व्यापार

सिद्धांत व परिणाम आधारित विनियमन की राह पर आरबीआई, डिप्टी गवर्नर ने बताई नई रणनीति

नई दिल्ली (दीक्षित टाइम्स)। भारतीय रिजर्व बैंक धीरे-धीरे सिद्धांत और परिणाम आधारित विनियमन की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव ने कहा कि इससे विनियमित संस्थाओं को संचालन में अधिक लचीलापन मिलेगा। साथ ही वे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार गतिविधियों को ढाल सकेंगी।
राव ने कहा कि कोई भी आदर्श नियामक दृष्टिकोण नहीं है। हालांकि सिद्धांत और परिणाम आधारित विनियमन आमतौर पर बाजार के लिए अधिक उपयुक्त पाए जाते हैं। फिर भी, जब उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा की बात आती है तो विकसित अर्थव्यवस्थाएं भी नियम-आधारित ढांचे का उपयोग करती हैं।
डिप्टी गवर्नर ने कहा कि नियामकों को नियम बनाते समय अक्सर जटिल चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए एक दूरदर्शी दृष्टिकोण अपनाना जरूरी हो जाता है। उभरते जोखिमों से निपटने के लिए, लचीलापन सुनिश्चित करने के लिए सूक्ष्म और अनुकूलनीय रणनीतियों की आवश्यकता होती है।
उन्होंने कहा कि आरबीआई विनियमों में स्पष्टता पर जोर दे रहा। रिजर्व बैंक ने विनियमित संस्थाओं के लाभ के लिए अपने विनियमों के भाग के रूप में चित्रण को शामिल करना शुरू कर दिया है। नियामक उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने और उनके हितों की रक्षा करने की आवश्यकता के प्रति सचेत रहे हैं।
डिप्टी गवर्नर ने इस बात पर भी जोर दिया कि वित्तीय क्षेत्र में नियामक नीति को स्थिरता की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। साथ ही नवाचार, दक्षता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के उद्देश्यों के बीच संतुलन बनाना होगा।

Related Articles

Back to top button