अखिलेश ने हनुमान और ज्योतिष का अपमान किया, तुरंत मांगी माफी: ब्रजेश पाठक | उत्तर प्रदेश

ब्रजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के हालिया बयानों का कड़ा विरोध किया है। उनके अनुसार, अखिलेश यादव ने एक बार फिर हिंदू विश्वास और हमारी प्राचीन परंपराओं का अपमान किया है। पाठक ने कहा कि अखिलेश ने भारत की प्राचीन ज्योतिष और वेदों के ज्ञान का मजाक उड़ाया है। आज की दुनिया में जहां भारतीय ज्योतिषीय गणना और वेद विज्ञान की सराहना हो रही है, वहीं अखिलेश ने इस महान परंपरा को अंधविश्वास करार देकर अपमानित किया है।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने यह भी कहा कि जिस व्यक्ति की सरकार में भक्तों पर गोलियां चलवाई गईं, वह आज भगवान हनुमान जी का मजाक उड़ा रहा है। अखिलेश यादव का यह कहना कि सभी देवता अंतरिक्ष में रहते हैं, यह दर्शाता है कि वह हिंदू श्रद्धा से असहमत हैं। इसलिए उन्हें पूरे हिंदू समाज से माफी मांगनी चाहिए।
पाठक ने यह भी बताया कि समाजवादी पार्टी ने हमेशा राम मंदिर के निर्माण का विरोध किया है। जब रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा था, तब उनकी पार्टी के नेताओं ने अपमानजनक टिप्पणियां कीं। अब जब पूरा देश राम मंदिर और हनुमान जी के प्रति समर्पित है, तो अखिलेश यादव उसे एक मजाक में बदलने की कोशिश कर रहे हैं। यह बार-बार हिंदू विश्वास का अपमान करने का कार्य उनकी पार्टी की पहचान बन चुका है।
ब्रजेश पाठक ने कहा कि उन लोगों को अपनी राजनीति पर ध्यान देना चाहिए जो गायत्री प्रजापति और आज़म खान जैसे अपराधियों का समर्थन करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश के लोग अखिलेश यादव को कभी माफ नहीं करेंगे, क्योंकि जो लोग बलात्कारी और माफिया को महत्व देते हैं, उनके पास जनता का आदर करने का कोई अधिकार नहीं है।
महाकुंभ और किसानों के मुद्दे पर, पाठक ने कहा कि कुंभ के नाम पर अराजकता अखिलेश की सरकार का प्रतीक थी, जबकि योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इसे विश्व स्तर पर पहचान दिलाई। किसानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विभिन्न योजनाओं से लाभ मिल रहा है, लेकिन अखिलेश का ध्यान केवल अपने वोट बैंक तक सीमित है।
पाठक ने यह स्पष्ट किया कि अखिलेश यादव केवल अपराधियों की वकालत करने और भारतीय संस्कृति का अपमान करने के लिए जाने जाते हैं। वह बोले कि जनता सब कुछ देख रही है और आने वाले चुनाव में इसका जवाब देगी।
ब्रजेश पाठक के बयान में स्पष्ट था कि समाजवादी पार्टी की पहचान अब हिंदू विश्वास का अपमान करने के रूप में बन गई है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय संस्कृति को सम्मान देने का काम करना हमेशा जरूरी है, और किसी भी प्रकार की राजनीति को इस पर आधारित होना चाहिए।
अखिलेश यादव के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए, पाठक ने यह भी साफ किया कि बुलडोजर का प्रतीक अब अपराधियों के लिए डर बन गया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उससे यह सिद्ध होता है कि सरकार सही दिशा में कार्य कर रही है।
अखिलेश यादव का शिक्षण भर्ती से संबंधित आरोपों के संदर्भ में पाठक ने कहा कि भाजपा सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया है, लेकिन यह सुनने में आता है कि अखिलेश यादव इस संदर्भ में सही तथ्य पेश नहीं कर रहे हैं।
इस सभी मुद्दों पर ब्रजेश पाठक ने स्पष्ट रूप से कहा कि भ्रष्टाचार और अपराधियों का समर्थन करने वाले लोगों को आगे आकर समाज को जवाब देना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि आने वाले चुनावों में जनता उनके परिवार और पार्टी को लेकर अपनी निराशा व्यक्त करेगी।
समाज के विभिन्न पहलुओं पर इस प्रकार की टिप्पणियाँ भविष्य में राजनीतिक संवाद को और अधिक प्रभावित करेंगी। ब्रजेश पाठक जी की बातें स्पष्ट करती हैं कि वह जनता के हक में और सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण में खड़े हैं।
इस प्रकार, यह स्पष्ट होता है कि समाज में राजनीतिक मूल्यों के साथ-साथ सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाएं भी महत्वपूर्ण हैं। समाजवादी पार्टी और उसकी राजनीति को लेकर यह जोर भी महत्वपूर्ण है कि भविष्य में ऐसी घटनाए न हों, जो समाज के मूलभूत विश्वासों को चुनौती दें।
यह राजनीतिक स्थिति आने वाले समय में कैसे विकसित होगी, यह देखने के लिए हमें संयमित रहना होगा और समाज के सभी विश्वासों का सम्मान करना होगा। इसलिए, सभी राजनीतिक दलों को चाहिए कि वे अपने बयानों और कार्यों के प्रति सतर्क रहें ताकि समाज में हंसी-मजाक का विषय न बने।
सारांश में, ब्रजेश पाठक की टिप्पणियाँ यह दर्शाती हैं कि समाज में संवाद का उद्देश्य केवल राजनीतिक लाभ लेना नहीं होना चाहिए, बल्कि राष्ट्र के सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखना भी आवश्यक है। इससे सभी को लाभ होगा और सामाजिक संतुलन भी बनेगा।