राष्ट्रीय

शुभांशु शुक्ला को सीएम योगी के नाम पर छात्रवृत्ति प्रदान की गई।

अंतरिक्ष में एक नया अध्याय: शुभांशु शुक्ला का सफल मिशन

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से सफल मिशन पूरा करने के बाद, समूह कप्तान शुभांशु शुक्ला लखनऊ लौट आए। उनका स्वागत भव्य था, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, और अन्य नेता शामिल हुए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने शुभांशु के नाम पर एक नई छात्रवृत्ति शुरू करने की घोषणा की, जिसका उद्देश्य राज्य के छात्रों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में उच्च शिक्षा में सहायता प्रदान करना है।

एक प्रेरणादायक यात्रा

शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने अंतरिक्ष यात्रा के दौरान कई बदलाव महसूस किए। जब वे पहली बार ISS पर पहुंचे, तो उनके शरीर में माइक्रोग्रैविटी का अनुभव हुआ। यह एक अद्भुत प्रक्रिया थी, जिसमें उनका रक्त सिर की ओर चला गया, जिससे उनका सिर बड़ा महसूस होने लगा। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में होते हुए कई नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं, जैसे भूख का न लगना और शरीर की अन्य आदतों में बदलाव आना।

मुख्यमंत्री का स्वागत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभांशु शुक्ला को संबोधित करते हुए कहा, “आप उत्तर प्रदेश के पहले नागरिक हैं जिन्होंने ऐसे अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा बनने का गौरव प्राप्त किया है। आपके नाम पर छात्रवृत्ति शुरू करने का निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि अन्य छात्र भी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में प्रवेश के प्रति प्रेरित हो सकें।”

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने हाल के वर्षों में अंतरिक्ष शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। चार साल पहले, राज्य में किसी भी विश्वविद्यालय में इस विषय पर कोई कोर्स नहीं था, लेकिन आज गोरखपुर में मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय सहित एक दर्जन से अधिक संस्थानों ने इस क्षेत्र में डिग्री पाठ्यक्रम पेश किए हैं।

भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम

भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम ने लगातार सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ है। शुक्ला ने कहा कि भारत दुनिया का चौथा देश बनेगा, जिसके पास इस तरह की क्षमता होगी। उन्होंने इस दिशा में भारत की आस्था को बढ़ावा देने के लिए अन्य देशों के साथ सहयोग की भी आवश्यकता पर जोर दिया।

शुभांशु ने बताया कि वे अंतरिक्ष में जीवन को बनाए रखने की चुनौतियों का सामना कर रहे थे, जहां वातावरण एकदम खाली था और तापमान असमान था। इसके बावजूद, उन्होंने यह भी कहा कि मानव इंजीनियरिंग इस चुनौती का सामना करने में सक्षम है, और यह भारत की विज्ञान और तकनीक की यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

छात्रवृत्ति का महत्व

इस छात्रवृत्ति का उद्देश्य उन छात्रों को प्रोत्साहित करना है जो अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में आगे बढ़ना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “हम मानते हैं कि यदि हम युवा पीढ़ी को सही संसाधन प्रदान करें, तो वे नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं।”

उन्होंने कहा कि इस छात्रवृत्ति के माध्यम से राज्य की सरकार छात्रों को उच्च शिक्षा में सहायता प्रदान करेगी, जिससे उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार किया जा सकेगा।

भारत का भविष्य

भारत का अंतरिक्ष यात्रा में योगदान लगातार बढ़ रहा है, और इस दिशा में प्रतिभाशाली युवा वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की आवश्यकता है। शुभांशु शुक्ला ने उल्लेख किया कि इस तरह की छात्रवृत्तियाँ छात्रों को प्रेरित करेंगी, जिससे वे अपने सपनों को पूरा कर सकें।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगले कुछ वर्षों में, उत्तर प्रदेश को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए सरकार सक्रिय प्रयास करेगी। उनके अनुसार, शिक्षण संस्थान, विशेष रूप से तकनीकी विश्वविद्यालय, छात्रों को बुनियादी ढाँचा और संसाधनों का समर्थन प्रदान करने के लिए तैयार हैं।

निष्कर्ष

अंतरिक्ष कार्यक्रम में शुभांशु शुक्ला का योगदान और उनके मार्गदर्शन में शुरू की गई छात्रवृत्ति, छात्रों के लिए एक अद्भुत अवसर है। यह न केवल भारत के अंतरिक्ष मिशनों को मजबूत करेगा, बल्कि युवा पीढ़ी को भी प्रेरित करेगा कि वे अपने सपनों के पीछे दौड़ें और नई ऊँचाइयों को छुएं।

इस तरह के प्रोत्साहन न केवल व्यक्तिगत विकास में योगदान देंगे, बल्कि देश को वैश्विक स्तर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एक मजबूत पहचान दिलाने में भी मदद करेंगे। भारत का भविष्य उज्ज्वल है, और शुभांशु शुक्ला जैसे युवा वैज्ञानिकों के प्रयासों से यह और भी चमकदार होगा।

Related Articles

Back to top button