बारह ODI डबल सेंचुरी: सात भारतीय बल्लेबाजों का अद्वितीय प्रदर्शन, मैक्सवेल सूची से बाहर।

ओडी क्रिकेट में दोहरी शताब्दी का महत्त्व
ओडी क्रिकेट के इतिहास में, एक दोहरी सदी को एक बल्लेबाज के करियर का सबसे बड़ा उपलब्धि माना जाता है। अब तक, कुल 12 बल्लेबाजों ने इस प्रारूप में दोहरी शताब्दी बनाई है, जिनमें से सात बार भारतीय खिलाड़ियों ने ऐसा किया है। यह टीम इंडिया की बल्लेबाजी की ताकत का बड़ा प्रमाण है।
ग्लेन मैक्सवेल का अनूठा रिकॉर्ड
ग्लेन मैक्सवेल ने दोहरी शताब्दी का एक खास रिकॉर्ड भी बनाया है। 2012 में, मैक्सवेल ने अपना पहला वनडे खेला और 13 वर्षों के बाद, वह दोहरी शताब्दी बनाने वाले एक महत्वपूर्ण बल्लेबाज बन गए। उनकी इन उपलब्धियों से यह साबित होता है कि मेहनत और समर्पण से प्रतिभा को निखारा जा सकता है।
सचिन तेंदुलकर की ऐतिहासिक पारी
2010 में, सचिन तेंदुलकर ने ODI में पहली बार दोहरी शताब्दी का रिकॉर्ड स्थापित किया जब उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 200 रन की पारी खेली। इस पारी ने भारतीय क्रिकेट में एक नई क्रांति की शुरुआत की। इसके बाद, भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन और भी दमदार होता चला गया।
वीरेंद्र सहवाग की तूफानी पारी
2011 में, वीरेंद्र सहवाग ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ 219 रन की एक शानदार पारी खेली। सहवाग की यह पारी उनके आक्रामक बल्लेबाजी शैली की मिसाल थी और उन्होंने यह दिखाया कि कैसे एक बल्लेबाज उच्च स्कोर बनाने की क्षमता रखता है।
रोहित शर्मा का रिकॉर्ड
रोहित शर्मा ने इस क्रम में इतिहास को फिर से लिखा। उनके नाम पर तीन दोहरी शताब्दियों का रिकॉर्ड है, जिसमें 2014 में श्रीलंका के खिलाफ 264 रन का अद्वितीय व्यक्तिगत स्कोर शामिल है। इसके अलावा, उन्होंने 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 209 रन और 2017 में श्रीलंका के खिलाफ 208 नॉट आउट की पारी खेली।
ईशान किशन और शुभमन गिल का उदय
2022 में, ईशान किशन ने बांग्लादेश के खिलाफ 210 रन की पारी खेलकर दोहरी शताब्दी क्लब में प्रवेश किया। इसी तरह, 2023 में शुभमन गिल ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 208 रन बनाकर इस क्लब में अपनी जगह बनाई। ये युवा बल्लेबाज यह दिखा रहे हैं कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्जवल है।
विदेशी खिलाड़ियों की उपस्थिति
इस क्रम में, विदेशी खिलाड़ियों का योगदान भी महत्वपूर्ण है। वेस्ट इंडीज के क्रिस गेल (215 रन बनाम जिम्बाब्वे) और न्यूजीलैंड के मार्टिन गुप्टिल (237* बनाम वेस्ट इंडीज) ने भी इस विशेष क्लब में अपनी जगह बनाई।
फखर ज़मान और पाथम निसंका
पाकिस्तान के फखर ज़मान ने 2018 में 210 रन बनाए और हाल ही में श्रीलंका के पाथम निसंका ने 2024 में अफगानिस्तान के खिलाफ 210 रन बनाकर इस क्लब में शामिल हुए।
मैक्सवेल का अनूठा प्रदर्शन
ग्लेन मैक्सवेल का नाम उन सभी में अलग और विशेष है। ऑस्ट्रेलियाई ऑल-राउंडर ने 2012 में अपनी एकदिवसीय यात्रा शुरू की और 2023 में अफगानिस्तान के खिलाफ 201* नाबाद पारी खेली। वह एक सफल पीछा करते हुए दोहरी शताब्दी बनाने वाले वनडे इतिहास में एकमात्र बल्लेबाज हैं।
निष्कर्ष
इस प्रकार, ओडी क्रिकेट में दोहरी शताब्दी बनाना केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि यह एक टीम और देश का गर्व भी है। ये रिकॉर्ड हमें यह भी दिखाते हैं कि क्रिकेट एक ऐसा खेल है, जो हर दिन नए सितारे और कहानियाँ पैदा करता है। इस इतिहास की गाथा लगातार बढ़ती रहेगी और नए खिलाड़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
क्रिकेट का यह सफर आगे भी ऐसे ही जारी रहेगा, जहां हर बल्लेबाज अपने प्रयासों से नया इतिहास बनाने की कोशिश करेगा। ओडी क्रिकेट में दोहरी शताब्दी हमेशा एक विशेष मील का पत्थर बनी रहेगी।