व्यापार

जयशंकर: भारत और अमेरिका के बीच कोई मतभेद नहीं; रूसी तेल पर चर्चाओं के बीच व्यापार वार्ता जारी

भारत-अमेरिका व्यापार पर जयशंकर का बयान

नई दिल्ली में आयोजित एक महत्वपूर्ण फोरम में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार पर बातचीत लगातार जारी है और कुछ भी विवाद उत्पन्न नहीं हुआ है।

जयशंकर ने अपने भाषण में जोर दिया कि भारत कृषि और छोटे उत्पादकों के हितों को प्राथमिकता देते हुए फैसले ले रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जब रूस से तेल खरीदने की बात आती है, तो भारत अपने राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए ही इस मुद्दे पर निर्णय करेगा। उन्होंने कुछ देशों द्वारा भारत पर आरोप लगाए जाने के जवाब में कहा कि यदि किसी देश को भारत से तेल खरीदने में समस्या है, तो वे इसे न खरीदे। भारत किसी को भी इसके लिए मजबूर नहीं कर रहा है।

टैरिफ विवाद और मध्यस्थता

जयशंकर ने टैरिफ विवाद पर बात करते हुए तीन प्रमुख मुद्दों का जिक्र किया: व्यापार, रूस से तेल की खरीद, और भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत-पाक संघर्ष के मामलों में कोई भी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जाएगी।

उन्हें यह कहते हुए सुना गया कि जब भी विवाद उत्पन्न होता है, देशों के बीच वार्ता का होना आवश्यक है। अमेरिका और अन्य देशों ने भी इस पर चर्चा की, लेकिन यह कहना गलत है कि भारत-पाक के बीच किसी समझौते का श्रेय इन्हें दिया जाए।

जयशंकर ने अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह ध्यान में रखना जरूरी है कि अमेरिका अपनी पुरानी नीतियों को भुला रहा है। उन्होंने यह याद दिलाया कि दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को 2011 में पाकिस्तान में ही पकड़ा गया था।

ट्रम्प का दृष्टिकोण और भारत

जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की विदेश नीति पर भी बात की, यह बताते हुए कि उनका दृष्टिकोण अन्य राष्ट्रपतियों से काफी अलग है। उन्होंने इसे बड़ा परिवर्तन बताया जो केवल भारत तक सीमित नहीं है।

ट्रम्प के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भी भारत पर आरोप लगाया था कि वह रूस से तेल खरीदकर मुनाफाखोरी कर रहा है। नवारो के अनुसार, भारत सस्ते में रूस से कच्चा तेल खरीदता है और उसे रिफाइन करके अधिक कीमत पर बेचा जा रहा है, जिससे रूस को युद्ध के लिए धन मिल रहा है।

ट्रम्प ने इस संदर्भ में भारत पर 25% टैरिफ लगाने का भी ऐलान किया है, जो अगले कुछ समय में लागू होने जा रहा है। इससे अमेरिकी बाजार में भारतीय सामान की कीमत में बढ़ोतरी हो सकती है।

संदर्भ और निष्कर्ष

जयशंकर ने कहा कि भारत चीन के बाद रूस से तेल खरीदने में दूसरा सबसे बड़ा है। जबकि यूक्रेन युद्ध से पहले भारत केवल 0.2% तेल ही रूस से खरीदता था, यह आंकड़ा अब बढ़कर 45% हो गया है। पिछले दो वर्षों में, भारत ने रूस से 130 अरब डॉलर से अधिक का तेल खरीदा है।

आने वाले समय में, भारत के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह अपने राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता पर रखते हुए वैश्विक परिस्थितियों से निपटे। विदेश मंत्री का यह बयान न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक व्यापारिक संबंधों के लिए भी एक महत्वपूर्ण संकेत है।

इस प्रकार, भारत का अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंध बने रहेंगे, बशर्ते दोनों पक्षों के बीच संवाद और बातचीत जारी रहे। जयशंकर का यह कहना महत्वपूर्ण है कि भारत हमेशा अपने स्वार्थों और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का पालन करेगा।

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