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मुंबई में वैश्विक व्यापार नीति पर चर्चा, व्यापार सुगमता के लिए नए उपायों का प्रस्ताव

मुंबई के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सह्याद्रि अतिथि गृह में वैश्विक आयात-निर्यात नीति और व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में उन्होंने विभिन्न निर्देश दिए और योजनाओं पर चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत पर अमेरिका द्वारा लगाए गए आयात टैरिफ का जवाब देने के लिए महाराष्ट्र नए और वैकल्पिक बाजार तलाशने की दिशा में काम करेगा। उन्होंने उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ नीति में सुधार करने की बात की। इस नीति के तहत कुछ महत्वपूर्ण सुधार लागू किए जाएंगे, जिनकी निगरानी के लिए एक विशेष ‘वॉर रूम’ भी बनाया जाएगा, जिससे हर महीने इन सुधारों की समीक्षा की जा सके।

मुख्यमंत्री ने लघु और मध्यम उद्यमों के लिए निजी औद्योगिक पार्कों को बढ़ावा देने का महत्व बताया। उन्होंने महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम को निर्देश दिया कि वह ऐसी नीति विकसित करे, जिससे औद्योगिक क्षेत्रों के बाहर निजी पार्क बनाए जा सकें। इसके साथ ही, उद्योगों को लाइसेंस जल्दी और सरलता से प्रदान करने के लिए सिंगल विंडो पोर्टल को प्रभावकारी बनाने पर भी जोर दिया गया।

उन्होंने यह सुझाव दिया कि यदि कृषि प्रसंस्करण या कृषि आधारित उद्योगों का क्षेत्र पांच हेक्टेयर से अधिक है, तो उसके लिए किसी प्रकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए, ताकि उद्योगों को अधिक स्वतंत्रता मिल सके।

मुख्यमंत्री ने उन उद्योगों के लिए प्रदूषण जुर्माने में संशोधन करने की बात कही, जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। इसके अतिरिक्त, उद्योगों के लिए भूमि आवंटन और अनुमति की प्रक्रिया में तेजी लाने का भी निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि मौजूदा उद्योगों के विकास और नए उद्योगों की स्थापना के लिए सरकार की नीतियों में सकारात्मकता होनी चाहिए।

महाराष्ट्र ने पहले ही कई सुधारों को लागू करने की दिशा में कदम उठाए हैं। जैसे स्थायी अग्नि लाइसेंस, मैत्री अधिनियम 2023, और सिंगल विंडो सिस्टम के तहत बिजली कनेक्शन के लिए केवल दो दस्तावेजों की आवश्यकता। इसके अलावा, मिलाप पोर्टल के माध्यम से एमआईडीसी से प्लॉट आवंटन में भी सरलता लाई गई है।

भविष्य में भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने की योजना है, जिनमें भूमि बैंक की स्थापना, पारदर्शी प्लॉट वितरण, 60 दिनों में पर्यावरण परमिट, जिला स्तर पर निवेश बढ़ाने के लिए विशेष तंत्र, समर्पित निर्यात पोर्टल, और ‘एक तालुका एक समूह विकास’ पहल शामिल हैं। इन सभी पहलों का उद्देश्य महाराष्ट्र में उद्योगों की वृद्धि को प्रोत्साहित करना है और व्यापार जगत में एक सकारात्मक माहौल बनाना है।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का यह प्रयास साबित करता है कि महाराष्ट्र सरकार न केवल उद्योगों के विकास के लिए बल्कि व्यापार सुगमता और निवेश को आकर्षित करने के लिए तत्पर है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इन सुधारों के माध्यम से व्यापार के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया जाएगा, ताकि राज्य के उद्योग मजबूत और प्रतिस्पर्धात्मक बन सकें।

इस दिशा में उठाए गए कदम न केवल उद्योगों के विकास को बढ़ावा देंगे, बल्कि इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। लघु और मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि बड़े उद्योग भी अपने क्षेत्र में निवेश करें और अगले स्तर पर पहुंचें।

मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया है कि वे इन सुधारों को लागू करने में तेजी लाएं और सुनिश्चित करें कि प्रक्रिया सरल और प्रभावी हो। उन्होंने कर्मचारियों और अधिकारियों को प्रेरित किया है कि वे इन पहलों को सफल बनाने में योगदान दें, ताकि जबाबदेही और पारदर्शिता बनी रहे।

इस प्रकार, महाराष्ट्र का यह प्रयास केवल मौजूदा उद्योगों को मजबूत बनाने का नहीं है, बल्कि नए उद्योगों की स्थापना के लिए भी एक सकारात्मक दिशा में कदम बढ़ाना है। इस पहल से न केवल आर्थिक विकास होगा, बल्कि सामाजिक कल्याण भी सुनिश्चित होगा।

इस पूरी प्रक्रिया में जनता की जानकारी और साक्षात्कार की भी व्यवस्था की जाएगी, ताकि लोगों को भी इस विकास की गतिविधियों और उनके लाभों के बारे में जानकारी हो सके। इससे राज्य सरकार की नीतियों और पहलों के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा।

अंत में, यह कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र एक नई दिशा में अग्रसर हो रहा है। उद्योगों और व्यवसायों को बढ़ावा देने की दिशा में उठाए गए कदम निश्चित रूप से राज्य के आर्थिक विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। ऐसे दौर में जब प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, इन पहलों से महाराष्ट्र एक मजबूत औद्योगिक राज्य के रूप में उभर कर सामने आएगा।

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