शिक्षा

सैनिक स्कूल तिलैया के छात्रों की digitale कौशल में सुधार, केंद्रीय मंत्री ने डिजिटल स्मार्ट पैनल का उद्घाटन किया।

कोडरमा:

सैनिक स्कूल तिलैया के छात्रों के लिए डिजिटल स्मार्ट बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। सभी कक्षाओं में स्मार्ट पैनल स्थापित किए गए हैं, जिसका उद्घाटन केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने किया। यह प्रोजेक्ट सीसीएल के सीएसआर फंड के माध्यम से लागू किया गया है और लगभग 70 लाख रुपये की लागत से 26 कक्षाओं में स्मार्ट पैनल लगाए गए हैं।

झारखंड का अनूठा सैनिक स्कूल

झारखंड का यह एकमात्र सैनिक स्कूल तिलैया पूरे देश में सबसे बड़ा सैनिक स्कूल माना जाता है। यहां लड़कियों और लड़कों दोनों को शिक्षा प्रदान की जाती है। यह स्कूल छठी से लेकर बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई कराता है। इस स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों में से एक बड़ी संख्या का चयन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के लिए होता है। अब तक इस स्कूल के सैकड़ों छात्र देश की रक्षा और अन्य उच्च पदों पर कार्यरत हैं।

शहीदों को किया नमन

केंद्रीय मंत्री के तिलैया पहुंचने पर उन्होंने सैनिक स्कूल के शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर स्कूल के प्राचार्य ने मंत्री को शॉल और मोमेंटो देकर उनका स्वागत किया।

डिजिटल स्मार्ट बनने की राह

इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस डिजिटल सुविधा के बाद सैनिक स्कूल के बच्चे केवल तकनीकी रूप से स्मार्ट नहीं होंगे, बल्कि उन्हें ऑनलाइन कक्षाएं लेने की सुविधा भी मिलेगी। यह पहल छात्रों के समग्र विकास में सहयोग करेगी और उन्हें वर्चुअल लर्निंग के माध्यम से बेहतर शैक्षिक अनुभव प्रदान करेगी।

और भी योजनाएं

सैनिक स्कूल तिलैया में शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं। राज्य में एक और सैनिक स्कूल की स्थापना की तैयारी की जा रही है, जिससे अधिक विद्यार्थियों को लाभ मिल सकेगा। इसके साथ ही, देशभर के अन्य सैनिक स्कूलों के प्रिंसिपल की एक बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें रक्षा क्षेत्र में युवाओं को प्रेरित करने के लिए रणनीतियां बनाई गईं।

सैनिक स्कूल तिलैया में कई महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम और आयोजन होते रहते हैं, जैसे कि खेल प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम। इनमें छात्र भाग लेते हैं और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं। यह स्कूल उन्हें अनुशासन, नेतृत्व और टीम वर्क जैसे गुण भी सिखाता है।

विजय के मार्ग पर

सैनिक स्कूल के जन्म से आज तक, कई छात्र अपने करियर में सफल रहे हैं। इस स्कूल से निकले कई छात्र भारतीय सेनाओं के विभिन्न पदों पर तैनात हैं, और उन्होंने भारत के लिए बहादुरी से सेवा की है। इस प्रकार, सैनिक स्कूल तिलैया न केवल शिक्षा का केंद्र है, बल्कि यह देश की सुरक्षा में योगदान देने वाले भविष्य के नायकों का निर्माण करने का कार्य भी करता है।

निष्कर्ष

सैनिक स्कूल तिलैया में जो डिजिटल स्मार्ट पैनल लगाए गए हैं, वे न केवल छात्रों के शिक्षण में सुधार करेंगे, बल्कि उन्हें भविष्य में तकनीकी चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार करेंगे। यह पहल निश्चित रूप से झारखंड राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एक नया आयाम जोड़ने का कार्य करेगी।

अंत में, यह कहा जा सकता है कि सैनिक स्कूल तिलैया अपनी परंपरा और उपलब्धियों के साथ अद्वितीय है, और यह भारतीय युवाओं को एक महान अंतर्दृष्टि और जानकारियों से लैस करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आगे बढ़ने की दिशा में यह पहल न केवल सकारात्मक बदलाव लाएगी, बल्कि छात्रों को आने वाले समय में सक्षम नागरिक बनाने में भी सहायक सिद्ध होगी।

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