अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात में चीन से आगे निकला भारत, मेड इन इंडिया की हिस्सेदारी बढ़कर 44 फीसदी हुई

नई दिल्ली । अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। शोध फर्म कैनालिस ने यह दावा किया है। रिपोर्ट के अनुसार मेक इन इंडिया और उत्पदान से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) जैसी योजनाओं ने इलेक्टॉनिक्स क्षेत्र को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इसमें कहा गया कि इस कैलेंडर वर्ष की दूसरी तिमाही यानी अप्रैल से जून में भारत ने चीन से ज्यादा अमेरिका को स्मार्टफोन का निर्यात किया। अमेरिकी निर्यात में मेड इन इंडिया स्मार्टफोन की हिस्सेदारी अप्रैल-जून 2025 के दौरान बढ़कर 44 प्रतिशत हो गई। यह 2024 की इसी तिमाही के 13 प्रतिशत से तेज वृद्धि है। वहीं इसी अवधि में चीन की हिस्सेदारी एक साल पहले 61 प्रतिशत से घटकर महज 25 प्रतिशत रह गई।
कैनालिस के अनुसार स्मार्टफोन निर्यात में यह वृद्धि भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में एक दशक से चल रहे बदलाव का परिणाम है। पिछले महीने, इलेक्टॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस विज्ञप्ति में विकास की विस्तृत जानकरी दी थी। इसमें बताया गया था कि 2014-15 और 2024-25 के बीच, भारत के इल्केट्रॉनिक्स और मोबाइल विनिर्माण क्षेत्र में उल्लेखनीय बदलाव आया है। इस अवधि के दौरान निर्यात 38,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 3.27 लाख करोड़ रुपये हो गया।
मोबाइल फोन का उत्पादन 18,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 5.45 लाख करोड़ रुपये हो गया। वहीं निर्यात 1,500 करोड़ रुपये से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह 127 गुना वृद्धि दशार्ता है।
इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का उत्पादन 2014-15 के 1.9 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 11.3 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह छह गुना वृद्धि दशार्ता है।
मंत्रालय ने आगे बताया कि मोबाइल विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र में तेजी से वृद्धि हुई है, उत्पादन इकाइयों की संख्या 2014-15 में दो से बढ़कर 2024-25 तक 300 हो गई। यह 150 गुना वृद्धि है।
विज्ञप्ति के अनुसार, इस बदलाव का एक और महत्वपूर्ण पहलू आयात पर भारत की कम होती निर्भरता है। 2014-15 में, आयातित फोनों की कुल मांग में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। 2024-25 तक, यह निर्भरता लगभग समाप्त होकर केवल 0.02 प्रतिशत रह गई।