राष्ट्रीय

कठुआ बादल फटने से तबाही, किश्तवाड़ के बाद भारी बारिश से बाढ़, सात की मौत, हालात पर लाइव अपडेट।

कैथुआ क्लाउडबर्स्ट: एक अपार त्रासदी

जम्मू और कश्मीर में हाल के दिनों में एक बार फिर से प्रकृति ने अपना कहर बरपाया है। कैथुआ जिले में रविवार की सुबह क्लाउडबर्स्ट ने तबाही मचाई, जिससे व्यापक बाढ़ आ गई। इस प्राकृतिक आपदा के परिणामस्वरूप वीराने में तब्दील हो गए कई क्षेत्रों में भूस्खलन भी हुआ। स्थानीय लोगों की चीख-पुकार के बीच, इस आपदा ने कई घरों को मलबे में बदल दिया। अब तक, कैथुआ में इस त्रासदी के कारण कई जानों के नुकसान की सूचना है, और बचाव कार्य जारी है।

14 अगस्त को किश्त्वर में हुए क्लाउडबर्स्ट के बाद, तीन दिन बाद, 17 अगस्त को कैथुआ में भी यही स्थिति उत्पन्न हुई। कैथुआ जिले के घाटी और जंगल गांव में फिर से एक बार फिर प्रकृति का कहर देखा गया। यहां की रेलवे ट्रैक और राष्ट्रीय राजमार्ग से लेकर पुलिस स्टेशनों तक, सब कुछ बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

राहत और बचाव कार्य में चुनौतियां

जम्मू और कश्मीर के मंत्री ने जानकारी दी कि अब तक 7 लोगों की मृत होने की पुष्टि हुई है और 11 लोग घायल हैं। भूस्खलन और बाढ़ के कारण राहत कार्य में अनेक बाधाएं आ रही हैं। फिर भी, लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने और सतर्क रहने के प्रयास जारी हैं। मंत्री ने आश्वासन दिया कि सभी प्रभावित परिवारों को सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाएगा।

स्थानीय बीजेपी नेता ने बताया कि प्रशासन राहत और बचाव अभियान चला रहा है, और पूरे क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा के कारण लाल अलर्ट जारी किया गया है। क्लाउडबर्स्ट के चार दिन बाद, मलबे से शवों को निकालने की प्रक्रिया जारी है। इस अग्निकांड की भयावहता का अंदाजा केवल इसी बात से लगाया जा सकता है कि शवों की पहचान डीएनए परीक्षण द्वारा की जाने की योजना बनाई जा रही है।

त्रासदी के प्रभावित

कैथुआ में हुए क्लाउडबर्स्ट ने भयानक तबाही मचाई है। मलबे में अब तक 7 लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जिनमें 5 नाबालिग भी शामिल हैं। जम्मू और कश्मीर के गवर्नर ने इस दुखद घटना पर अपनी संवेदना व्यक्त की है और गृह मंत्री को राहत कार्यों के संबंध में जानकारी दी है। उन्होंने कहा, “मैं कैथुआ जिले में भूस्खलन के कारण हुई मौतों से बहुत दुखी हूं। यह त्रासदी वास्तव में दिल दहला देने वाली है।”

मौसम की चेतावनी

जिले में भारी बारिश के मद्देनजर, प्रशासन ने मौसम संबंधी चेतावनी जारी की है। लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे सावधानी बरतें और नदियों, नालियों और पहाड़ी क्षेत्रों में न जाएं, क्योंकि अचानक बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है।

जम्मू और कश्मीर के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण, झरनों का पानी भी गांवों तक पहुंच गया है, जिससे स्थानीय लोग और भी अधिक चिंता में हैं। मुख्यमंत्री ने घायलों के लिए जल्द स्वस्थ होने की कामना की है और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।

भूस्खलन का असर

क्लाउडबर्स्ट के कारण भूस्खलन के कई स्थानों पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। कैथुआ के कई गांवों में पानी भर गया है, जिससे काफी नुकसान हुआ है। अधिकारियों के अनुसार, इलाके में चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, और घायल होने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ सकती है।

इस स्थिति ने बाकी बचे लोगों के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती पैदा कर दी है। वर्तमान में इन क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन, पुलिस और एनडीआरएफ टीमें मौके पर मौजूद हैं।

आगे की राह

इस गंभीर आपदा के कारण कई लोग बेघर हो गए और उनके लिए तुरंत सहायता की आवश्यकता है। प्रशासन को लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और राहत सामग्री बांटने में जुटना होगा।

कैथुआ जिले में हालात नियंत्रण में लाने के लिए सुरक्षा बलों और स्थानीय प्रशासन की आवश्यकता होगी। साथ ही, लोगों को चेतावनी दी गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और जहां तक संभव हो, बाहर निकलने से बचें।

ग्रामीणों की सलाह

स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि वे नदियों के किनारे न जाएं और जिन क्षेत्रों में भूस्खलन की आशंका है, उनसे दूर रहें। प्राकृतिक आपदाओं के इस प्रकार के भयावह प्रभावों से उबरने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होगी।

निष्कर्ष

वर्तमान में, कैथुआ जिले में एक गंभीर परिस्थिति का सामना किया जा रहा है। क्लाउडबर्स्ट और उसके परिणामस्वरूप आने वाली बाढ़ ने न केवल भयानक विध्वंस किया है, बल्कि कई लोगों की जिंदगियों को भी संकट में डाल दिया है।

जनता, प्रशासन और सभी संबंधित संगठनों को मिलकर इस स्थिति से निपटने के लिए कदम उठाने होंगे। ऐसे समय में जब जीवन और सम्पत्ति दोनों ही संकट में हों, लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सबसे प्राथमिकता होनी चाहिए।

हम सभी को आशा है कि प्रभावित क्षेत्रों में जल्दी से जल्दी राहत कार्य चल जाएंगे और जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उन्हें आवश्यक सहायता मिलेगी।

Related Articles

Back to top button