आगरा

किराए पर मिलेगा दादा-दादी का प्यार, रामलाल वृद्धाश्रम ने की पहल, बुजुर्ग बोले- जहां प्यार मिले हम वहां चले जाएंगे

आगरा। आगरा के रामलाल वृद्धाश्रम एवं गोशाला समिति ने शुक्रवार को एक अनोखी योजना की शुरूआत हुई। इस योजना के तहत जो परिवार अपने बच्चों को दादा-दादी या नाना-नानी का स्नेह देना चाहते हैं। वे यहां से बुजुर्गों को अपने घर ले जा सकेंगे। जिसके लिए उन्हें इसका किराया देना होगा।
संवाददाता ने बुजुर्गों से राय जानी तो कई चेहरे खिल उठे तो कई आंखें नम हो गईं। वृद्ध ओपी शर्मा और ठाकुर दास ने मुस्कुराते हुए कहा— ह्लयोजना बहुत अच्छी है। हमें तो बस प्यार चाहिए, अगर कोई हमें अपनाकर ले जाएगा तो हम उनके साथ खुशी-खुशी चले जाएंगे। तो वहीं भगवान दास गुप्ता ने कहा—योजना अच्छी है।
वृद्धा विद्यादेवी बातचीत के दौरान रो पड़ीं। उन्होंने धीरे-धीरे कहा— मुझे मेरे बेटों ने छोड़ दिया है, मुझे कौन लेकर जाएगा? मेरे हाथ-पैर अब काम नहीं करते, अपना कुछ कर नहीं सकती। लेकिन अगर कोई फिर भी अपनाएगा तो मैं उसके साथ चली जाऊंगी। वहीं राधा रानी गोयल ने दृढ़ स्वर में कहा— हमें यहां से कहीं नहीं जाना। आश्रम में हमें जितना स्नेह और सम्मान मिलता है, उतना शायद बाहर न मिले।
आश्रम के ट्रस्ट सदस्य और मीडिया प्रभारी धीरज चौधरी ने बताया कि लंबे समय से कई लोग उनसे संपर्क कर रहे थे। जिन लोगों के घर में बुजुर्ग नहीं है, वे चाहते थे कि उनके बच्चों को भी दादा-दादी जैसा प्यार मिले। धीरज कहते हैं— ह्लहमने काफी विचार-विमर्श के बाद यह योजना बनाई। इसमें एक लीगल प्रोसेस के साथ लोग यहां से बुजुर्गों को 1 महीने के लिए अपने घर ले जा सकते हैं। परिवार को बुजुर्ग को घर ले जाने के लिए 11,000 रुपये प्रति माह देना होगा। इसमें से 5,000 सीधे बुजुर्ग को और बाकी 6,000 आश्रम की व्यवस्था पर खर्च होंगे। धीरज ने बताया कि आश्रम के वॉलंटियर्स हफ्ते में 2 दिन जाकर देखेंगे कि उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी तो नहीं है। अगर बुर्जर्गों को किसी भी तरह कि हानी पहुंचाई जाती है तो ले जाने वाले परिवार के खिलाफ लीगल एक्शन लिया जाएगा। अन्यथा कैसी भी परेशानी हाने पर उन्हें वापस आश्रम लाया जाएगा।

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