मथुरा

स्कूली बच्चों का पिस्तौल दिखाकर अपहरण का प्रयास, एक बदमाश को लोगों ने पकड़ा।

मथुरा में महोली रोड पर चार बच्चों के अपहरण के प्रयास की घटना सामने आई है। सोमवार की सुबह लगभग आठ बजे, जब ये बच्चे स्कूल जा रहे थे, तभी दो व्यक्तियों ने उन्हें बंदूक दिखाकर पकड़ने की कोशिश की। इस दौरान तीन बच्चे चिल्लाते हुए भाग गए, जबकि एक बच्चा एक बदमाश के साथ भागने लगा। लेकिन आसपास के लोगों ने उस बदमाश को पकड़ लिया और बच्चे को सुरक्षित कर लिया। बाद में बदमाश को पुलिस को सौंप दिया गया।

स्कूल से घर लौटने के बाद, बच्चों ने अपने परिवार को पूरी घटना बताई। इस पर परिवार ने पुलिस स्टेशन में एक आवेदन दिया। हालांकि, सीओ ने इस परिप्रेक्ष्य में अपहरण की घटना से इनकार किया है।

### अपहरण का प्रयास

घटना में शामिल बच्चे सबनम, सुनीता, बंटू और धर्मी स्थानीय पन्नपुर गांव के निवासी हैं। सोमवार सुबह, ये बच्चे जय गुरुदेव पोजिशन स्कूल जा रहे थे, तभी दो लोग गंदे कुएं के पास आए और बंदूक के बल पर उन्हें पकड़ने का प्रयास किया। इसके चलते तीन बच्चे चिल्लाते हुए भाग निकले। बदमाश एक बच्चे को काबू में रखने में सफल रहे, लेकिन आसपास के लोगों ने चौकसी करके एक बदमाश को पकड़ लिया।

### पुलिस घटनास्थल पर पहुंची

घटना की सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। उन्होंने पकड़ाए हुए बदमाश को अपने साथ लेकर पुलिस स्टेशन गई। बच्चे घर वापस लौटने पर अपने परिवार को पूरी स्थिति से अवगत कराया। इस घटना की जानकारी मिलने पर एक बच्चे के पिता राजेंद्र ने पुलिस स्टेशन में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई।

### सीओ का बयान

सीओ ने घटना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अपहरण जैसी कोई घटना नहीं हुई है। एक व्यक्ति जो औद्योगिक क्षेत्र में काम करता है, सुबह अपनी फैक्ट्री का दरवाजा नहीं खुलने के कारण झाड़ियों के पीछे चला गया था। जब बच्चे वहाँ से गुजर रहे थे, तो वह अचानक झाड़ियों से बाहर आया, जिससे बच्चों में डर का माहौल पैदा हो गया और वे चिल्लाने लगे। अब पकड़े गए व्यक्ति से पूछताछ की जा रही है।

यह घटना एक गंभीर चिंता का विषय है, जो समाज में सुरक्षा की स्थिति को लेकर सवाल खड़े करती है। जबकि पुलिस ने इसे अपहरण का प्रयास मानने से इनकार किया है, समाज में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं।

सभी को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होना चाहिए ताकि ऐसी परिस्थितियों से बच्चों को सुरक्षित रखा जा सके। माता-पिताओं, स्कूलों और स्थानीय संगठनों को मिलकर बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान देना होगा।

यह घटना हमें यह सिखाती है कि हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और बच्चों को संवेदनशीलता के साथ ऐसी घटनाओं के प्रति जागरूक करना चाहिए। बच्चों को सुरक्षा उपायों के बारे में बताना आवश्यक है, ताकि वे किसी भी संदिग्ध स्थिति का सामना कर सकें।

अंत में, यह आवश्यक है कि समाज मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एकजुट हो और बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे। बच्चे हमारे भविष्य हैं, और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना हर एक की जिम्मेदारी होनी चाहिए।

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