Kejriwal Questions Amit Shah, Remembers His ‘Jail Government’ Amid Public Sentiment

30 दिन से अधिक जेल में रहने पर मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री की कुर्सी छीनने वाले विधेयक पर चर्चा
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 30 दिन से अधिक जेल में रहने के बाद मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री की कुर्सी छीनने की बात पर चर्चा करते हुए कहा है कि उन्होंने सलाखों के पीछे से भी एक अच्छी सरकार चलाई, जिसे लोग आज भी याद कर रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्विटर पर एक संदेश में कहा कि उन्होंने जेल के अंदर रहकर भी काम किया, और दिल्ली की जनता उनकी सरकार की कार्यशैली को याद कर रही है। आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख के रूप में, उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा उठाए गए मुद्दों पर पलटवार भी किया।
गृह मंत्री अमित शाह का बयान
गृह मंत्री अमित शाह ने एक समाचार एजेंसी को दिए अपने इंटरव्यू में अरविंद केजरीवाल का नाम लेते हुए कहा कि जब केजरीवाल जेल गए, तब भी उन्होंने पद से इस्तीफा नहीं दिया। शाह का कहना था कि यदि कोई व्यक्ति गंभीर आरोपों के चलते जेल जाता है और उसे 30 दिन में जमानत नहीं मिलती, तो उसे अपना पद छोड़ना पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि करप्शन के आरोप वाले मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री को जेल में रहकर सरकार चलाना कितना उचित है, यह एक बड़ा सवाल है।
केजरीवाल के दो सवाल
अरविंद केजरीवाल ने अमित शाह के बयान के जवाब में दो सवाल पूछे। उन्होंने कहा, “क्या वह व्यक्ति जो गंभीर अपराधियों को अपनी पार्टी में शामिल करता है और उन्हें मंत्री या उपमुख्यमंत्री बनाता है, उसे भी अपनी कुर्सी छोड़नी चाहिए?” इसके साथ ही, उन्होंने पूछा कि अगर किसी पर झूठा आरोप लगाया जाए और वह अंततः बरी हो जाए, तो उस पर झूठा केस लगाने वाले मंत्री को कितनी सजा मिलनी चाहिए।
लोगों की याद
केजरीवाल ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि लोग उन दिनों की याद कर रहे हैं जब उन्होंने जेल में रहते हुए 160 दिन तक सरकार चलाई। उन्होंने कहा कि जब उन्हें केंद्र सरकार द्वारा राजनीतिक षड्यंत्र के तहत जेल भेजा गया, तब दिल्ली की स्थिति बेहतर थी। उन्होंने यह भी कहा कि उनके कार्यकाल में बिजली की कटौती नहीं हुई, पानी की आपूर्ति सुचारू थी, और स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर थीं।
केजरीवाल ने यह भी कहा कि आज हालात इतने खराब हो गए हैं कि लोग उनकी जेल वाली सरकार की याद कर रहे हैं। उन्होंने यह साफ किया कि पिछले सात महीनों में दिल्ली की बीजेपी सरकार ने शहर की स्थिति को बेहद खराब कर दिया है।
राज्य की मौजूदा हालत
केजरीवाल ने कहा कि वर्तमान सरकार की नीतियों से दिल्ली की समस्याओं में कोई कमी नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बारिश के बाद होने वाली बाढ़ के दौरान स्थिति बेहद खराब हो जाती है, जबकि उनके कार्यकाल में ऐसी परिस्थितियों को बेहतर manage किया जाता था। स्कूलों के लिए भी उन्होंने कहा कि उन दिनों प्राइवेट स्कूलों को मनमानी करने की इजाजत नहीं थी, एवं शिक्षा का स्तर ऊँचा था।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर अपने विचार साझा करते हुए बताया कि जिन दिनों वह जेल में थे, उस दौरान भी उन्होंने दिल्ली में विकास कार्य जारी रखा। आज जब वह जेल से बाहर हैं, तो भी वह अपने वादों को निभाने के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
उनका कहना है कि राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप से उन्हें फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि उनका लक्ष्य केवल दिल्ली के लोगों की भलाई करना है।
जनता की आवाज
केजरीवाल ने लोगों की आवाज को सुनने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जनता ही अंतिम निर्णय लेती है और वह हमेशा उनकी भलाई के लिए काम करने के लिए तैयार रहेंगे।
निष्कर्ष
दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल का यह बयान उन लोगों के लिए एक चुनौती है जो राजनीतिक सहीतों का पालन करते हुए भी जनता की आवाज़ को नजरअंदाज करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वे जेल में रहते हुए भी अपनी ज़िम्मेदारियों से पीछे नहीं हटे, और उन्हें उम्मीद है कि लोग उनके कार्यकाल को याद करेंगे।
इस प्रकार, केजरीवाल ने इस विषय पर चर्चा करते हुए यह दिखाया कि कैसे एक नेता समय और परिस्थितियों के बावजूद अपनी जिम्मेदारियों को निभा सकता है।