दक्षिण में उपराष्ट्रपति चुनाव: सीपी राधाकृष्णन और बी सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला।

उपराष्ट्रपति चुनाव: सीधी प्रतियोगिता
भारतीय उपराष्ट्रपति चुनाव में इस बार मुख्य मुकाबला एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष के उम्मीदवार न्याय (सेवानिवृत्त) बी सुदर्शन रेड्डी के बीच होगा। इस चुनाव को ‘दक्षिण में दक्षिण’ की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि दोनों उम्मीदवारों का संबंध दक्षिण भारत से है। जहां राधाकृष्णन तमिलनाडु के निवासी हैं, वहीं रेड्डी तेलंगाना से हैं।
चुनाव की महत्वपूर्ण जानकारी
उपराष्ट्रपति चुनाव की तिथि 9 सितंबर निर्धारित की गई है। नामांकन की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है और किसी भी उम्मीदवार ने अपना नाम वापस नहीं लिया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि चुनाव केवल इन दो उम्मीदवारों के बीच होगा।
मतदान प्रक्रिया
मतदान की प्रक्रिया सुबह 10 बजे से शुरू होकर शाम 5 बजे तक चलेगी। यह मतदान संसद भवन में कमरे नंबर F-101, वासुधा में आयोजित किया जाएगा। चुनाव में भाग लेने के लिए राज्यसभा और लोकसभा के सभी सदस्यों को मतदाता माना जाता है, जिसमें राज्यसभा के नामांकित सदस्य भी शामिल हैं।
मतदान के बाद, वोटों की गिनती शाम 6 बजे से शुरू होगी, और परिणाम की घोषणा रात तक की जा सकती है। इस चुनाव के लिए इलेक्टोरल कॉलेज में शामिल सदस्यों की संख्या 788 है, जिसमें राज्यसभा के निर्वाचित और नामांकित सदस्य, साथ ही लोकसभा के निर्वाचित सदस्य शामिल हैं।
मतदाता कौन हैं?
उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया 7 अगस्त को अधिसूचना के माध्यम से शुरू हुई थी। इस चुनाव के इलेक्टोरल कॉलेज में 233 निर्वाचित सदस्य राज्यसभा के हैं, जबकि 12 नामांकित सदस्य और 543 निर्वाचित सदस्य लोकसभा के हैं।
इस समय कुल 788 सदस्य मतदान में भाग लेने के योग्य हैं, हालांकि कुछ सीटें अभी भी खाली हैं। हाल ही में राज्यसभा के सदस्य शिबू सोरेन का निधन हो गया है, जिससे सदस्यों की संख्या घटकर 782 रह गई है।
उम्मीदवारों का परिचय
सीपी राधाकृष्णन
सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक करियर लम्बा और समृद्ध रहा है। वे एक प्रतिष्ठित नेता हैं और तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी के मार्गदर्शक के रूप में कार्यरत हैं। उनके अनुभव और राजनीतिक समझ ने उन्हें इस चुनाव में मजबूत स्थिति प्रदान की है।
बी सुदर्शन रेड्डी
बी सुदर्शन रेड्डी ने न्यायपालिका में अपने लंबे करियर के साथ एक वरिष्ठ न्यायाधीश के रूप में नाम कमाया है। उनके पास कानून और न्याय की गहरी समझ है, जो उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए एक महत्वपूर्ण दावेदार बनाती है।
राजनीतिक परिप्रेक्ष्य
दक्षिण भारत के राजनीतिक परिदृश्य में यह चुनाव महत्वपूर्ण है। दक्षिण भारत में भाजपा का प्रभाव धीरे-धीरे बढ़ रहा है, और सीपी राधाकृष्णन का चुनाव जीतना पार्टी के लिए एक बड़ी जीत साबित हो सकता है।
विपक्ष के लिए, बी सुदर्शन रेड्डी का चुनावी अभियान एक अवसर के रूप में देखा जा रहा है। वे न्यायपालिका के अनुभव का उपयोग करते हुए मतदाताओं के सामने अपने विचारों को रख सकते हैं।
चुनावी रणनीति
दोनों उम्मीदवार अपने-अपने क्षेत्रों में चुनावी रणनीतियों पर काम कर रहे हैं। जहां सीपी राधाकृष्णन अपनी पार्टी के समर्थन को भुनाने में जुटे हैं, वहीं बी सुदर्शन रेड्डी मतदाताओं को कानूनी और संवैधानिक मुद्दों पर अपनी विशेषज्ञता के माध्यम से आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं।
निष्कर्ष
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण क्षण प्रस्तुत करता है। यह चुनाव केवल एक पद के लिए नहीं, बल्कि दक्षिण भारत में राजनीतिक संतुलन के लिए भी है। सीपी राधाकृष्णन और बी सुदर्शन रेड्डी के बीच की सीधी प्रतिस्पर्धा भारतीय राजनीतिक परिदृश्य के भविष्य को निर्धारित कर सकती है।
आखिरकार, 9 सितंबर को मतदान के समय जनता के सामने यह तय होगा कि वे किसे उपराष्ट्रपति के रूप में चाहते हैं। इस चुनाव में कौन सा उम्मीदवार विजयी होगा, यह उनके राजनीतिक रणनीति और जनता के साथ जुड़ाव पर निर्भर करेगा।