विशेषज्ञों ने छात्रों को स्वस्थ जीवन शैली के लिए सुझाव दिए और तनाव कम करने के तरीके साझा किए।

नेशनल टीन हेल्थ प्रोग्राम का आयोजन
नेशनल टीन हेल्थ प्रोग्राम का आयोजन सोनि मालवा के पीएम श्री श्री केंड्रिय्या विद्यायाला में किया गया। यह कार्यक्रम स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस प्रोग्राम के तहत संचालित किया गया। इसमें सीएचसी सोनि मालवा के डॉक्टर आदिल खान और उमंग एनजीओ से ईशानोई का योगदान महत्वपूर्ण रहा।
विशेषज्ञों ने किशोरावस्था के दौरान आने वाली शारीरिक और मानसिक चुनौतियों के बारे में छात्रों को विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने उचित पोषण, संतुलित आहार और स्वच्छता पर जोर दिया। इसके साथ ही, तनाव प्रबंधन के कुछ महत्वपूर्ण तरीके भी छात्रों को बताए गए। कार्यक्रम में मानसिक स्वास्थ्य, दवा की रोकथाम और यौन शिक्षा पर भी गहन चर्चा हुई। इसके अलावा, विभिन्न सरकारी योजनाओं और हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी भी दी गई, ताकि छात्र किसी भी समस्या के समाधान के लिए सही दिशा में कदम उठा सकें।
स्कूल के प्रिंसिपल मोहनलाल राठौर ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने किशोरावस्था को जीवन के एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण चरण के रूप में वर्णित करते हुए बच्चो को सही राह पर चलने के महत्व पर जोर दिया। स्कूल के शिक्षकों और कर्मचारियों ने भी इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई। उत्साहित छात्रों ने प्रशिक्षकों से सवाल पूछे और कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर भाग लिया।
कार्यक्रम के अंत में, छात्रों ने यह व्यक्त किया कि इस तरह की गतिविधियों से उनके आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और वे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होते हैं। यह कार्यक्रम केवल जानकारी प्रदान करने तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि यह छात्रों को एक मंच प्रदान करने का माध्यम भी बना, जहां उन्होंने अपने विचार और सवाल साझा किए।
जैसे-जैसे किशोरावस्था का चरण आता है, छात्र कई मानसिक और शारीरिक परिवर्तन से गुजरते हैं। ऐसे में उनके लिए आवश्यक है कि वे जागरूक रहें और अपनी स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को समझें। इस कार्यक्रम ने छात्रों को न केवल जानकारी दी, बल्कि उन्हें जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ने का प्रेरित भी किया।
इसके अलावा, कार्यक्रम में योग और व्यायाम के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया। विशेषज्ञों ने बताया कि नियमित व्यायाम और योग केवल शारीरिक स्वास्थ्य को ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। छात्र-छात्राओं को यह सलाह दी गई कि वे अपने दिनचर्या में योग और खेलकूद को अवश्य शामिल करें ताकि वे स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकें।
कार्यक्रम में शामिल सभी विशेषज्ञों ने छात्रों को यह भी समझाया कि धूम्रपान, शराब और अन्य नशीले पदार्थों से दूर रहना कितना आवश्यक है। उन्होंने चेतावनी दी कि इन चीजों का सेवन न केवल स्वास्थ्य को हानि पहुंचाता है, बल्कि यह जीवन के दूसरे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।
अंत में, यह कार्यक्रम न केवल जानकारी का एक साधन था, बल्कि एक ऐसा मंच था जहां छात्रों ने अपने व्यक्तित्व को विकसित करने और सामाजिक मुद्दों के प्रति साक्षर होने का अनुभव किया। सभी उपस्थित लोगों ने इस कार्यक्रम की सराहना की और ऐसी गतिविधियों के आयोजन की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि भविष्य में भी छात्रों को स्वास्थ्य और कल्याण संबंधी अधिक जानकारी मिल सके।
कुल मिलाकर, नेशनल टीन हेल्थ प्रोग्राम ने युवा छात्रों के लिए एक सशक्त मंच प्रदान किया, जहां उन्होंने न केवल स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता हासिल की, बल्कि अपनी सोच को भी सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने का अवसर पाया। इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन आगे भी जारी रहना चाहिए ताकि युवा पीढ़ी का समुचित विकास सुनिश्चित किया जा सके।