अस्थायी संरक्षण समाप्त: अमेरिकी अदालत ने इन देशों के नागरिकों की अस्थायी सुरक्षा समाप्त करने की अनुमति दी, उन्हें वापस भेजने का इरादा जताया।

सैन फ्रांसिस्को कोर्ट ने हाल ही में ट्रम्प प्रशासन के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसमें मध्य अमेरिका और नेपाल के 60,000 प्रवासियों के लिए अस्थायी सुरक्षा (टीपीएस) को बनाए रखने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी गई।
इस निर्णय का परिणाम यह हो सकता है कि ट्रम्प प्रशासन लगभग 7,000 नेपाली प्रवासियों को देश से निकालने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है, जिनकी अस्थायी सुरक्षा की अवधि 5 अगस्त को समाप्त हो गई थी। साथ ही, 51,000 होंडुरास और 3,000 निकारागुआ के प्रवासियों की टीपीएस भी 8 सितंबर को खत्म होने जा रही है, जिससे उन्हें देश से बाहर निकालने का रास्ता साफ हो जाएगा।
अमेरिकी सर्किट अपील न्यायालय का फैसला
एक रिपोर्ट के अनुसार, सैन फ्रांसिस्को कोर्ट ने इस फैसले पर एक आपातकालीन प्रतिबंध लगाया था जब तक कि अपील लंबित न हो। आप्रवासी अधिकारों के अध advocates ने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने होंडुरास, निकारागुआ और नेपाल के प्रवासियों के लिए टीपीएस को समाप्त करने के लिए अवैध तरीके से काम किया है।
संघीय अदालत के न्यायाधीशों ने अपने फैसलों में कहा है कि जिला अदालत का आदेश, जो 31 जुलाई 2025 को वादी की स्थगन याचिका को मंजूरी देता है, को अदालत के अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। ये न्यायाधीश तीन विभिन्न प्रशासन उत्कीर्ण हैं, जिनमें डेमोक्रेट बिल क्लिंटन, रिपब्लिकन जॉर्ज डब्ल्यू बुश और डोनाल्ड ट्रम्प शामिल हैं।
अस्थायी संरक्षित स्थिति (TPS) क्या है
अस्थायी संरक्षित स्थिति एक ऐसी सुरक्षा है, जो होमलैंड सुरक्षा सचिव द्वारा दी जाती है। इसका उद्देश्य प्रवासियों को निर्वासित होने से रोकना और उन्हें कार्य करने का अवसर प्रदान करना है। ट्रम्प प्रशासन ने टीपीएस को समाप्त करने के लिए रुख स्पष्ट किया है, जिससे अमेरिका में अधिक प्रवासियों को वापस भेजा जा सके। यह कदम प्रशासन की प्रवासियों के खिलाफ व्यापक कार्रवाई का हिस्सा है।
होमलैंड सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोम अमेरिका में प्रवासियों को टीपीएस प्रदान कर सकते हैं, यदि किसी प्राकृतिक आपदा, राजनीतिक अस्थिरता या अन्य खतरनाक स्थितियों के कारण उनके देश में वापस जाना असुरक्षित माना जाता है। टीपीएस की सहायता से प्रवासी सुरक्षित रहने और काम करने में सक्षम होते हैं, लेकिन हाल के फैसलों ने उनकी स्थिति को संकट में डाल दिया है।
यह फैसला न केवल प्रभावित प्रवासियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह व्यापक राजनीतिक और सामाजिक बहस को भी उत्तेजित करता है। अमेरिका में प्रवास नीति को लेकर हमेशा से मतभेद रहे हैं, और इस फैसले ने इसे और अधिक बढ़ा दिया है। आप्रवासी अधिकार कार्यकर्ता इस मुद्दे को लेकर गहरी चिंता व्यक्त कर रहे हैं और अमेरिका की प्रवासी नीतियों में सुधार की मांग कर रहे हैं।
इस स्थिति के परिणामस्वरूप कई प्रवासियों का भविष्य अनिश्चित हो गया है। ये लोग वर्षों से अमेरिका में रह रहे हैं, काम कर रहे हैं और अपने परिवारों को समृद्ध कर रहे हैं। अचानक उन्हें अपने देश लौटने का आदेश देना एक बड़ा आघात हो सकता है। कई प्रवासियों के लिए, उनका मूल देश लौटना असुरक्षित या असंभव है, जिससे उनकी चिंता और बेबसी बढ़ रही है।
विभिन्न मानवाधिकार संगठनों और कानूनी निकायों ने इस निर्णय की निंदा की और कहा कि यह प्रवासियों के अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने המשפט की परवाह किए बिना, प्रशासन के इस निर्णय को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दिया है। इस तरह के फैसले के पीछे न केवल कानूनी पहलू बल्कि मानवीय पहलू का भी गहरा प्रभाव है।
कई प्रवासियों ने इस निर्णय के खिलाफ आवाज उठाई है। उनका कहना है कि वे अमेरिका में अपनी मेहनत से स्थापित जीवन को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। वे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ने का निर्णय लेते हैं। उनके पास अब विभिन्न कानूनी विकल्प हैं, जिनका इस्तेमाल करके वे अपनी अस्थायी सुरक्षा को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर सकते हैं।
यह स्थिति न केवल प्रवासियों के लिए, बल्कि अमेरिकी समाज के लिए भी महत्वपूर्ण है। अमेरिका एक विविधता से भरा देश है, जहां विभिन्न संस्कृतियों और भाषाओं के लोग एक साथ रहते हैं। ऐसे में, प्रवासी समुदाय का महत्व बेहद बड़ा है। वे न केवल श्रम शक्ति प्रदान करते हैं, बल्कि सांस्कृतिक समृद्धि भी लाते हैं। इस संबंध में, प्रशासन के फैसले को लेकर उत्साही लोग परिवर्तन की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं।
जैसे-जैसे स्थिति विकसित हो रही है, यह देखना आवश्यक होगा कि क्या प्रशासन प्रयास करेगा कि प्रवासियों को उनके अधिकार वैकल्पिक रूप से दिए जाएं। क्या वे उन्हें उनके देश में वापस भेजने के बजाय पुनर्वास की योजना बनाएंगे? क्या वे इस मुद्दे पर कानून में सुधार करेंगे? प्रतिक्रिया और वकालत की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम होगा।
कुल मिलाकर, यह निर्णय कई स्तरों पर बड़े बदलाव का प्रतीक है। यह न केवल प्रवासी अधिकारों के लिए एक चुनौती है, बल्कि यह एक ऐसा मुद्दा भी है, जो अमेरिका के सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित करता है। प्रशासन के निर्णयों के आने वाले परिणामों की निरंतर निगरानी और बहस आवश्यक है।