दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता: तूफानों से जूझने की आदत, असली दौलत के बारे में बताया।

दिल्ली के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का श्रीराम कॉलेज में भाषण
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के वार्षिक समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर, उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए अपने छात्र जीवन की यादों को पुनर्जीवित किया। उन्होंने बताया कि उनके अनुभवों ने कैसे उनके राजनीतिक सफर को आकार दिया।
मुख्यमंत्री गुप्ता ने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि उनके कॉलेज के दिन उनके जीवन के सुनहरे अध्याय हैं। उन्होंने कहा, “जब भी मैं यूनिवर्सिटी कैंपस में लौटती हूं, तो उम्र और पद का अंतर मिट जाता है। मेरा छात्र जीवन एक बार फिर जीवंत हो उठता है।”
मुख्यमंत्री ने एक मुस्कान के साथ बताया कि कैसे 1993 में उच्च कट-ऑफ अंकों के कारण उन्हें श्रीराम कॉलेज में प्रवेश नहीं मिल पाया था। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “शायद मुझे यहां आने के लिए मुख्यमंत्री बनना पड़ा।” छात्रों और संकाय सदस्यों ने इस पर तालियां बजाईं और खुशनुमा माहौल बना।
छात्र जीवन की याद करते हुए, सीएम गुप्ता ने कैंटीन में होने वाली बातचीत, कक्षाओं में हंसी-मजाक, परीक्षा की तैयारी की रातों और कमला नगर में दोस्तों के साथ लंबी सैर के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ये यादें उनके साथ आज भी हैं और उन्हें प्रेरित करती रहती हैं।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल का एक कठिन दौर भी याद किया, जब एक विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्हें गंभीर चोटें आई थीं। उन्होंने कहा, “मैंने लगभग डेढ़ महीने तक दर्द और चुनौतियों का सामना किया। लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। मुझे तूफानों से जूझने की आदत है। मैं किसी भी राक्षसी शक्ति से डरने वाली नहीं हूं।”
छात्र जीवन के स्थायी मूल्यों पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि कॉलेज की दोस्ती, कैंटीन में बहसें और प्रोफेसरों के साथ बातचीत ही उनकी असली दौलत हैं। यही चीजें उन्हें नेतृत्व और जनसेवा की ओर अग्रसर करने वाली हैं।
सीएम ने छात्रों को कॉलेज की यादों को महज पुरानी यादों की तरह न समझने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “आपके जीवन का हर छोटा-बड़ा अनुभव आपकी आगे की यात्रा को आकार देता है। छात्र जीवन में सीखे गए सबक आपको नेतृत्व करने, संवेदनशील बने रहने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का साहस देते हैं।”
मुख्यमंत्री गुप्ता की बातें सुनकर छात्रों में एक नई ऊर्जा जागृत हुई। उन्होंने प्रेरणादायक शब्दों से छात्रों को जोश और उत्साह से भरा। उन्होंने कहा कि छात्र जीवन से मिली सीखों का महत्व सिर्फ एक समय में ही खत्म नहीं होता, बल्कि यह जीवन के हर क्षेत्र में काम आता है।
एक प्रमुख राजनीतिक हस्ती होने के नाते, सीएम गुप्ता ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए यह भी कहा कि सार्वजनिक जीवन में भी बहुत से उतार-चढ़ाव आते हैं, परंतु इस दौरान धैर्य और कठोर मेहनत महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में निरंतर प्रगति करते रहें।
हमेशा सीखते रहना
सीएम गुप्ता ने यह भी कहा कि जीवन में हमेशा सीखने की प्रक्रिया चलती रहनी चाहिए। छात्र जीवन में की गई पढ़ाई, गतिविधियां और संबंध केवल उस समय का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि ये भविष्य में सफल बनने के लिए एक मजबूत नींव तैयार करते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें जितना भी संघर्ष करना पड़ा, वह सब उनके अनुभव का हिस्सा है, और वह उन्हें आगे बढ़ने में मदद करता है।
सीएम ने छात्रों को यह भी बताया कि कभी-कभी असफलता से आपका हौसला टूट सकता है, लेकिन वही असफलताएं आपको अपने लक्ष्यों के प्रति और अधिक दृढ़ बनाती हैं। उन्होंने उन्हें याद दिलाया कि हर व्यक्ति को अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यही जिंदगी का असली पाठ है।
संबंधों का महत्व
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में यह भी बताया कि कॉलेज में बने रिश्ते जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति होते हैं। दोस्ती, साथी, और शिक्षकों के साथ अनुभव ही उस नेटवर्क को तैयार करते हैं, जो जीवन में भविष्य में मददगार साबित होते हैं।
उन्होंने कहा कि कॉलेज के मित्रता संबंध कभी खत्म नहीं होते और ये जीवनभर आपका साथ देते हैं। छात्रों को यह समझने की आवश्यकता है कि वे जो भी संबंध बनाते हैं, वे उनके जीवन यात्रा में महत्वपूर्ण होते हैं।
छात्रों को संबोधित करते हुए गुप्ता ने कहा, “यह जरूरी नहीं है कि आप हमेशा सफल हों, परंतु आपकी मेहनत, समर्पण और आपके संबंध आपको एक सफल इंसान बनाएंगे। इसलिए मेहनत करते रहो, नए संबंध बनाते रहो और कभी भी अपने लक्ष्यों से मत भटको।”
समाजिक जिम्मेदारी
सीएम गुप्ता ने यह भी बताया कि जब वे राजनीति में आईं, तो उन्हें यह अहसास हुआ कि समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाना कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “हम सबको समाज में अपने हिस्से की भूमिका निभानी है। आप जब कॉलेज से निकलते हैं, तो आप केवल एक छात्र नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक होते हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि छात्रों को सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूक होना चाहिए। उन्होंने उन्हें सलाह दी कि वे न केवल अपने सपनों का पीछा करें, बल्कि समाज की भलाई के लिए भी काम करें। उन्हें यह याद रखना चाहिए कि वे भविष्य के नेता हैं और उनकी सोच से ही समाज में बदलाव आ सकता है।
आगे का सफर
अंत में, मुख्यमंत्री गुप्ता ने छात्रों से कहा कि उनका सफर यहीं खत्म नहीं होता। यह सिर्फ एक शुरुआत है और उन्हें अपने लक्ष्यों के लिए सफलतापूर्वक आगे बढ़ते रहना चाहिए। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि दृढ़ता और महनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
छात्रों को अपने अनुभवों के साथ मिलकर अपनी पहचान बनानी चाहिए और अपने देश के लिए कुछ बड़ा करने की सोच रखनी चाहिए। सीएम गुप्ता के शब्दों ने छात्रों में नई ऊर्जा और उम्मीद पैदा की।
उन्होंने कहा कि “आपका भविष्य आपके हाथ में है। उसे मजबूती से पकड़ें और अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करते रहें।”
इस प्रकार, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का यह भाषण छात्रों के लिए प्रेरणादायक और मार्गदर्शक साबित हुआ। उनके अनुभव और सीख छात्रों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहेंगे।