9 बागी कांग्रेसियों से अबतक नहीं मिले अमित शाह
पार्टी से बगावत करके हरीश रावत सरकार के लिए संकट पैदा करने वाले कांग्रेस के 9 बागी विधायकों से भाजपा आलाकमान अब दूरी बरत रहा है। पार्टी ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के साथ अपने नेताओं की मुलाकात से कांग्रेस के बागियों को दूर रखा है।
तो भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से अब तक इन विधायकों की भेंट नहीं हो सकी है। जबकि शनिवार को रात 9 बजे ही इन विधायकों के साथ शाह की मुलाकात होनी थी। बताया जा रहा है कि राज्यपाल के फैसले के बाद उपजे हालातों में भाजपा आलाकमान को अपनी रणनीति बदलनी पड़ी है। पार्टी आलाकमान उत्तराखंड के सियासी घमासान का लाभ उठाने के प्रयास में तो है। मगर राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले इसके सियासी खरोंच से वह बचना चाहती है। इस प्रयास में भाजपा ने उत्तराखंड के सियासी संकट को कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति की देन के रूप में प्रचारित करना शुरू कर दिया है।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि सूबे का सियासी संकट कांग्रेस का आंतरिक गतिरोध के कारण है। दरअसल भाजपा के बदली रणनीति को सियासी मजबूरी माना जा रहा है। सूबे के सियासी संकट को लेकर कांग्रेस ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ऐसे में भाजपा रणनीतिकारों को लगता है कि यदि वह इस मामले में सीधे जुड़ी दिखेगी तो उसके छवि पर सियासी खरोंच लग सकता है।
यही वजह है कि बागी विधायकों से सार्वजनिक दूरी बरतते हुए भाजपा आलाकमान अपनी छवि बचाने में जुटा है। ताकि मामला विफल होने पर वह सियासी खरोंच से अपने आप को बचा सकें। वैसे परदे के पिछे शाह पूरे घटनाक्रम पर नजर गड़ाए हुए हैं। ऑपरेशन उत्तराखंड में जुटे नेताओं के साथ उन्होंने अपना एक खास सिपहसलार जुटा रखा है।