैसे लंबे समय तक याद रहते हैं। श्रुति की ये बातें युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा बन सकती हैं, कि प्यार और जुनून किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं।
उनकी यह यात्रा हमें यह भी सिखाती है कि भाषा सिर्फ संवाद का एक माध्यम नहीं है; यह संस्कृति, प्यार और व्यक्तिगत अनुभव को जोड़ने का एक साधन भी है। इसलिए हमें हर भाषा का सम्मान करना चाहिए और उसे सीखना चाहिए, क्योंकि हर भाषा में हमें एक नई दुनिया का अनुभव मिलता है।
कमल हासन और श्रुति हासन की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि कभी-कभी प्यार हमें ऐसी चीजें करने के लिए प्रेरित करता है, जो हम कभी नहीं सोचते हैं। चाहे वह एक नई भाषा सीखना हो या किसी नई कला में महारत हासिल करना, प्रेम हमेशा हमें नई दिशाओं में ले जा सकता है।
आखिर में, हमें यह समझना चाहिए कि किसी भी कला या भाषा की यात्रा कभी खत्म नहीं होती। यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जो हमारे अनुभवों और भावनाओं से भरपूर होती है। कमल हासन के लिए बांग्ला सीखना भी उसी यात्रा का हिस्सा था, जिसने उन्हें अपनी कला को और भी विस्तार देने का अवसर दिया।
इस प्रकार, यह कहानी सिर्फ एक अभिनेता की नहीं, बल्कि एक पिता और बेटी के संबंधों की भी है, जो मिलकर अपने जुनून का अनुभव करते हैं। यह हमें बताती है कि भाषा केवल बोलने का एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह हमारे विचारों, भावनाओं और सांस्कृतिक विरासत का एक अभिन्न हिस्सा है।