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मनोज जरांगे ने मराठा आरक्षण पर सरकार को दिया अल्टीमेटम, कहा- कल तक हो फैसला, नहीं तो आंदोलन तय

मुंबई । मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने राज्य सरकार को दो टूक चेतावनी दी है कि 26 अगस्त तक यानि कल तक मराठा समाज को कानूनी दायरे में आरक्षण घोषित किया जाए, अन्यथा वह मुंबई कूच कर आजाद मैदान में आंदोलन शुरू करेंगे। जरांगे ने साफ किया है कि उनकी लड़ाई शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक होगी, लेकिन अगर मांग पूरी नहीं हुई तो यह बड़ा आंदोलन बनेगा। उन्होंने कहा कि अगर सरकार सकारात्मक निर्णय लेती है तो उन्हें मुंबई जाने की कोई जरूरत नहीं है।
जरांगे ने कहा कि वह 27 अगस्त को जालना जिले के अंटारवाली सराटी गांव से आंदोलन की शुरूआत करेंगे और 29 अगस्त को मुंबई के आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा और उनका उद्देश्य केवल आरक्षण का हक दिलाना है। जरांगे ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जिद्दी रवैया अपनाकर जानबूझकर मराठा समाज को भड़का रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल ही में 29 जातियों को ओबीसी वर्ग में शामिल किया है, लेकिन मराठा समाज को हक से वंचित रखा गया है।
जरांगे का कहना है कि मराठा समाज को कुणबी मानकर ओबीसी वर्ग में आरक्षण दिया जाना चाहिए। इसके लिए उन्होंने ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स जैसे हैदराबाद, बॉम्बे और सतारा गजट की अहमियत बताई, जिनमें मराठों को कुणबी दर्ज किया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब अन्य जातियों को बिना पर्याप्त प्रमाण आरक्षण दिया गया, तो मराठों के पास 58 लाख रिकॉर्ड होने के बावजूद उन्हें क्यों वंचित रखा गया है। जरांगे ने स्पष्ट किया कि मराठा समाज 10 प्रतिशत का अलग कोटा नहीं चाहता, क्योंकि उसे कभी भी खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि समाज को स्थायी आधार पर ओबीसी आरक्षण चाहिए।
जरांगे ने बताया कि 27 अगस्त को मराठा समाज के लोग अंटारवाली सराटी से निकलेंगे। 28 अगस्त को वे शिवनेरी किले जाएंगे और फिर राजगुरुनगर, चाकण, लोणावला, पनवेल, वाशी और चेंबूर होते हुए मुंबई पहुंचेंगे। 29 अगस्त को सुबह 10 बजे आजाद मैदान से आंदोलन की शुरूआत होगी। उन्होंने अपील की है कि शिक्षक, किसान, व्यापारी, बस कंडक्टर और अन्य वर्गों के लोग अपना काम छोड़कर आंदोलन में शामिल हों। साथ ही उन्होंने डॉक्टरों से भी दवाइयों और एंबुलेंस के साथ पहुंचने की अपील की। जरांगे ने कहा कि उन्होंने समाज से 5,000 पानी के टैंकर, गाड़ियां और वाहन लाने की अपील की है ताकि आंदोलनकारियों को किसी तरह की कठिनाई न हो।
जरांगे ने कहा कि वह सरकार को गिरा भी सकते हैं, अगर आरक्षण की मांग पूरी नहीं हुई। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने दो महीने पहले राज्य के सभी 288 विधायकों, मुख्यमंत्री फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व अजित पवार को फोन कर मराठा समाज की पीड़ा बताई थी, लेकिन किसी ने गंभीरता से नहीं सुना। जरांगे का कहना है कि अगर मांगें पूरी होतीं तो मुंबई जाने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने आरक्षण का फैसला नहीं किया तो मुंबई की जनता देख ले कि कौन जिद्दी है। उन्होंने दोहराया कि जब तक सरकार गजट के आधार पर मराठों को कुणबी मानकर आरक्षण लागू नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

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