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27 गेंदों में 100 रन: एक बेहतरीन क्रिकेट पारी

T20I में सबसे तेज 100

भारत के एक शानदार बल्लेबाज ने मैदान पर ऐसा धमाका किया कि विरोधी टीम के गेंदबाजों को रहम की भीख मांगते हुए देखा गया। इस खिलाड़ी ने T20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में केवल 27 गेंदों में शतक बना कर एक विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। यह टी20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज शताब्दी है। हालांकि यह क्रिकेटर, जिसने यह कारनामा किया, एस्टोनिया के लिए खेलने वाला है, लेकिन उसका जन्म भारत में हुआ है। यह आकर्षक बल्लेबाज हरियाणा से संबंधित है। यह बल्लेबाज और कोई नहीं बल्कि भारतीय एस्टोनियाई क्रिकेटर साहिल चौहान हैं।

T20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज शताब्दी का विश्व रिकॉर्ड

T20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज शताब्दी स्कोर करने का विश्व रिकॉर्ड साहिल चौहान के नाम पर है। उन्होंने 17 जून 2024 को साइप्रस के खिलाफ एक मैच में 27 गेंदों में शतक बनाया। साहिल ने 41 गेंदों पर नाबाद 144 रन बनाये। इस पारी में उनकी स्ट्राइक रेट 351.21 रही। साहिल ने इस पराकाष्ठा को छूते हुए क्रिस गेल के पिछले रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया, जिन्होंने IPL में 30 गेंदों में शतक बनाया था।

साहिल चौहान की अद्भुत पारी

साहिल चौहान की शानदार पारी में 18 छक्के और 6 चौके शामिल थे। इस मैच में, साइप्रस ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवरों में 191/7 रन बनाए। इसके बाद, एस्टोनिया ने 194 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 13 ओवर में 4 विकेट खोकर यह लक्ष्य हासिल कर लिया। 42 गेंदों की बचे हुए खेल में एस्टोनिया ने 6 विकेट से जीत दर्ज की।

साहिल चौहान का परिचय

साहिल चौहान हरियाणा के मंकपुर देवी लाल गाँव (पिंजोर) के निवासी हैं। उनका जन्म 19 फरवरी 1992 को हुआ था। साहिल ने क्रिकेट में करियर बनाने के लिए एस्टोनिया जाने का निर्णय लिया। एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि वह अपने चाचा के कारण एस्टोनिया गए थे, जो एक छोटे से रेस्तरां के मालिक हैं। वहाँ काम करते हुए, उन्होंने क्रिकेट के लिए गूगल पर खोज शुरू की और टीम से संपर्क किया। उन्होंने पूछताछ की कि क्या वे क्रिकेट खेलते हैं और इसी तरह उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की।

साहिल चौहान की यात्रा

साहिल की कहानी एक प्रेरणादायक यात्रा का उदाहरण है। वह एक छोटे से गाँव से निकल कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल रहे हैं। उनका क्रिकेट में करियर बनाने का सपना सच होने के पीछे न केवल उनकी मेहनत बल्कि उनके चाचा का समर्थन भी महत्वपूर्ण रहा है।

साहिल का क्रिकेट करियर

साहिल ने 2019 में एस्टोनिया में क्रिकेट खेलना शुरू किया। वहाँ उन्होंने अपनी प्रतिभा को न केवल साबित किया बल्कि अपनी मेहनत से एक नया मापदंड स्थापित किया। उनके खेल ने न केवल एस्टोनिया को प्रभावित किया, बल्कि भारत में भी लोगों का ध्यान आकर्षित किया।

साहिल का भविष्य

साहिल चौहान का लक्ष्य टी20 क्रिकेट में और अधिक उपलब्धियाँ हासिल करना है और भारत का नाम रोशन करना है। उनकी मेहनत और समर्पण निश्चित रूप से उन्हें और अधिक सफलताएँ दिलाएगा।

साहिल चौहान की कहानी हमें यह सिखाती है कि कठिनाइयों का सामना करके भी कोई अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि अगर आपके भीतर जुनून और मेहनत है, तो किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।

निष्कर्ष

हम सभी को साहिल चौहान की यात्रा से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्‍होंने साबित किया है कि सीमाएँ केवल मन में होती हैं। हमें चाहिए कि हम साहिल जैसे खिलाड़ियों का समर्थन करें और उनके सफल सफर का हिस्सा बनें। उनकी उपलब्धियां न केवल व्यक्तिगत हैं बल्कि यह भारतीय क्रिकेट के लिए भी गर्व की बात है।

साहिल चौहान का मानक निश्चित रूप से आने वाले क्रिकेटरों के लिए एक उदाहरण बनेगा कि कैसे प्रतिबद्धता, मेहनत और अन्य sportsmanship को अपनाते हुए कोई भी अपनी पहचान बना सकता है। वे हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत हैं और आगे आने वाले समय में हमें और अधिक उनकी उपलब्धियों का आनंद उठाने का मौका मिलेगा।

उनकी उत्कृष्टता की कहानियाँ भारतीय क्रिकेट में एक नई लहर लेकर आई हैं। जब भी हम क्रिकेट के मैदान पर साहिल के जैसे खिलाड़ियों को देखते हैं, तो यह हमें याद दिलाता है कि क्रिकेट एक खेल से कहीं ज्यादा है; यह जुनून, दया और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।

आगे बढ़ते हुए, साहिल चौहान को शुभकामनाएँ देते हैं और उम्मीद करते हैं कि वे आने वाले वर्षों में और भी कई रिकॉर्ड स्थापित करें और एस्टोनिया में भारतीय क्रिकेट का नाम रोशन करें। उनका भविष्य स्पष्ट रूप से उज्ज्वल है और हम उनके करियर के प्रत्येक चरण में उनके साथ हैं।

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