बारिश और बाढ़ ने कई राज्यों में तबाही मचाई, लोग सड़कों पर मदद के लिए हैं इंतज़ार में।

देशभर में बाढ़ और भारी बारिश के प्रभाव: एक विस्तृत विश्लेषण
देश के विभिन्न हिस्सों में हाल ही में लगातार बारिश ने बाढ़ की भयंकर स्थिति उत्पन्न कर दी है। यह समस्या केवल एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है; उत्तर से दक्षिण तक फैले विभिन्न राज्यों में बाढ़ और बारिश ने जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। नदी के जल स्तर में वृद्धि के कारण गांवों में पानी प्रवेश कर गया है, जिससे जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। पुलों और सड़कों को बाढ़ ने धो लिया है, और खेतों में जलभराव ने ढेर सारी फसलों को तबाही की कागार पर पहुंचा दिया है। लोग राहत सामग्री की आस में हैं, लेकिन क्लाउडबर्स्ट के कारण हालात और भी गंभीर हो गए हैं।
उत्तर प्रदेश (उन्नाव)
गंगा नदी के जल स्तर में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे उन्नाव जिले में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। जिले की चार तहसीलों – बंगारौ, सफिपुर, सदर और बिघपुर – में बाढ़ का पानी समा गया है। कनपुर बैराज के 30 गेट खोलने के वजह से शुक्लगंज के कई मोहल्ले जलमग्न हो गए हैं। लोग अपने घरों की छतों पर पन्नी लगाकर सुरक्षित स्थानों की खोज कर रहे हैं। प्रशासन ने 275 नावें और 33 बाढ़ राहत केंद्र स्थापित किए हैं, लेकिन फिर भी कई प्रभावित लोग राहत से वंचित हैं।
महाराष्ट्र (हिंगोली और जल्ना)
हिंगोली जिले के सेनगांव प्रमुख रूप से प्रभावित हुआ है, जहां भारी बारिश के कारण कई गांवों ने प्रशासन से संपर्क खो दिया है। अज़ेगाँव और काहंकर के पास की नदियों में बाढ़ आने से 25 से अधिक गांवों में जलभराव हुआ है, जिससे सोयाबीन और तुवर फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
जल्ना जिले में भी स्थिति गंभीर है। लगातार बारिश के चलते धकेफाल और भुवन-वज्जहर के पुल बह गए हैं, जिससे घंसवंगी और मंदी तहसील में किसानों और ग्रामीणों की आवाजाही बाधित हो गई है। प्रशासन ने नए पुलों के निर्माण की मांग को जोर देने वाली ग्रामीणों की चिंताओं पर ध्यान नहीं दिया।
पंजाब (फेरोज़ेपुर)
फेरोज़ेपुर में सुतलेज नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके चलते 7-8 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। पानी सैकड़ों एकड़ फसलें और कई घरों में भर गया है। ग्रामीण नावों और खाने-पीने की सामग्री की व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। पिछले साल की बाढ़ से हालात सामान्य होने से पहले ही सुतलेज ने फिर से कहर बरपाया है।
उत्तराखंड (उधम सिंह नगर और चामोली)
उधम सिंह नगर में भारी बारिश ने तबाही मचाई है। बाजपुर क्षेत्र में लकड़ी लाने गए एक पिता-पुत्र को नदी में बहने के मामले में पिता का शव मिल गया है, लेकिन पुत्र अब भी लापता है। एनडीआरएफ और पुलिस लगातार खोज अभियान में जुटी हुई हैं, लेकिन प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा है।
चामोली जिले में बाढ़ के कारण बद्रीनाथ हाईवे बंद हो गया है, जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। भूस्खलन के कारण मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं, और एक जीर्ण-शीर्ण घर गिरने के मामले में एक बड़ी दुर्घटना टल गई।
मध्य प्रदेश (बरवानी)
बरवानी जिले के राजपुर में रूपा नदी में बाढ़ आ गई है, जिससे नगरपालिका अधिकारियों समेत कई वाहन बह गए हैं। स्थानीय दुकानों और स्थायी संरचनाओं को भी नुकसान पहुंचा है। यह कहना गलत नहीं होगा कि 2006 के बाद नदी ने इस प्रकार का कहर फिर से स्थापित किया है।
बिहार (दरभंगा)
दरभंगा जिले के कुशेशवरस्थान में कमला बालन नदी का जल स्तर बढ़ने से लाखों लोग प्रभावित हो गए हैं। वहां की सड़कें जलमग्न हो चुकी हैं और लोग अब नाव के सहारे यात्रा कर रहे हैं। एक नया पुल बनाने की योजना 2021 में घोषित की गई थी, लेकिन अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुराने पुल के टूटने के बाद से वे रोजाना काफी जोखिम लेकर नदी पार कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश (कंगरा)
कांगड़ा जिले के फतेहपुर और इंडोरा क्षेत्र में पोंग डैम से निरंतर जल छोड़े जाने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कई गांव द्वीप बन गए हैं और जल स्तर 80-90 घरों में प्रवेश कर चुका है। ब्यास नदी में बढ़े जल स्तर ने खेतों और फसलों को बर्बाद कर दिया है। प्रशासन ने बचाव कार्य किए हैं और कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। मंडी और कुल्लू में बारिश ने कुछ बड़े स्थायी ढांचों को नुकसान पहुंचाया है।
निष्कर्ष
देशभर में बाढ़ और भारी बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रभावित क्षेत्रों में लोग मदद की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जबकि प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है। यह संकट एक चेतावनी भी है कि हमें जलवायु परिवर्तन और उसकी समस्याओं का सामना करने के लिए तत्पर रहना होगा। प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए ठोस योजनाओं और उपायों की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं का सामना करने में हम सक्षम हो सकें।