मथुरा

तकनीकी कर्मचारियों ने ई-खासरा जांच में भाग नहीं लिया, वेतन रोका गया।

मथुरा में तकनीकी श्रमिकों की समस्याएँ और खसरा जांच की स्थिति

मथुरा में, तकनीकी श्रमिकों ने ई-खासरा जांच के कार्य से दूरी बना ली है, जिससे कृषि विभाग में समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। पिछले दो दिनों से कर्मचारियों की कमी के कारण खसरा जांच का कार्य पूरी तरह से ठप हो गया है। इसके परिणामस्वरूप कृषि विभाग ने उन 19 तकनीकी कर्मचारियों के वेतन को रोकने का निर्णय लिया है, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण कार्य में भाग नहीं लिया है।

उप कृषि निदेशक वसंत कुमार दुबे ने जानकारी देते हुए बताया कि 25 अगस्त से इन 19 तकनीकी कर्मचारियों ने खसरा जांच का कार्य नहीं किया है। उनकी अनुपस्थिति के बावजूद, विभाग के अधिकारियों ने इन्हें नियमित रूप से सूचित किया, लेकिन इसका भी कोई लाभ नहीं हुआ।

अनुपस्थिति का कारण

कर्मचारियों की अनुपस्थिति का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह देखा गया है कि संचार के विभिन्न प्रयासों के बावजूद वे काम पर लौटने को तैयार नहीं हैं। वसंत कुमार दुबे ने कहा कि इन कर्मचारियों को पत्र देकर भी जागरूक किया गया है। इसके तहत उन्हें उनकी जिम्मेदारियों और कार्यों के महत्व के बारे में बताया गया, लेकिन इसके बावजूद उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पाया है।

वेतन रोकने का निर्णय

विभाग ने स्पष्ट किया है कि जब तक ये कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं आते, तब तक उन्हें वेतन नहीं दिया जाएगा। यह निर्णय कर्मचारियों के प्रति सख्त रुख को दर्शाता है और यह इंगित करता है कि सरकारी विभाग भी अपने कार्यों में अनुशासन बनाए रखने के लिए कटिबद्ध है।

प्रभावित कर्मचारी

कर्मचारियों की सूची में योगेंद्र सिंह, रमन कुमार, सतीश कुमार, जयपल सिंह, अदेश कुमार, शेर सिंह, गौरव यादव, नरेंद्र सिंह, अजीत सिंह, एसके कुमार, दीपेश कुमार, भूपेंद्र सिंह, सोहान, सिच श्रुति शर्मा जैसे नाम शामिल हैं। इन कर्मचारियों की अनुपस्थिति ने खसरा जांच के महत्त्वपूर्ण कार्य को ठप कर दिया है।

खसरा जांच का महत्व

खसरा जांच एक आवश्यक कार्य है, जो न केवल कृषि विभाग के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी अत्यधिक आवश्यक है। खसरा एक संक्रामक रोग है, जो बच्चों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए, इसके प्रति जागरूकता और जांच का कार्य समयबद्ध तरीके से किया जाना चाहिए था।

भविष्य की योजनाएँ

अब जब कर्मचारियों ने काम में भाग नहीं लिया है, तो आगे की रणनीति क्या होगी, यह देखना महत्वपूर्ण है। विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इस कार्य में कोई और बाधा न आए। इसके लिए वेतन रोकने के अलावा, कर्मचारियों को समझाने और उन्हें काम पर लौटने के लिए प्रेरित करने का प्रयास भी किया जाना चाहिए।

प्रबंधन की भूमिका

प्रबंधन का यह दायित्व है कि वह कर्मचारियों की समस्याओं को समझे और उनके समाधान के लिए उचित कदम उठाए। यदि कर्मचारियों के पास कोई वैध कारण है जिसकी वजह से वे काम पर नहीं आ रहे हैं, तो उनका समाधान किया जाना चाहिए। इससे न केवल काम की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि कर्मचारियों के मनोबल में भी बढ़ोतरी होगी।

समाज की भूमिका

इस स्थिति में समाज का भी एक महत्वपूर्ण योगदान है। समाज को चाहिये कि वह इस दिशा में जागरूकता फैलाए और लोगों को सही जानकारी प्रदान करे, ताकि वे इस रोग से बचने के उपायों को समझ सकें।

निष्कर्ष

मथुरा में तकनीकी श्रमिकों की स्थिति ने एक गंभीर मुद्दे को उजागर किया है। खसरा जांच का कार्य समय पर और प्रभावी ढंग से किया जाना चाहिए, जिससे कि समाज में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं कम हों। सरकारी विभागों तथा कर्मचारियों को एक साथ मिलकर काम करना होगा, ताकि इस कार्य में तेजी लाई जा सके और समाज में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता को बढ़ावा दिया जा सके।

इस पूरी प्रक्रिया में सही संवाद और सहयोग आवश्यक है, ताकि सभी कर्मचारी और विभाग अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें और समाज को बेहतर सेवाएँ प्रदान कर सकें।

Related Articles

Back to top button