इजराइल-गाजा सीमा पर, आईडीएफ ने हवाई हमले में Hamas के शीर्ष कमांडर नासिर मूसा को खान युनिस में ढेर किया, संघर्ष तेज हुआ।

गाजा का संकट: एक गंभीर स्थिति
गाजा के हालात अब बेहद चिंताजनक हो चुके हैं, और इज़राइल के कब्जे को लगभग निश्चित माना जा रहा है। हमास के खिलाफ चल रहे सैन्य अभियान में इज़राइल की सेना निरंतर आक्रामक तरीके से आगे बढ़ रही है। हाल ही में, इजरायली सेना ने दक्षिणी गाजा में हमास के एक बड़े कमांडर, नासर मूसा को मार गिराया। मूसा को इस्लामी अतिवादियों के प्रशिक्षण में कुशल माना जाता था और वह इजराइल पर कई हमलों का मुख्य विचारक भी था।
हालांकि, ये सफलताएँ भी बड़े पैमाने पर तबाही का कारण बन रही हैं। इजरायली फाइटर जेट्स द्वारा हुए एक हालिया हवाई हमले में, स्कूल को निशाना बनाया गया जहां कई बेघर परिवार शरण लिए हुए थे। इस हमले की चपेट में आए 37 लोगों में कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। गाजा की सड़कों पर अब मलबा और विनाश ही देखा जा रहा है।
इजराइल का अभियान
इजराइल के प्रधानमंत्री ने अपनी सेना को गाजा पट्टी पर पूरी छूट दी है। उन्होंने दावा किया है कि यह युद्ध जल्दी समाप्त हो जाएगा और बंधकों को सुरक्षित रूप से वापस लाया जाएगा। लेकिन इस दौरान अन्य देशों की प्रतिक्रियाएँ भी आई हैं; कई देशों ने इजराइल की कार्रवाई को गाजा के उन्मूलन के रूप में देखा है और इसके खिलाफ कदम उठाकर फलस्तीनी राज्य की मान्यता भी दी है।
बढ़ता हुआ नरसंहार
गाजा की स्थिति अभी बेहद भयावह है। पिछले दो वर्षों में, 61,827 फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं, और 1,55,275 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। पिछले 24 घंटों में सिर्फ 51 लोग मारे गए और 369 घायल हुए हैं। इजराइल का निशाना अब स्कूल बन चुका है, जहां शरणार्थी अपने परिवारों के साथ सुरक्षा की तलाश में एकत्र होते हैं।
बंधकों का संकट
इजराइल में, बंधकों की रिहाई की मांग जोर पकड़ रही है। तेल अवीव की सड़कों पर हजारों लोग बैनर और पोस्टर लेकर उतरे हैं, और अपने प्रियजनों की सुरक्षित वापसी की अपील कर रहे हैं। एक नेपाली नागरिक की बहन, जो बंधक है, ने कहा, “लगभग दो साल हो गए, लेकिन अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली। भूख और घावों के साथ जीना असंभव हो गया है।”
एक अन्य बंधक के पिता ने कहा, “यह कोई उत्सव का दिन नहीं है, लोग खरीददारी करने नहीं आए हैं। यह प्रदर्शन का दिन है।” उनका कहना था कि यह न केवल बंधकों के परिवारों के समर्थन में है, बल्कि इजराइल के नैतिकता की रक्षा करने की जिम्मेदारी भी है। प्रदर्शनकारियों ने पीएम नेतन्याहू पर गंभीर आरोप लगाए हैं, यह कहते हुए कि वे अपने राजनीतिक लाभ के लिए बंधकों के जीवन से खेल रहे हैं।
सरकार के खिलाफ गुस्सा
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “मैं हर शनिवार को यहां आता हूं। हम उन परिवारों के साथ खड़े होते हैं जिनके लोग लगभग दो साल से बंधक हैं। इसके साथ हम अपनी सरकार के खिलाफ भी आवाज उठाते हैं। हमें अपने देश को फिर से मजबूत बनाना है।” इस प्रकार के प्रदर्शन इजराइल में निरंतर जारी हैं।
संघर्ष विराम की मांग
वर्ष 2023 में, हमास ने इजराइल पर हमला किया था, जिसके परिणामस्वरूप 1,200 लोगों की मौत हो गई और 250 से अधिक लोग बंधक बन गए। अब तक आधे से अधिक बंधक को रिहा कर दिया गया है, लेकिन कई लोग अभी भी लापता हैं। यही कारण है कि प्रदर्शनकारियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है और वे संघर्ष विराम की मांग कर रहे हैं।
निष्कर्ष
गाजा का संकट एक जटिल और गंभीर स्थिति में बदल चुका है। इजराइल की सेना के हमले और हमास की प्रतिक्रियाएँ दोनों ही नागरिकों के लिए खतरनाक साबित हो रही हैं। यह आवश्यक है कि समुदाय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को मिलकर मानवीय स्थिति को सुधारने और शांति की दिशा में कदम उठाने के लिए प्रयास करना चाहिए।
संक्षेप में, यह संघर्ष एक बड़े मानवीय संकट का रूप ले चुका है, और दुनिया को इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। आने वाले समय में द्विपक्षीय संवाद और समझौते ही इस जटिल परिस्थिति को सुलझाने का सही रास्ता हो सकता है।
यह संकट न केवल एक भू-राजनीतिक मुद्दा है, बल्कि मानवता की परीक्षा भी है। क्या हम ऐसे समय में एकजुट हो सकते हैं जब मानवीय मूल्य खतरे में हों? यह सवाल हमारे सभी लिए महत्वपूर्ण है।