राज कुंद्रा की किडनी मामले में प्रेमनंद जी की अपील: कृष्णा जनमभूमि मंदिर केस में याचिका

मथुरा-वृंदावन में प्रेमनंद महाराज के लिए किडनी दान की पेशकश
मथुरा-वृंदावन के प्रतिष्ठित संत प्रेमनंद महाराज की स्वास्थ्य की स्थिति को लेकर हाल ही में एक चर्चा का विषय बन रहा है। उनके खराब किडनी स्वास्थ्य की खबर सुनकर, फिल्म उद्योग से जुड़े राज कुंडरा ने महाराज को अपनी किडनी दान करने की पेशकश की। हालांकि, इस प्रस्ताव पर मुख्य याचिकाकर्ता दिनेश फाल्हारी बाबा ने अपनी आपत्ति जताई है। उनका मानना है कि महाराज को राज कुंडरा की किडनी के बजाय एक शुद्ध किडनी लेनी चाहिए। आइए जानते हैं कि फाल्हारी बाबा ने अपनी आपत्ति में क्या तर्क दिए हैं।
फाल्हारी बाबा की आपत्ति
दिनेश फाल्हारी बाबा ने एक पत्र में स्पष्ट किया है कि वे राज कुंडरा की किडनी को लेकर चिंतित हैं। उनका कहना है कि कुंडरा की किडनी दूषित हो सकती है, क्योंकि वह मांस और शराब का सेवन करते हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रेमनंद महाराज को उनकी उसी किडनी को लेना चाहिए, जो कि शुद्ध और स्वच्छ है। फाल्हारी बाबा ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि वह महाराज को भगवान मानते हैं और उनके लिए अपनी पूरी ज़िंदगी भी त्यागने को तैयार हैं।
प्रेमनंद महाराज का संबंध ब्रजवासियों से
फाल्हारी बाबा ने अपने पत्र में यह भी कहा कि प्रेमनंद महाराज बृजवासियों के प्रति बहुत स्नेही हैं, और इसी प्रकार ब्रिजवासी भी महाराज के प्रति अपनी कृतज्ञता और प्रेम व्यक्त करते हैं। उनका मानना है कि जैसे श्री राधा और कृष्ण ब्रजवासियों के प्रिय हैं, ठीक उसी तरह प्रेमनंद महाराज भी उनके लिए विशेष हैं। उन्होंने महाराज से केवल अपनी किडनी लेने का आग्रह किया ताकि वह स्वस्थ रह सकें और अपने अनमोल कार्य जारी रख सकें।
दिनेश फाल्हारी बाबा की पहचान
दिनेश फाल्हारी बाबा एक प्रमुख धार्मिक व्यक्ति हैं, जिन्होंने तीन वर्ष पहले एक प्रतिज्ञा की थी कि जब तक मस्जिद कृष्ण मंदिर से नहीं हटती हैं, तब तक वे न तो अपने पैरों पर खड़े होंगे और न ही किसी वस्त्र का उपयोग करेंगे। इस संकल्प के प्रति उनकी प्रतिबद्धता आज भी बरकरार है। फाल्हारी बाबा श्री कृष्ण जनमभूमि मंदिर-मस्जिद मामले में एक महत्वपूर्ण याचिकाकर्ता बने हुए हैं।
महाराष्ट्र के आरिफ खान चिशती की पहल
इस बीच, महाराष्ट्र के नर्मदापुरम जिले से आरिफ खान चिशती ने भी प्रेमनंद जी महाराज को अपनी किडनी दान करने का संकल्प लिया है। उन्होंने इस बाबत एक पत्र प्रेमनंद जी और जिला प्रशासन को भेजा है। उनका लक्ष्य है कि प्रेमनंद जी, जो राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने वाले प्रवचन देते हैं, उनकी सीमित आयु पर प्रभाव पड़े और वे देश के विकास में योगदान दे सकें।
प्रेमनंद महाराज का मौजूदा स्वास्थ्य
हालांकि, प्रेमनंद महाराज के आश्रम से अबतक इस किडनी दान प्रस्ताव पर कोई औपचारिक बयान नहीं आया है। इस दृष्टिकोण पर, राज कुंडरा ने अपने प्रवचनों में कहा है कि “हम आपकी किडनी के साथ क्या करेंगे, जितना राधा रानी और भगवान की इच्छा है, हमारा शरीर चलेगा।”
उपसंहार
इस मौजूदा स्थिति में, जहां एक व्यक्ति भगवान मानने वाले संत के प्रति अपनी श्रद्धा और समर्पण प्रकट कर रहा है, वहीं दूसरों ने अपनी चिंता जाहिर की है। जो भी हो, प्रेमनंद महाराज का स्वास्थ्य सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और उनके लिए समाज में जो स्नेह और सम्मान है, वह आगे भी ऐसे ही बना रहना चाहिए।
इस प्रकार, प्रेमनंद महाराज के लिए किडनी दान की गैप बाल तीर्थ यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो सभी भक्तों और समुदाय के सदस्यों को जोड़ती है। आशा है कि यह चर्चा सभी के मन में प्रेम और सेवा की भावना को जागृत करेगी।