हार्ट अटैक आने वाला है या नहीं? ये टेस्ट करा लिए तो पहले ही पता चल जाएंगे ‘दिल’ के राज हार्ट…

आज के समय में दिल से जुड़ी बीमारियां दुनिया भर में सबसे ज्यादा लोगों की जान ले रही हैं. ये बीमारी इतनी आम हो गई है कि हर साल 5 में से 1 मौत इसकी वजह से हो रही है. लेकिन सबसे बड़ी परेशानी ये है कि लोगों को तब तक पता ही नहीं चलता, जब तक कोई बड़ा हादसा जैसे हार्ट अटैक नहीं हो जाता है. अक्सर हम सुनते हैं कि कोई एकदम से गिर पड़ा और उसे हार्ट अटैक आ गया. ये देखकर लगता है कि हार्ट अटैक बिना किसी चेतावनी के आता है, लेकिन असल में ऐसा नहीं है. ये बीमारियां धीरे-धीरे बनती हैं, लेकिन हम इसके संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं. हम जब डॉक्टर के पास जाते हैं, तब जाकर पता चलता है कि हमारा ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है या कोलेस्ट्रॉल हाई है. लेकिन ये बीमारियां तो बहुत पहले ही शरीर में फैल चुकी होती हैं.
ये बदलाव अंदर ही अंदर लंबे समय से चल रहे होते हैं. बैठे रहने की आदत, ज्यादा तला-भुना और फास्ट फूड खाना, स्ट्रेस और नींद की कमी, तनाव और नींद की कमी ये सब आदतें हमारे दिल के लिए बहुत ही खतरनाक हैं. ये धीरे-धीरे दिल को कमजोर बना देती हैं. लेकिन थोड़े से लाइफस्टाइल में बदलाव और समय-समय पर कुछ जरूरी टेस्ट करवाने से आप इस खतरे को बहुत पहले पहचान सकते हैं और बड़ी बीमारी से खुद को बचा सकते हैं. तो चलिए जानते हैं कि हार्ट अटैक आने वाला है या नहीं कौन सा टेस्ट कराने से दिल के राज पहले ही पता चल जाएंगे.
कौन से टेस्ट करवा कर जान सकते हैं कि हार्ट अटैक आने वाला है या नहीं?
1. कोलेस्ट्रॉल टेस्ट – दिल की सेहत का सबसे बड़ा दुश्मन और खतरा खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL)है .जब यह बढ़ जाता है, तो आर्टीज में जमा होकर ब्लॉकेज बना देता है. ऐसे में लिपिड प्रोफाइल टेस्ट में LDL, HDL और ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा देखी जाती है. वहीं Lipoprotein (a) टेस्ट से पता चलता है कि आपकी जेनेटिक हिस्ट्री से आप दिल की बीमारी के लिए कितने रिस्क पर हैं. वहीं ApoB टेस्ट आपके शरीर में मौजूद हर हानिकारक कोलेस्ट्रॉल कण की गिनती करता है. ये टेस्ट करवा लेने से आपको यह पता चल सकता है कि दिल की नली में कोई जहर तो नहीं जमा हो रहा है.
2. ब्लड शुगर टेस्ट – डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो हार्ट के लिए सबसे ज्यादा खतरा मानी जाती है. ऐसे में A1C टेस्ट यह बताता है कि पिछले 3 महीनों में आपका ब्लड शुगर कैसा रहा, इसके अलावा फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज टेस्ट यह बताता है कि खाना न खाने पर आपकी शुगर कितनी रहती है क्योंकि ब्लड शुगर लगातार बढ़ा हुआ है, तो यह आपकी धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है.
3. किडनी और मेटाबोलिक हेल्थ टेस्ट – आपकी किडनी का दिल से गहरा रिश्ता है. ऐसे में अगर किडनी खराब होगी तो दिल पर दबाव पड़ेगा, और यह सीधा हार्ट अटैक का खतरा बन सकता है. ऐसे में क्रिएटिनिन और eGFR टेस्ट बताते हैं कि किडनी कितना सही काम कर रही है. साथ ही सोडियम, पोटैशियम और कैल्शियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस जरूरी है ताकि हार्ट रेट नॉर्मल रहे.
4. हार्मोन और सूजन के टेस्ट – इसमें थायराइड टेस्ट (TSH, T4) से यह पता चलता है कि शरीर का मेटाबॉलिज्म और हार्ट रेट बैलेंस हैं या नहीं. CRP (C-Reactive Protein) शरीर में सूजन का सिग्नल है. दिल की बीमारियों में अक्सर CRP बढ़ जाता है. इसके अलावा विटामिन D की कमी दिल की सेहत पर सीधा असर करती है. ये सभी टेस्ट आपके शरीर के अंदर चल रही दिक्कत को बताते हैं, जो आगे चलकर दिल के लिए खतरा बन सकती है.
5. ब्लड टेस्ट – CBC (Complete Blood Count) टेस्ट यह बताता है कि आपके खून में क्या कमी या समस्या है. आयरन और फेरिटिन की जांच से यह पता चलता है कि खून में ऑक्सीजन को ले जाने की क्षमता कितनी हैन में आयरन की कमी है, तो दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और वह जल्दी थक सकता है. यह भी दिल की बीमारियों की शुरुआत हो सकती है.
क्या करना चाहिए?
1. हर 6 महीने या साल में एक बार इन जरूरी टेस्ट करवाएं.
2. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं जैसे हेल्दी डाइट, वॉक, योग और स्ट्रेस कम करें.
3. धूम्रपान, ज्यादा शराब और जंक फूड से दूरी बनाए रखें.
4. अगर परिवार में हार्ट डिजीज का इतिहास है, तो अलर्ट हो जाएं.
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