ब्रिटिश सैनिकों की लापरवाही से जंगल में लगी थी आग, मुआवजे के एलान के बाद भी स्थानीय लोगों में नाराजगी

नैरोबी । केन्या में ब्रिटिश सेना द्वारा हुई बड़ी जंगल की आग को लेकर ऐतिहासिक फैसला आया है। ब्रिटेन की सरकार ने पहली बार स्थानीय लोगों को मुआवजा देने पर सहमति जताई है। सरकार 2.9 मिलियन पाउंड (करीब 3.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का भुगतान करेगी। यह भुगतान 2021 में ब्रिटिश सैनिकों की लापरवाही से लगी आग के कारण हुआ नुकसान भरने के लिए किया जा रहा है। हालांकि इस फैसले के बावजूद मुआवजे की रकम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
इस आग ने केन्या के लोलेडाइगा हिल्स में करीब 12,000 एकड़ जमीन को तबाह कर दिया था। मामले में 7,700 स्थानीय लोग और एक पर्यावरण संगठन ने सामूहिक याचिका दायर की थी। कोर्ट को बताया गया कि आग सैनिक के केरोसिन स्टोव से गलती से लगी थी। यह आग दो हफ्ते तक चलती रही, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई और कई जानवर मारे गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि आग से निकले जहरीले धुएं ने कई लोगों की सेहत बिगाड़ दी, खासकर सांस और आंखों से जुड़ी बीमारियां हुईं। विशेषज्ञों ने बताया कि इस नुकसान की भरपाई में 30 से 50 साल तक लग सकते हैं।
ब्रिटिश सरकार ने शुरूआत में कहा था कि उसे केन्या की अदालतों में ट्रायल से छूट मिली हुई है। लेकिन हाई कोर्ट की जज कोसी बोर ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया कि जब ब्रिटेन ने रक्षा समझौते के तहत केन्या के साथ करार किया था, तब उसे स्थानीय अदालतों में छूट खत्म हो गई थी। यही वजह है कि पहली बार ब्रिटिश सेना के खिलाफ केन्या की अदालत में मामला चला और समझौते के तहत भुगतान तय हुआ। स्थानीय लोगों ने इसे भविष्य के लिए नजीर बताया है, हालांकि कई पीड़ितों ने कम मुआवजे पर निराशा जताई।
कई स्थानीय लोगों को इस मुआवजे के तहत केवल 129 पाउंड (करीब 22,500 केन्याई शिलिंग) दिए गए। जबकि उन्होंने 575 मिलियन पाउंड का दावा किया था। प्रभावित ग्रामीण चार्ल्स नडुंगू ने कहा कि मैं आग बुझाने में मदद कर रहा था और सबसे ज्यादा नुकसान भी मुझे हुआ। लेकिन इतना कम मुआवजा मिलना बेहद चौंकाने वाला है। स्थानीय लोग अब पारदर्शिता और न्याय की मांग करते हुए प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं।
इस बीच ब्रिटिश सेना पर अन्य गंभीर आरोप भी लगे हैं। हाल ही में रिपोर्ट आई कि सैनिक केन्या के नान्युकी इलाके में यौन आचरण नियमों का उल्लंघन करते हुए वेश्यावृत्ति को बढ़ावा दे रहे हैं। ब्रिटेन की रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया कि सेना की ट्रेनिंग और रोक-टोक के बावजूद ऐसे मामले जारी हैं। इसके अलावा ब्रिटिश कोर्ट ने हाल ही में आदेश दिया है कि उन 11 सैनिकों की जानकारी साझा की जाए, जिन पर केन्याई महिलाओं के साथ संबंध बनाने और बच्चों के पिता बनने के आरोप हैं। इससे ब्रिटेन और केन्या के बीच रक्षा समझौते की समीक्षा की मांग तेज हो गई है।