अंतरराष्ट्रीय

ईरान: खामेनेई का अमेरिका और इज़राइल पर हमला, तेहरान में उन्होंने इज़राइल के षड्यंत्रों का पर्दाफाश किया।

ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव: अयातुल्ला खामेनेई की चेतावनी

तेहरान में एक जोरदार भाषण में, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका पर तीव्र आक्रमण किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका लगातार ईरान पर दबाव डालता है ताकि वह अपनी नीतियों और आदेशों का पालन करे। खामेनेई ने इसे ईरान की संप्रभुता और सम्मान के खिलाफ मानते हुए स्पष्ट किया कि ईरान कभी भी झुकने वाला नहीं है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ईरान और अमेरिका के बीच किसी भी प्रकार की प्रत्यक्ष संचार की आवश्यकता नहीं है।

ईरान के संबंध अमेरिका के साथ 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से खराब हो गए हैं, और खामेनेई ने बताया कि यह दुश्मनी अब भी जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके करीबी सैन्य सलाहकार याह्या रहीम सफवी ने चेतावनी दी है कि अमेरिका या इज़राइल के साथ एक नया युद्ध किसी भी समय भड़क सकता है। सफवी ने कहा कि ईरान को हर मोर्चे पर अपनी शक्ति बढ़ाने की आवश्यकता है क्योंकि इसे वर्तमान में एक संघर्ष विराम की स्थिति में नहीं, बल्कि युद्ध की स्थिति में होना चाहिए।

खामेनेई ने अपने भाषण में ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका और इज़राइल द्वारा किए गए हमलों का भी जिक्र किया। उनका कहना था कि इन हमलों का उद्देश्य ईरान को अस्थिर करना था, लेकिन ईरान ने जवाब दिया और यह सिद्ध किया कि वह पीछे हटने वाला नहीं है। उन्होंने ईरानी जनता से आह्वान किया कि वे घरेलू स्तर पर एकजुट हों और नए राष्ट्रपति मसूद पगशियन का समर्थन करें।

गाजा और यमन पर बयान

तेहरान के सर्वोच्च नेता ने गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों की कड़ी निंदा की और पश्चिमी देशों से आग्रह किया कि वे इजरायल को दी जा रही सहायता को रोकें। इस दौरान, उन्होंने इजरायल के खिलाफ यमन के हुती विद्रोहियों की कार्रवाइयों को उचित ठहराया। खामेनेई ने कहा कि 1979 के इस्लामी क्रांति के बाद से, अमेरिका ने ईरान के खिलाफ सख्त आर्थिक और राजनीतिक प्रतिबंध लगाए हैं। इन प्रतिबंधों को हाल के वर्षों में ईरानी परमाणु कार्यक्रम पर नकेल कसने के उद्देश्य से और भी कड़ा बनाया गया है।

युद्ध की चेतावनी

खामेनेई के वरिष्ठ सलाहकार याह्या रहीम सफवी ने कहा कि अमेरिका और इज़राइल के साथ नया युद्ध कभी भी शुरू हो सकता है। उन्होंने ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक क्षमताओं को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनके अनुसार, ईरान को केवल राजनैतिक संवाद तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे मीडिया, मिसाइल, ड्रोन और साइबर क्षमताओं में भी सशक्त बनाना होगा ताकि वह दुश्मनों का प्रभावी तरीके से उत्तर दे सके।

जनता की एकता की आवश्यकता

खामेनेई ने अपने भाषण में ईरानी जनता से यह अपील की कि वे एकजुट रहें और नये राष्ट्रपति पगशियन के समर्थन में खड़े हों, क्योंकि उनके अनुसार, ईरान के विरोधी अब देश में विरोधाभासी ध्रुवीकरण पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि ऐसे प्रयासों के खिलाफ जनता को सतर्क रहना चाहिए।

इस प्रकार, खामेनेई का यह भाषण न सिर्फ ईरानी जनता के लिए एक प्रेरक संदेश था, बल्कि यह अमेरिका और इज़राइल के साथ ईरान के लगातार बढ़ते तनाव का भी स्पष्ट संकेत था।

ईरान की सामरिक स्थिति

ईरान की सामरिक स्थिति अन्य इन देशों के साथ के क्षेत्रों में भी दिलचस्पी पैदा करती है। ईरान की विद्रोहियों और उसके क्षेत्रीय सहयोगियों के बीच संबंध, जैसे कि लेबनान में हिज़बुल्ला और इराक में विभिन्न शिया समूह, ने क्षेत्र में अमेरिका की नीति को जटिल बना दिया है। ईरान ने हमेशा से ही अपनी क्षेत्रीय शक्ति को बढ़ाने के लिए इन संबंधों का इस्तेमाल किया है।

अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, ईरान की सैन्य तैयारियों और क्षमताओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है। ईरान ने अपने रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं, और यह स्पष्ट है कि वह अपने दुश्मनों के हमलों का सामना करने के लिए तैयार है।

निष्कर्ष

अयातुल्ला खामेनेई के हालिया भाषण ने स्पष्ट रूप से अमेरिका और ईरान के बीच खींची गई रेखाओं को और अधिक गहरा कर दिया है। यह कहना गलत नहीं होगा कि हालात अब काफी संवेदनशील हैं। ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर खामेनेई का नजरिया स्पष्ट है, और वह चाहते हैं कि उनकी जनता एकजुट रहे। अमेरिका के साथ सीधे संवाद की कमी और आक्रामकता के बीच, ईरान की स्थिति केवल और अधिक जटिल होती जा रही है।

अब देखना यह है कि आगे चलकर ये राजनीति, कूटनीति और क्षेत्रीय तनाव किस दिशा में बढ़ते हैं। क्या ईरान वास्तव में जंग के मोर्चे पर जाने को तैयार है? क्या इस बात पर कोई बदलाव आएगा कि अमेरिका और इज़राइल ईरान की भौगोलिक और सैन्य स्थिति को कैसे देखते हैं?

इन सवालों का जवाब केवल भविष्य में ही मिल सकेगा, और यह जटिलता इस क्षेत्र की राजनीति में और भी उतार-चढ़ाव का संकेत दे सकती है। ईरान, अमेरिका और अन्य देशों के बीच गतिशीलता क्षेत्र के भविष्य को प्रभावित करती रहेगी, और ईरान का यह ठोस इरादा स्पष्ट रूप से इस बात का संकेत है कि वह अपनी संप्रभुता और राष्ट्रीय हिफाजत के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है।

[फोटो: ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई]

Related Articles

Back to top button