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राहुल को शपथ पत्र देने की आवश्यकता और बिहार में इसके महत्व पर EC की प्रेस कांफ्रेंस के 10 मुख्य बिंदु।

चुनाव आयोग की प्रेस कांफ्रेंस: 10 महत्वपूर्ण बिंदु

चुनाव आयोग ने हाल ही में दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस में विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया और राहुल गांधी के दावों पर प्रश्न उठाए। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि आयोग को राजनीति में निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए हर जिले की मतदाता सूची जारी की गई है।

चुनाव आयोग की 10 बड़ी बातें:

  1. वोट चोरी के आरोप: अगर चुनाव याचिकाएं 45 दिन के भीतर दायर नहीं की जातीं, लेकिन वोट चोरी का आरोप लगाया जाता है, तो यह भारतीय संविधान का अपमान है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि न ही आयोग और न ही मतदाता इन निराधार आरोपों से डरते हैं। चुनाव प्रक्रिया में एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारी लगे हैं, तो इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में वोट चोरी कैसे हो सकती है?

  2. मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण: कई दलों की शिकायतों और मतदाताओं के प्रवास के मद्देनजर विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की आवश्यकता है। कुछ दल गलत सूचना फैला रहे हैं कि यह प्रक्रिया जल्दबाजी में की गई है। प्रत्येक चुनाव से पहले आयोग का कर्तव्य है कि वह मतदाता सूचियों में सुधार करे।

  3. दोहरे मतदान के आरोप: मुख्य चुनाव आयुक्त ने दोहरे मतदान और वोट चोरी के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि सभी हितधारक पारदर्शी तरीके से एसआईआर को सफल बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं।

  4. राजनीतिक दलों के साथ समानता: निर्वाचन आयोग का दरवाजा सभी के लिए खुला है। आयोग सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच भेदभाव नहीं कर सकता। सभी राजनीतिक दल उसे समान रूप से देख सकते हैं।

  5. प्राइवेसी का सम्मान: मशीन रीडेबल फॉर्मेट में वोटर लिस्ट उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है, क्योंकि इससे प्राइवेसी का हनन होता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, रीडेबल सूची का एडिट करके सर्च किया जा सकता है।

  6. मतदाता सूची का सुधार: पिछले 20 सालों से हर साल मतदाता सूची का रिवीजन होता रहा है। हालांकि इंटेंसिव रिवीजन कम ही हुआ है। जाने-अनजाने में कुछ लोगों के पास कई मतदाता पहचान पत्र हो गए हैं।

  7. शिकायत और भ्रम फैलाना: शिकायत करने और भ्रम फैलाने के बीच अंतर है। यदि आप निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं, तो आपको अपनी शिकायत के लिए शपथ पत्र देना होगा।

  8. वोटर अधिकार यात्रा: कांग्रेस और अन्य दलों ने बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ शुरू की है। राहुल गांधी ने कहा कि बिहार मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के जरिए चुनाव चोरी करने की साजिश की जा रही है।

  9. मृत मतदाताओं के आंकड़े: बिहार में 22 लाख ‘मृत मतदाता’ ऐसे हैं, जो पिछले कई वर्षों में मरे हैं, लेकिन उन्हें रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया गया है।

  10. नियम और कानूनी प्रावधान: यदि कोई व्यक्ति उस विधानसभा क्षेत्र का वोटर नहीं है और शिकायत करना चाहता है, तो उसके पास केवल एक विकल्प है और वह है निर्वाचन नियमों का पंजीकरण।

विपक्ष का प्रतिक्रिया

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के जरिए चुनाव चोरी करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है और कांग्रेस इसे नहीं होने देगी। उनका मानना है कि पूरे देश में वोट चोरी की जा रही है और सभी को इसकी जानकारी हो चुकी है।

निष्कर्ष

चुनाव आयोग की प्रेस कांफ्रेंस ने न केवल विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया, बल्कि मतदाता सूची सुधार की प्रक्रिया के महत्व को भी उजागर किया। इसके साथ ही, यह स्पष्ट किया गया कि आयोग पारदर्शिता और निष्पक्षता के प्रति प्रतिबद्ध है। इस प्रकार, चुनावी प्रक्रिया में सभी दलों को समान अवसर देने का भरोसा दिलाया गया है।

इस प्रेस कांफ्रेंस ने इस बात को भी स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग अपने कर्तव्यों निभाने के लिए पूरी तरह तत्पर है और किसी भी तरह की गलत सूचना से सावधान रहना आवश्यक है। सभी राजनीतिक दलों और नागरिकों को मिलकर चुनावी प्रक्रिया को सुरक्षित और पारदर्शी बनाना चाहिए।

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