दक्षिण अफ्रीका में एचआईवी संकट: अमेरिकी मदद बंद, हजारों मरीजों की जान खतरे में

जोहानिसबर्ग । दक्षिण अफ्रीका में जैसे ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विदेशी सहायता में कटौती की खबर फैली यहां के देह व्यापारियों क्लीनिकों की ओर दौड़े। 24 घंटे के भीतर मुफ्त में एचआईवी इलाज सेवाएं देने वाले कई गैर-लाभकारी एचआईवी केंद्र बंद हो गए। इससे इस जानलेवा मर्ज के शिकार दक्षिण अफ्रीकी लोगों को मुफ्त दवाइयां की आपूर्ति रुक गईं।
हालांकि, अमेरिका ने बाद में वैश्विक स्तर कुछ जीवनरक्षक एचआईवी सेवाओं को आंशिक छूट दी, लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि असर गहरा है। अगर मदद बहाल नहीं हुई,तो अगले कुछ वर्षों में दक्षिण अफ्रीका में लाखों नए संक्रमण और हजारों मौतें हो सकती हैं।
यूएस एड में कटौती के छह महीने बाद एचआईवी पीड़ित सबसे ज्यादा लोगों वाला देश अपने सबसे कमजोर लोगों के इलाज के लिए संघर्ष कर रहा है। पूरे देश में 12 क्लीनिक बंद होने से 63,000 से ज्यादा मरीज प्रभावित हुए और करीब 2.2 लाख लोग एचआईवी दवाओं से वंचित हुए। हालांकि,द. अफ्रीका सरकार ने कहा कि अमेरिका के 427 मिलियन डॉलर की सहायता राशि वापस लेने से वह एचआईवी कार्यक्रम ध्वस्त नहीं होने देगी।
एसोसिएटेड प्रेस ने एक 37 साल की देह व्यापारियों वर्कर और तीन बच्चों की मां के हवाले से लिखा है कि उन्हें सरकारी अस्पतालों ने दवा देने से मना कर दिया। वह चार महीने तक बगैर दवा के रहीं। अमेरिकी फंडिंग में कटौती के बाद जून में मोबाइल क्लीनिक से उसे सिर्फ एक महीने की दवा मिली। उसने कहा, मुझे सिर्फ अपने बच्चों की फिक्र है। वह बताती है कि तीन क्लीनिकों ने उन्हें पिछले क्लिनिक से स्थानांतरण पत्र न होने के चलते इलाज से मना कर दिया।