पीएम मोदी का लाल किले से बड़ा ऐलान, साल के अंत तक मार्केट में आएगा ‘मेड इन इंडिया’ सेमीकंडक्टर…

Independence Day 2025: भारत अब तक सेमीकंडक्टर के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहा. हर साल सेमीकंडक्टर के आयात पर अरबों रुपये खर्च कर दिए जाते हैं, लेकिन अब हालात बदले वाले हैं. शुक्रवार, 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से अपने संबोधन में कहा कि देश का पहला ‘मेड इन इंडिया’ सेमीकंडक्टर चिप साल के आखिर तक मार्केट में आ जाएगा.
इस दौरान पीएम मोदी ने अमेरिकी टैरिफ के बीच टेक्नोलॉजी के फील्ड में भी भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार के प्रयासों के बारे में बात की. उन्होंने देश के कई रणनीतिक उद्योगों को भी सहयोग देने के लिए ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की देश की आवश्यकता पर जोर दिया.
सेमीकंडक्टर चिप बनाने में ये देश आगे
मौजूदा समय में चीन, ताइवान, साउथ कोरिया, जापान और अमेरिका जैसे देशों में बड़े पैमाने पर सेमीकंडक्टर चिप बनाए जाते हैं. अकेले चीन और ताइवान मिलकर दुनिया के लगभग 75 परसेंट का प्रोडक्शन करते हैं. हाल ही में यूनियन कैबिनेट की तरफ से इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के तहत चार नए सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दिए जाने के बाद पीएम मोदी ने पहली बार साल के अंत तक बाजार में भारत में बने सेमीकंडक्टर चिप के आने की बात कही. यह चिप-मेकिंग इकोसिस्टम को मजबूत बनाने के भारत की कोशिशों को बयां करते हैं.
सेमीकंडक्टर चिप क्यों इतना जरूरी?
भारत सेमीकंडक्टर चिप बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. भारत में फिलहाल सेमीकंडक्टर की मांग लगभग 24 बिलियन डॉलर है, जिसके 2025 तक 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. 2030 तक तो यह आंकड़ा 110 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा. पेट्रोल और गोल्ड के बाद भारत में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स सबसे ज्यादा इम्पोर्ट किए जाते हैं. इनमें भी सेमीकंडक्टर का हिस्सा करीब 27 परसेंट है.
सेमीकंडक्टर एक तरह का सिलिकॉन चिप होता है. इसका इस्तेमाल मोबाइल, लैपटॉप, स्मार्टवॉच, इलेक्ट्रिक कार से लेकर एलईडी बल्प तक में होता है. आज के समय में फाइटर जेट, मिसाइल, ड्रोन, सबमरीन, हेलीकॉप्टर, युद्धपोतों में भी ये चिप इस्तेमाल किए जाते हैं. सिलिकॉन से बना यह इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेंट किसी भी इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट की मेमोरी को स्टोर करने, प्रॉसेस करने, ऑपरेट करने और सिग्नल एम्प्लीफिकेशन में मदद करती है.
ये भी पढ़ें: