कांग्रेस का बीसीसीआई को पत्र: एशिया कप में पाकिस्तान के साथ क्रिकेट राष्ट्रीय हित के खिलाफ है।

कांग्रेस ने एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ मैच पर बीसीसीआई को पत्र लिखा
कांग्रेस ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को एक पत्र भेजकर 14 सितंबर को एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले मैच को लेकर अपनी चिंता जताई है। सांसद गौरव गोगोई ने पत्र में यह लिखा है कि वर्तमान समय में क्रिकेट मैच का आयोजन राष्ट्रीय हित के खिलाफ हो सकता है, और इससे देश के नागरिकों की भावनाएँ आहत हो सकती हैं।
लोकसभा में कांग्रेस के डिप्टी लीडर गौरव गोगोई ने बीसीसीआई से अपील की है कि वह यह सुनिश्चित करें कि भारतीय टीम पाकिस्तान के खिलाफ क्रिकेट मैचों में भाग न ले। गोगोई का कहना है कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद, दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है, और ऐसे में पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना “राष्ट्रीय हित के खिलाफ” है।
भारत को 14 सितंबर को दुबई में एशिया कप के ग्रुप स्टेज मैच में पाकिस्तान से खेलना है। गोगोई ने बीसीसीआई के सचिव देवजीत साईकिया को लिखे पत्र में कहा, “क्रिकेट हमेशा से एक ऐसा खेल रहा है जो लोगों के बीच खुशी लाता है, लेकिन वर्तमान भारत-पाकिस्तान संबंधों के संदर्भ में इस तरह की घटनाओं को राष्ट्रीय हित से ऊपर महत्व नहीं दिया जाना चाहिए।”
गोगोई ने यह भी उल्लेख किया कि सीमा पर तनाव अभी भी बना हुआ है और हम सभी अपने सशस्त्र बलों के बलिदान के बारे में जानते हैं। उन्होंने 23 अगस्त को लिखे एक अन्य पत्र में कहा, “ऐसी परिस्थितियों में, पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट खेलना राष्ट्रीय हित के विपरीत लगता है।”
असम कांग्रेस के अध्यक्ष गोगोई ने आगे कहा कि भारत ने विभिन्न देशों को यह बताने के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजा था कि पाकिस्तान पहलगाम हमले के पीछे था। उन्होंने अप्रैल में जम्मू और कश्मीर के हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि की वापसी का हवाला देते हुए कहा, “यहां तक कि हमारे प्रधानमंत्री ने भी कहा था कि पानी और रक्त एक साथ नहीं प्रवाहित हो सकते हैं।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान समय में पाकिस्तान के साथ किसी भी प्रकार के संबंध स्थापित करना एक ऐसा संदेश भेजता है जो भारत के लोगों की भावनाओं को कमजोर करता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ किसी भी तरह का समझौता करने के खिलाफ हैं। जिन सांसदों ने इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, उनमें से एक जोरहाट के सांसद गोगोई हैं।
गोगोई ने यह भी बताया कि पाकिस्तान ने भारत में हॉकी खेलने से इनकार किया था, जिसमें सुरक्षा चिंताओं का उल्लेख किया गया था। उन्होंने कहा, “मौजूदा परिस्थितियों में क्रिकेट संबंधों को फिर से शुरू करने से कूटनीतिक सुरक्षा की गंभीरता कम हो सकती है।”
बीसीसीआई से गोगोई की अपील पैतृकता और सुरक्षा के प्रति सम्मान पर केंद्रित है। उन्होंने पत्र में यह उल्लेख किया कि “वैश्विक मंचों और द्विपक्षीय संबंधों में भारत का रुख एकता, शक्ति और हमारी संप्रभुता और सुरक्षा के प्रति सर्वोच्च सम्मान को प्रतिबिंबित करना चाहिए।” साईकिया असम के अधिवक्ता जनरल भी हैं।
गोगोई ने बीसीसीआई से आग्रह किया कि वह “स्पष्ट रुख” अपनाए और तब तक पाकिस्तान के साथ क्रिकेट से संबंधित गतिविधियों से दूर रहने की कोशिश करे जब तक परिस्थितियाँ अनुकूल नहीं हो जातीं। उन्होंने 14 अगस्त को मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा से भी गुज़ारिश की थी कि वे बीसीसीआई को पाकिस्तान के साथ संबंध खत्म करने की ओर प्रेरित करें।
इस पत्र को लेकर गोगोई का कहना है कि वह केवल खेल को लेकर चिंता नहीं जता रहे हैं, बल्कि वे देश की सुरक्षितता और नागरिकों की भावनाओं के प्रति भी बेहद संवेदनशील हैं।
कुल मिलाकर, कांग्रेस का यह पत्र एक स्पष्ट संकेत है कि वर्तमान में भारत और पाकिस्तान के बीच के संबंधों को देखते हुए खेल की गतिविधियों को प्राथमिकता नहीं दी जानी चाहिए। क्रिकेट एक खेल है जो लोगों को एक साथ लाने का काम करता है, लेकिन वर्तमान स्थिति में यह निश्चित रूप से एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है।
भारत में खेल की भावना और सुरक्षा दोनों ही महत्वपूर्ण हैं, और इस प्रकार के पत्र लिखने से यह स्पष्ट होता है कि राजनीतिक दल खेल के माध्यम से भी अपनी रुख बनाना चाहते हैं। इससे पहले भी कई बार इस प्रकार के मुद्दों पर राजनीति होती रही है, लेकिन इस बार गोगोई ने एक बहुत ही स्पष्ट और सटीक बात को उठाया है।
यदि भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट खेला जाता है, तो इससे केवल खेल का माहौल प्रभावित नहीं होगा, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और जनता के मन की स्थिति पर भी असर पड़ेगा।