सैयदा हमीद पर भड़के असम सीएम, बोले- इन जैसे लोगों की वजह से असमिया पहचान विलुप्ति के कगार पर

गुवाहाटी । सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व में योजना आयोग की सदस्य रहीं सैयदा हमीद के बयान से असम में राजनीतिक भूचाल खड़ा हो गया है। दरअसल हालिया असम दौरे पर सैयदा हमीद ने अपने एक बयान में यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि बांग्लादेशी, भारत में रह सकते हैं। अब इस पर सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने तीखा पलटवार किया है। सीएम ने कहा कि सैयदा हमीद जैसे लोगों की वजह से ही असमिया संस्कृति विलुप्ति के कगार पर है।
असम सीएम ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि ‘गांधी परिवार की करीबी विश्वासपात्र सैयदा हमीद जैसे लोग अवैध घुसपैठियों को वैध ठहराते हैं, क्योंकि वे असम को पाकिस्तान का हिस्सा बनाने के जिन्ना के सपने को साकार करना चाहते हैं। आज इनके जैसे लोगों के मौन समर्थन के कारण असमिया पहचान विलुप्त होने के कगार पर है। लेकिन हम लाचित बरफुकन के बेटे और बेटियां हैं, हम अपने राज्य और अपनी पहचान को बचाने के लिए अपने खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे। मैं ये साफ कर दूं कि बांग्लादेशियों का असम में स्वागत नहीं है, यह उनकी भूमि नहीं है। उनसे सहानुभूति रखने वाला कोई भी व्यक्ति उन्हें अपने घर में जगह दे सकता है। असम अवैध घुसपैठियों के लिए नहीं है, न अभी, न आगे कभी।’
दरअसल सैयदा हमीद ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ असम का दौरा किया। इस प्रतिनिधिमंडल में सैयदा हमीद के अलावा हर्ष मंदर, वजाहत हबीबुल्ला, फयाज शाहीन, प्रशांत भूषण, जवाहर सरकार शामिल रहे। इन लोगों ने सरकार द्वारा खाली कराए गए इलाकों का दौरा किया। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए सैयदा हमीद ने कहा कि ‘बांग्लादेशी होने में क्या बुराई है? बांग्लादेशी भी इंसान हैं; धरती बहुत बड़ी है, बांग्लादेशी भी यहां रह सकते हैं। अल्लाह ने यह धरती इंसानों के लिए बनाई है, शैतान के लिए नहीं। किसी इंसान को इतनी बेरहमी से क्यों निकाला जाए?’ उन्होंने असम सरकार पर बेदखली अभियानों के दौरान अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ अमानवीय कृत्य करने का आरोप लगाया।