मथुरा

वृंदावन में जन्माष्टमी पर बंकेबिहारी मंदिर की आरती के दौरान महिला की सेहत खराब हुई।

बंकेबिहारी मंदिर में जनमश्तमी के अवसर पर मंगला आरती का आयोजन

बंकेबिहारी मंदिर में हर साल जनमश्तमी के अवसर पर एक विशेष मंगला आरती का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष की आरती में कुछ विशेषताएँ रही हैं, जो इसे पहले से अलग बनाती हैं। आमतौर पर इस आयोजन में भक्तजन बड़ी संख्या में शामिल होते हैं, परंतु इस बार केवल 600 विशेष आमंत्रित व्यक्तियों को ही इसमें शामिल होने की अनुमति दी गई। आम भक्तों के लिए मंदिर में प्रवेश प्रतिबंधित रहा।

इस विशेष अवसर पर भक्तों की संख्या को सीमित करने के पीछे सुरक्षा कारण बताए गए हैं। इससे पहले भी, इस धार्मिक स्थल पर भीड़भाड़ होने के कारण कई बार असुविधा उत्पन्न हुई थी। इसलिए इस बार पुलिस प्रशासन ने अपनी तैयारियों को पहले से ही कर लिया था। पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी मंदिर परिसर में तैनात रही, जिससे सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा सके।

मंदिर के अंदर की आरती का दृश्य अद्भुत था। मंदिर में उपस्थित भक्तजन भक्ति भाव में आलिंगनित होकर भगवान श्रीकृष्ण की आरती में भाग ले रहे थे। मंदिर के वातावरण में भक्ति, श्रद्धा और प्यार की भावना सिमटी हुई थी। भक्तजन भगवान की जयकार करते हुए अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे थे। इस आरती का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें स्पष्टत: पुलिसकर्मियों की मौजूदगी देखी जा सकती है, जो सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक थी।

मंदिर के प्रबंधन ने इस आयोजन के लिए हर संभव प्रयास किए ताकि भक्तजन अपनी धार्मिक भावनाओं को सुरक्षित रूप से व्यक्त कर सकें। इस मंगला आरती का आयोजन मूल रूप से भगवान श्रीकृष्ण की प्रकटता के स्मरण में किया जाता है, जो एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार है। इस दिन भक्तजन अपनी श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान की पूजा करते हैं।

मंदिर परिसर में कुछ विशेष व्यवस्था भी की गई थी। आरती के समय भक्तों के लिए अलग-अलग स्थान निर्धारित किए गए थे, ताकि सभी को आराम से आरती का हिस्सा बनने का अवसर मिल सके। कोरोना महामारी के कारण भीड़-भाड़ को नियंत्रित करने की आवश्यकता के चलते यह कदम उठाया गया था। इसे ध्यान में रखते हुए, केवल पास धारकों को अनुमति दी गई थी।

इस आयोजन के दौरान भक्तजनों ने यह भी ध्यान रखा कि वे सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करें। यह व्यवस्था सभी के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक थी। साथ ही, भक्तों द्वारा मंदिर की सफाई और सुगंधित फूलों की महक ने इस आयोजन को और भी विशेष बना दिया।

हालाँकि इस वर्ष आम भक्तों को मंगला आरती में प्रवेश नहीं मिला, लेकिन विभिन्न साधनों से उन्होंने अपने श्रद्धा भाव को प्रस्तुत किया। मंदिर परिसर के बाहर भी भक्तों का आना-जाना जारी था, जहाँ वे मंदिर के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे थे। इस प्रकार, भले ही सामान्य भक्तों को इस वर्ष मंगला आरती में शामिल होने का अवसर नहीं मिला, फिर भी उनकी भक्ति और आस्था ने इसे एक अद्वितीय रूप दिया।

इस तरह, बंकेबिहारी मंदिर में जनमश्तमी पर आयोजित मंगला आरती ने अपनी विशेष सुरक्षा व्यवस्थाओं और सीमित भक्तों के साथ एक अलग परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत किया। इस आरती ने दर्शाया कि कैसे एक धार्मिक कार्यक्रम को भी COVID-19 जैसे समय में सुरक्षित रूप से मनाया जा सकता है।

आगाम दिनों में, जब सामान्य परिस्थितियाँ लौटेंगी, तब आगे भी भक्तजन बड़ी संख्या में इस आरती में शामिल होने की उम्मीद करेंगे। भरपूर आस्था और श्रद्धा के साथ, भक्तजन इस तरह के आयोजनों का हिस्सा बनने के लिए तत्पर हैं। इस प्रकार, मंगला आरती न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि जनसंख्या और सामाजिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए अपनी सुरक्षा का भी ध्यान रखती है।

इस विशेष घटना ने यह भी दिखाया कि श्रद्धा और भक्ति की भावना हमेशा आगे बढ़ती रहेगी, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों। मंदिर प्रशासन ने भी सुनिश्चित किया है कि भविष्य में ऐसे आयोजनों का संचालन सामंजस्य और सुरक्षा के साथ किया जाए। पूरे आयोजन ने भक्ति, श्रद्धा और समाज की एकता का संदेश दिया।

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