सुनील गावस्कर ने विदेशी खिलाड़ियों की भारत चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए राष्ट्रीय क्रिकेट पर ध्यान देने की अपील की।

सुनील गावस्कर की क्रिकेट चयन पर टिप्पणी: विदेशी क्रिकेटरों की आलोचना
सुनील गावस्कर, जो कि एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर हैं, ने हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के चयन पर अपनी राय व्यक्त की है, खासकर एशिया कप टीम में श्रेयस अय्यर को ना शामिल करने पर। उन्होंने विदेशी क्रिकेटरों की कड़ी टिप्पणी की, जो भारतीय क्रिकेट के मामलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं। गावस्कर का यह कहना है कि भारतीय क्रिकेट केवल भारतीयों के लिए है, और चयनकर्ताओं को विदेशी क्रिकेटरों की राय की आवश्यकता नहीं है।
गावस्कर ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि वे खिलाड़ी, जिनका भारतीय क्रिकेट में कोई योगदान नहीं है, इस मामले में बोलने लगे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे लोग, जो खुद भारतीय क्रिकेट को समझते नहीं हैं, वे इस बहस का हिस्सा बनते हैं और केवल स्थिति को और बिगाड़ते हैं। उनका यह कहना था कि यदि कोई खिलाड़ी खुद को साबित नहीं कर पाया है, तो उसे इस प्रकार की चर्चाओं में शामिल होने का कोई अधिकार नहीं है।
इससे पहले, कुछ विदेशी क्रिकेटरों ने भी अपने विचार व्यक्त किए थे। मुख्य चयनकर्ता अजीत आगरकर को लेकर भी काफी आलोचना हो रही है। गावस्कर ने इस पर कहा कि विदेशी क्रिकेटरों को अपने देशों के क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और भारतीय क्रिकेट के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। जब उनकी अपनी टीमों का चयन होता है, तो वे खुद कभी संदेह नहीं करते। ऐसे में, अन्य देशों के खिलाड़ियों को भारतीय टीम के चयन में क्यों हस्तक्षेप करने का अधिकार है?
गावस्कर ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका इशारा किन विदेशी क्रिकेटरों की ओर है, यह सभी को पता है। जैसे कि हाल ही में ब्रैड हैडिन और एबी डिविलियर्स ने श्रेयस अय्यर के चयन पर अपनी टिप्पणियाँ की थीं। हेडिन, जिन्होंने इस साल शुरू में अय्यर के साथ काम किया था, ने अपने आश्चर्य को ज़ाहिर किया था। वहीं, डिविलियर्स ने चयन प्रक्रिया को लेकर उन्होंने परोक्ष रूप से कुछ संकेत दिए।
गावस्कर ने यह भी बताया कि आज के समय में, जब मीडिया का प्रभाव बहुत अधिक है, लोग भारतीय क्रिकेट के मुद्दों पर टिप्पणी करके आकर्षण प्राप्त करना चाहते हैं। ऐसे में, जब भारतीय क्रिकेट की बात आती है, तो नकारात्मक टिप्पणियाँ होना आम बात है। यह भी बताया गया कि भारतीय क्रिकेट के मामलों में हस्तक्षेप करने से उनके अनुयायियों की संख्या में वृद्धि होती है।
गावस्कर के बयान ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया है कि भारतीय क्रिकेट एक आत्मनिर्भर प्रणाली है, जहां चयनकर्ताओं को अपने फैसले लेने का पूरी अधिकार होना चाहिए। विदेशी क्रिकेटरों को समझना चाहिए कि हर देश की क्रिकेट अपने सामाजिक और आर्थिक परिवेश के अनुसार चलती है। ऐसे में, उन्हें अपने देश के क्रिकेट की चिंता करनी चाहिए और भारतीय टीम के मामलों में बिना वजह की आलोचना से बचना चाहिए।
गावस्कर ने यह भी कहा कि भारतीय मीडिया जब भी विदेशी दौरे पर जाती है, तो पूर्व खिलाड़ियों से बात करने की कोशिश करती है, जो कि अब के खिलाड़ियों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। इस तरह के विचारों से स्पष्ट होता है कि भारतीय क्रिकेट की अपनी विशेषता है और इसे समझने के लिए केवल भारतीय ही पूरी तरह सक्षम हैं।
इस प्रकार, सुनील गावस्कर की टिप्पणी ने उन सभी विदेशी क्रिकेटरों को एक संदेश दिया है कि उन्हें अपने देश के क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और भारतीय क्रिकेट के मामलों में हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए। उनकी यह प्रतिबद्धता और भावना भारतीय क्रिकेट को और मजबूत बनाती है और यह स्पष्ट करती है कि सभी क्रिकेट प्रेमियों को भारतीय टीम के समर्थन में खड़ा होना चाहिए।