‘ऐसे कानून संविधान के लिए दीमक जैसे’, पीएम-सीएम और मंत्री को हटाने वाले विधेयक पर कपिल सिब्बल हमलावर

नई दिल्ली । राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार जो नए बिल ला रही है, जिनमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्री को 30 दिन की गिरफ्तारी के बाद पद से हटाने का प्रावधान है, वे संविधान को कमजोर करने वाले कानून हैं। कपिल सिब्बल ने इन्हें संविधान के लिए दीमक बताया। कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि इन बिलों का असली मकसद विपक्षी नेताओं और मुख्यमंत्रियों को निशाना बनाना है। उन्होंने कहा कि इससे लोकतांत्रिक ढांचे को तोड़ने की कोशिश हो रही है।
उन्होंने भरोसा जताया कि सरकार इन बिलों को पास नहीं करा पाएगी, क्योंकि संविधान संशोधन के लिए दो-तिहाई बहुमत चाहिए, जो सरकार के पास नहीं है। बता दें कि बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन अहम बिल पेश किए थे, जिसमें पहला- संघ राज्य क्षेत्र सरकार (संशोधन) बिल 2025, दूसरा- संविधान (130वां संशोधन) बिल 2025 और तीसरा- जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025 है
कपिल सिब्बल ने उदाहरण देते हुए कहा कि यह कानून अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और हेमंत सोरेन जैसे नेताओं को टारगेट करने के लिए बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘जो सरकार लोकतांत्रिक तरीके से चुनी जाती है, उसे तोड़ने की कोशिश हो रही है। यही असली दीमक है।’ उन्होंने दावा किया कि सरकार विपक्ष से डरी हुई है और बिहार में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की जनसभाओं में लाखों लोग जुट रहे हैं, जिससे जनता का रुख साफ दिख रहा है।
वहीं इस विधेयक पर आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा- नेताओं को ऐसे कानून से घबराना चाहिए और आम आदमी पार्टी जैसी ईमानदार पार्टी ऐसे नियमों का हमेशा समर्थन करेगी। लेकिन चिंता यह है कि जैसे सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग हुआ, वैसे ही इस कानून का भी दुरुपयोग हो सकता है। मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि यदि 30 दिन में मंत्री निर्दोष साबित हों, तो यह साफ है कि आरोप झूठे थे- ऐसे हालात में झूठा आरोप लगाने वालों को जेल भेजा जाना चाहिए।