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स्रीदेवी की संपत्ति विवाद: बोनी कपूर ने हाई कोर्ट में दायर किया मामला, जानें पूरी कहानी।

श्रीदेवी संपत्ति विवाद: बोनी कपूर का उच्च न्यायालय में मुकदमा

फिल्म निर्माता बोनी कपूर ने मद्रास उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि उनकी दिवंगत पत्नी श्रीदेवी की चेन्नई स्थित संपत्ति पर कुछ लोग अवैध रूप से अधिकार जताने का प्रयास कर रहे हैं। यह विवाद विशेष रूप से एक संपत्ति के आसपास केंद्रित है, जिसे श्रीदेवी ने 19 अप्रैल 1988 को एक व्यक्ति एमसी सांबंदा मुदलियार से खरीदी थी।

संपत्ति का इतिहास

बोनी कपूर ने अदालत को बताया कि मुदलियार के तीन बेटे और दो बेटियां थीं। इस परिवार ने 1960 में संपत्ति के विभाजन को लेकर एक आपसी समझौता किया था, जिसके आधार पर श्रीदेवी ने यह संपत्ति खरीदी। इस समझौते के कारण संपत्ति का अधिकार बोनी कपूर की पत्नी को मिला।

संपत्ति पर दावेदार

हालांकि, अब समस्या यह है कि तीन व्यक्ति इस संपत्ति पर अधिकार का दावा कर रहे हैं। इनमें एक महिला है, जो यह दावा करती है कि वह श्री मुदलियार के तीन बेटों में से एक की दूसरी पत्नी है। बाकी दो दावेदार उसके बेटे हैं।

बोनी कपूर के सवाल

बोनी कपूर ने अपनी याचिका में इस महिला के दावे पर सवाल उठाया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि महिला ने 5 फरवरी 1975 को शादी की थी। इसलिए उसकी शादी कानूनी रूप से मान्य नहीं हो सकती, क्योंकि मुदलियार की पहली पत्नी का निधन 24 जून 1999 को हुआ था। इसके साथ ही बोनी कपूर ने उन तीनों को कानूनी वारिस प्रमाणपत्र जारी करने वाले राजस्व अधिकारी के अधिकार क्षेत्र पर भी सवाल उठाए हैं और अदालत से इसे रद्द करने की मांग की है।

श्रीदेवी का निधन

श्रीदेवी का निधन फरवरी 2018 में हुआ था। बोनी कपूर ने 1996 में श्रीदेवी से विवाह किया था। उनकी दो बेटियां, जाह्नवी कपूर और खुशी कपूर, अब फिल्म उद्योग में सक्रिय हैं। जाह्नवी ने 2018 में ‘धड़क’ फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की, जबकि खुशी ने 2023 में ‘द आर्चीज़’ फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखा।

यह संपत्ति विवाद एक गहरी राजनीतिक और कानूनी लड़ाई का संकेत है, जिसमें बोनी कपूर अपने परिवार के हक के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। यह मामला न केवल एक व्यक्ति की संपत्ति का सवाल है, बल्कि परिवार के सदस्यों के बीच आपसी संबंधों और उनकी कानूनी धारणाओं का भी सवाल है।

संभावित कानूनी परिपेक्ष्य

बोनी कपूर का यह कदम न केवल उनका व्यक्तिगत अधिकार है, बल्कि यह भारतीय कानून के तहत उनकी पत्नी की संपत्ति के औचित्य को भी जांच में लाता है। अपातकालीन स्थिति में, अगर अदालत ने यह फैसला किया कि महिला का दावा मान्य है, तो यह मामला और भी जटिल हो सकता है।

समाज पर प्रभाव

इस तरह के संपत्ति विवादों का समाज पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। यह न केवल प्रभावित व्यक्तियों के जीवन को बदल सकता है, बल्कि समाज में विवाह और संपत्ति के अधिकारों के प्रति दृष्टिकोण को भी प्रभावित कर सकता है।

निष्कर्ष

बोनी कपूर का यह मुकदमा एक ऐसे मुद्दे को उजागर करता है जो कि अक्सर हमारे समाज में छिपा होता है। संपत्ति के अधिकार, उत्तराधिकार, और पारिवारिक संबंधों को समझना और उनका सम्मान करना अत्यंत आवश्यक है। इस मामले की सुनवाई के परिणाम क्या होंगे, यह देखना दिलचस्प होगा। इस विवाद के नतीजे न केवल एक परिवार के हक को निर्धारित करेंगे, बल्कि समाज में इस तरह के मामलों पर भी एक नई रोशनी डालेंगे।

इस मामले में आगे क्या होता है, इसकी नज़र सभी लोगों की रहेगी। चाहे जो भी हो, यह सुनिश्चित करने के लिए कई कानूनी प्रक्रियाएं पाई जाएंगी कि बोनी कपूर और उनके परिवार को न्याय मिले।

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